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केंद्रीय योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2020-21 का संपूर्ण अंशदान दें केंद्रः CM गहलोत - सीएम गहलोत का पीएम मोदी को पत्र

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए राज्यों की ओर से अतिरिक्त व्यय किया जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्रीय योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2020-21 का संपूर्ण अंशदान केंद्र सरकार दे.

Chief Minister Ashok Gehlot, CM Gehlot letter to PM Modi
सीएम गहलोत का पीएम मोदी को पत्र
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Published : Jun 18, 2020, 2:06 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्व प्राप्तियों पर विपरीत असर पड़ने के कारण राज्य स्वयं के द्वारा संचालित योजनाओं के लिए ही वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राज्य की हिस्सा राशि की व्यवस्था करना उनके लिए बेहद मुश्किल काम है. ऐसी स्थिति में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 का शत-प्रतिशत अंशदान भारत सरकार ही वहन करें.

गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए राज्यों की ओर से अतिरिक्त व्यय किया जा रहा है. इसके लिए भी केन्द्रीय सहायता आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 का करीब 961 करोड़ रुपए का बकाया जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान, जो वर्ष 2022 तक संरक्षित है उसे जल्द जारी किया जाए.

पढ़ें- PM मोदी की वीसी पर CM गहलोत का निशाना, कहा- राज्यों से चर्चा के बिना कैसे मदद करेगी केंद्र सरकार

साथ ही इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल और मई महीने में कोरोना की वजह से औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियां बंद रही. इस कारण इन दो महीनों का जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान करीब 4500 करोड़ रुपए होगा, यह राशि भी केन्द्र शीघ्र उपलब्ध करवाए.

सीएम गहलोत ने कोरोना से प्रभावित कुटीर, लघु एवं वृह्द उद्योगों के साथ ही सेवा क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को पुनः पटरी पर लाने के लिए राज्यों को एकमुश्त ब्लॉक ग्रांट के रूप में 1 लाख करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान करने की मांग भी दोहराई है. गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद पत्र के माध्यम से प्रेषित किए गए अपने सुझावों में यह बात रखी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्व प्राप्तियों पर विपरीत असर पड़ने के कारण राज्य स्वयं के द्वारा संचालित योजनाओं के लिए ही वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राज्य की हिस्सा राशि की व्यवस्था करना उनके लिए बेहद मुश्किल काम है. ऐसी स्थिति में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 का शत-प्रतिशत अंशदान भारत सरकार ही वहन करें.

गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए राज्यों की ओर से अतिरिक्त व्यय किया जा रहा है. इसके लिए भी केन्द्रीय सहायता आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 का करीब 961 करोड़ रुपए का बकाया जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान, जो वर्ष 2022 तक संरक्षित है उसे जल्द जारी किया जाए.

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साथ ही इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल और मई महीने में कोरोना की वजह से औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियां बंद रही. इस कारण इन दो महीनों का जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान करीब 4500 करोड़ रुपए होगा, यह राशि भी केन्द्र शीघ्र उपलब्ध करवाए.

सीएम गहलोत ने कोरोना से प्रभावित कुटीर, लघु एवं वृह्द उद्योगों के साथ ही सेवा क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को पुनः पटरी पर लाने के लिए राज्यों को एकमुश्त ब्लॉक ग्रांट के रूप में 1 लाख करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान करने की मांग भी दोहराई है. गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद पत्र के माध्यम से प्रेषित किए गए अपने सुझावों में यह बात रखी.

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