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जनवरी में केंद्र ने पैनिक बटन को लेकर जारी किए थे आदेश, अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जनवरी माह के अंतर्गत वाहनों में रजिस्ट्रेशन के समय पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने के आदेश दिए गए थे. अभी तक परिवहन विभाग और पुलिस विभाग मिलकर इसका संयुक्त कंट्रोल रूम तक नहीं बना सके हैं.

जयपुर केंद्रीय सड़क परिवहन, Jaipur Central Road Transport
जयपुर परिवहन भवन
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Published : Oct 13, 2020, 6:21 PM IST

जयपुर. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जनवरी माह के अंतर्गत यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की अनिवार्यता कर दी थी. प्रदेश में परिवहन विभाग की ओर से अभी तक पैनिक बटन और जीपीएस शुरू करने के लिए किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर भी तैयार नहीं किया गया है. ऐसे में खुद की कमी छुपाने के लिए वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन होने के आदेश भी राजस्थान परिवहन विभाग की तरफ से जारी नहीं किया गया है.

बता दें कि टैक्सी वाहनों में महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए यह जरूरी है. इधर शहर में यात्री वाहनों पर नजर डालें तो दिनों दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. राजधानी में 40,000 से अधिक कार ऑटो, बस इत्यादि दौड़ रहे हैं. परिवहन विभाग ने 1 साल पहले यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस लगाने के आदेश जारी किए थे.

पढ़ेंः बड़ी खबरः सीकर में पत्थरों से मारकर बुजुर्ग की हत्या

वाहनों के पंजीयन के समय पैनिक बटन और जीपीएस लगाना जरूरी था. अभी तक परिवहन विभाग और पुलिस विभाग मिलकर इसका संयुक्त कंट्रोल रूम नहीं बना सके हैं. ऐसे में पैनिक बटन यात्रियों के लिए अनुपयोगी साबित हुआ. सवाल खड़े होने के बाद परिवहन विभाग के द्वारा आदेश भी वापस ले लिए गए, लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जनवरी में इसको लेकर वापस आदेश जारी करें. जिसके बाद परिवहन विभाग की ओर से अभी तक इस संबंध में आदेश जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में कहीं ना कहीं परिवहन विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आती है और परिवहन विभाग के ऊपर कई तरह के सवाल भी परिवहन के ऊपर खड़े होते हैं.

पढ़ेंः अलवर: सड़क पर गंदा पानी भरा होने से लोगों का चलना दूभर, एसडीएम से की शिकाय

आखिर क्यों जरूरी है पैनिक बटनः

  • पैनिक बटन एक लाल रंग का बटन होगा बसों में चार अलग-अलग जगह लगाया जाएगा
  • 5 सीटर टैक्सी कैब में ड्राइवर की सीट के पीछे लगेगा
  • खतरा महसूस होने पर कोई भी बटन दबा सकता है
  • बटन दबाते ही मैसेज गगन सॉफ्टवेयर पर जाएगा
  • जिससे पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना पहुंचेगी यह वाहन सॉफ्टवेयर से भी जुड़ा होगा
  • वाहन सॉफ्टवेयर से जुड़े होने से संबंधित वाहन मालिक की पूरी सूचना निकल जाएगी
  • पैनिक बटन को व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा
  • संबंधित वहां की लोकेशन भी पुलिस को समय से मिलेगी
  • नजदीकी थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गाड़ी को रुकवाएगा

कई बार बस टैक्सी में छेड़छाड़ की मिल चुकी है शिकायतः

बता दें कि राजधानी जयपुर के अंतर्गत कई बार बस टैक्सी के अंतर्गत महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले सामने आते हैं. इसके साथ ही कई बार तो टैक्सी चालकों के द्वारा मर्डर तक के मामले राजधानी जयपुर के अंतर्गत सामने आए हैं. कई मामले अपहरण के भी सामने आ चुके हैं. जिसको देखते हुए पैनिक बटन की सुविधा को शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक ना ही आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखा जा रहा है. ना ही ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से मिलकर पैनिक बटन सिस्टम को लागू किया गया है. ऐसे में अब दोनों ही विभागों पर कई तरह के बड़े सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

जयपुर. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जनवरी माह के अंतर्गत यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की अनिवार्यता कर दी थी. प्रदेश में परिवहन विभाग की ओर से अभी तक पैनिक बटन और जीपीएस शुरू करने के लिए किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर भी तैयार नहीं किया गया है. ऐसे में खुद की कमी छुपाने के लिए वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन होने के आदेश भी राजस्थान परिवहन विभाग की तरफ से जारी नहीं किया गया है.

बता दें कि टैक्सी वाहनों में महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए यह जरूरी है. इधर शहर में यात्री वाहनों पर नजर डालें तो दिनों दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. राजधानी में 40,000 से अधिक कार ऑटो, बस इत्यादि दौड़ रहे हैं. परिवहन विभाग ने 1 साल पहले यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस लगाने के आदेश जारी किए थे.

पढ़ेंः बड़ी खबरः सीकर में पत्थरों से मारकर बुजुर्ग की हत्या

वाहनों के पंजीयन के समय पैनिक बटन और जीपीएस लगाना जरूरी था. अभी तक परिवहन विभाग और पुलिस विभाग मिलकर इसका संयुक्त कंट्रोल रूम नहीं बना सके हैं. ऐसे में पैनिक बटन यात्रियों के लिए अनुपयोगी साबित हुआ. सवाल खड़े होने के बाद परिवहन विभाग के द्वारा आदेश भी वापस ले लिए गए, लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जनवरी में इसको लेकर वापस आदेश जारी करें. जिसके बाद परिवहन विभाग की ओर से अभी तक इस संबंध में आदेश जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में कहीं ना कहीं परिवहन विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आती है और परिवहन विभाग के ऊपर कई तरह के सवाल भी परिवहन के ऊपर खड़े होते हैं.

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आखिर क्यों जरूरी है पैनिक बटनः

  • पैनिक बटन एक लाल रंग का बटन होगा बसों में चार अलग-अलग जगह लगाया जाएगा
  • 5 सीटर टैक्सी कैब में ड्राइवर की सीट के पीछे लगेगा
  • खतरा महसूस होने पर कोई भी बटन दबा सकता है
  • बटन दबाते ही मैसेज गगन सॉफ्टवेयर पर जाएगा
  • जिससे पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना पहुंचेगी यह वाहन सॉफ्टवेयर से भी जुड़ा होगा
  • वाहन सॉफ्टवेयर से जुड़े होने से संबंधित वाहन मालिक की पूरी सूचना निकल जाएगी
  • पैनिक बटन को व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा
  • संबंधित वहां की लोकेशन भी पुलिस को समय से मिलेगी
  • नजदीकी थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गाड़ी को रुकवाएगा

कई बार बस टैक्सी में छेड़छाड़ की मिल चुकी है शिकायतः

बता दें कि राजधानी जयपुर के अंतर्गत कई बार बस टैक्सी के अंतर्गत महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले सामने आते हैं. इसके साथ ही कई बार तो टैक्सी चालकों के द्वारा मर्डर तक के मामले राजधानी जयपुर के अंतर्गत सामने आए हैं. कई मामले अपहरण के भी सामने आ चुके हैं. जिसको देखते हुए पैनिक बटन की सुविधा को शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक ना ही आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखा जा रहा है. ना ही ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से मिलकर पैनिक बटन सिस्टम को लागू किया गया है. ऐसे में अब दोनों ही विभागों पर कई तरह के बड़े सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

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