जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में सचिवालय में कोविड स्वास्थ्य सहायकों की वार्ता सोमवार को भी विफल (CHA Protest in Jaipur) रही. हेल्थ सेक्रेटरी डॉक्टर पृथ्वी के साथ करीब आधे घंटे हुई वार्ता में कोई भी सकारात्मक निष्कर्ष सामने नहीं आया. हालांकि सरकार की ओर से मंगलवार को सीएमओ के उच्च स्तर पर वार्ता के लिए आश्वासन दिया गया है. वार्ता के बाद सांसद किरोड़ी लाल मीणा और सीएचए ने कहा कि अजमेर रोड महापुरा में महापड़ाव जब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी नौकरी बहाली के आदेश जारी नहीं कर देती.
वार्ता के बाद ये बोले: हेल्थ सेक्रेट्री डॉ पृथ्वी से वार्ता के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आज की जो वार्ता हुई उसमें सरकार के पास इनन कोविड स्वस्थ्य सहायकों को लेकर कोई जवाब नहीं था. हमने इनसे यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उच्च स्तर पर सक्षम अधिकारियों से वार्ता नहीं होगी, तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकता. इस पर उन्होंने आश्वासन दिया है कि कल यानी मंगलवार को सीएमओ के उच्च स्तर पर उनकी वार्ता कराने का प्रयास किया जाएगा.
वहीं सीएचए रवि चावला ने कहा कि आज की वार्ता बिल्कुल शून्य थी. वार्ता के लिए आमंत्रित किया, लेकिन इनके पास किसी तरह की कोई तैयारी (Kirodi Lal Meena Protest in Jaipur) नहीं थी. हम लगातार 6 महीने से आंदोलन कर रहे हैं बावजूद इसके आज जब वार्ता के लिए बुलाया तो सिर्फ और सिर्फ बातचीत के अलावा कुछ नहीं था. हमने स्पष्ट कर दिया कि सरकार एक बार के लिए तो 1 साल की नौकरी बहाली के आदेश जारी करें, उसके बाद लीगल और फाइनेंस से सलाह करके आगे के नए नियम तय करें. चावला ने कहा कि सरकार अगर कोविड स्वास्थ्य सहायकों को लेकर सकारात्मक रुख रखती है तो उन्हें नौकरी बहाली के आदेश जारी करने चाहिए.
महापड़ाव रहेगा जारी: रवि ने कहा कि अजमेर रोड पर महापड़ाव जारी है. जो आगे भी जारी रहेगा. आज रात को हम एक बार फिर अपनी संख्या बल को बढ़ाएंगे. प्रदेश में 28000 कोविड स्वास्थ्य सहायक है जिन्हें सरकार ने बेरोजगार किया, हम सब से आह्वान करेंगे कि वह महापड़ाव में शामिल हों. महापड़ाव तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार नौकरी बहाली के आदेश जारी नहीं कर देती. चावला ने कहा कि हमारे इस महापड़ाव को विपक्षी पार्टी का समर्थन मिल रहा है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा हमारे साथ में इस पूरे आंदोलन में जुड़े हैं. आज भी इनके नेतृत्व में मुख्यमंत्री निवास कूच किया गया था. वार्ता में भी यह हमारे साथ शामिल थे और आज की रात यह महापड़ाव में भी हमारे साथ रहेंगे. चावला ने कहा कि हम उन सभी राजनीतिक पार्टियों से आग्रह करते हैं कि वह हमें समर्थन दें.
सरकार अपना रुख स्पष्ठ करे: सीएचए रवि ने कहा कि सरकार से एक ही मांग करते हैं कि अब वह अपना रुख स्पष्ट करें. अगर सरकार कोविड स्वास्थ्य सहायकों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं रखती है तो यह स्पष्ट कर दे कि वो हमें नौकरी देने में सक्षम नहीं हैं. हमने कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर, घर परिवार को छोड़कर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे. बावजूद इसके सरकार को लगता है कि अब उन्हें अगर हमारी जरूरत नहीं है. सरकार अगर एक बार यह बोल देती है कि हमें वह नौकरी नहीं लगा सकती है या हमारी बहाली के आदेश जारी नहीं कर सकती है तो हम सब अपने घर लौट जाएंगे. लेकिन सरकार झूठे आश्वासन देकर हमें गुमराह नहीं करें.
ये चला घटना क्रम: पिछले 6 महीने से नौकरी बहाली की मांग को लेकर कोविड सहायकों की ओर से सोमवार सुबह 11:00 बजे से अजमेर रोड महापुरा महापड़ाव डाला गया. इसमें प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में सीएचए शामिल हुए. इसके बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए कूच शुरू किया, हालांकि पुलिस ने अजमेर हाईवे पर किरोड़ी लाल मीणा और उनके साथ सैकड़ों की संख्या में शामिल सीएचए को रोक लिया. इस दौरान करीब 1 घंटे के लिए अजमेर रोड जाम रहा. बाद में पुलिस की समझाइश के बाद किरोड़ी लाल मीणा और 18 सदस्य सीएचए प्रतिनिधिमंडल सचिवालय में हेल्थ सेक्रेट्री डॉ पृथ्वी से मुलाकात के लिए राजी हुआ.
किरोड़ी ने कहा सरकार को नींद से जगाएंगे: इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार भले (Kirodi Lal Meena in Support of CHA) ही बेरोजगारों को नौकरी के दावे करती हो, लेकिन हकीकत यह है कि इसी सरकार ने बेरोजगारों की नौकरी को छीना है. पिछले 6 महीने से जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर फ्रंटलाइन में भूमिका निभाई है, उन्हें सरकार ने बेरोजगार किया है. मीणा ने कहा कि उन्हें उनका हक दिलाने के लिए हर स्तर पर वह सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
31 मार्च से हुआ कोविड सहायकों का पद खत्म : कोरोना काल में लगाए गए 25 हजार से ज्यादा कोविड सहायकों की 31 मार्च से सेवाएं (CHA relieved in Rajasthan) समाप्त कर दी गई थी. कोविड सहायकों की सेवाओं के समाप्त होने के साथ सीएचए ने आंदोलन शुरू कर दिया था. CHA रवि चावल ने बताया कि पिछले 6 महीने से सीएचए का नौकरी बहाली मांग कर रहे हैं. 90 दिन से ज्यादा जयपुर में शहीद स्मारक पर कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने निरंतर धरना दिया. सरकार की ओर से लगातार यह आश्वासन दिया जाता रहा है कि सरकार हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक कदम उठाने का विचार कर रही है. इतना ही नहीं कोविड सहायकों से मिलने पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता आए, आश्वासन दिया. हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारे पक्ष में कुछ सकारात्मक फैसला करेगी. लेकिन जिस तरह से 29 जून को धारा 144 लागू होने का हवाला देकर मध्य रात्रि को हमे धरना स्थल से हटाया गया, मजबूरन कोविड सहायकों को फिर से महापड़ाव डालना पड़ रहा है.
कोविड स्वास्थ्य सहायकों को विपक्ष का समर्थन : कोविड सहायकों की मांग है कि स्वास्थ्य सहायकों (Demands of CHA) की भर्ती नर्स ग्रेड योग्यता अनुसार हुई थी तो स्वास्थ्य सहायकों को उनकी योग्यता अनुसार मूल वर्ग में शामिल करते हुए संविदा कैडर 2022 में शामिल किया जाए. CHA सेवाएं 1-4-2022 से नियमित मानी जाए. इसके साथ ही कोविड स्वास्थ्य सहायकों को योग्यता अनुसार सम्मानजनक वेतन दिया जाना चाहिए.
विधानसभा में विपक्ष उठायेगी मुद्दा: बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा भी कोविड सहायकों को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे. रामलाल शर्मा ने कहा कि हर हालात में इन्हें विपक्ष का समर्थन है. इसके साथ ही जरूरत पड़ी तो कोविड सहायकों की मांग को पुरजोर तरीके से विधानसभा में भी उठाया जाएगा. रामलाल शर्मा ने कहा कि एक ओर सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने की बात करती है तो दूसरी ओर सीएचए को नौकरी छीनने का भी काम कर रही है.