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Gangaur Puja 2022: जयपुर में निकलेगी शाही सवारी, लोक नृत्य का होगा आयोजन

राजधानी में गणगौर का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज दो साल बाद (celebration of gangaur puja in jaipur) पारंपरिक गणगौर सवारी निकाली जाएगी. जिसको देखने देशी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ भी शामिल होने वाली है. इसको लेकर खास व्यवस्था भी की गई है.

gangaur puja in rajasthan
जयपुर में गणगौर पूजा
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Published : Apr 4, 2022, 10:24 AM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में आज लोक पर्व गणगौर अपनी छटा बिखेर रही है. शाही लवाजमे और धूमधाम के साथ एक बार फिर राजधानी की सड़कों पर पारंपारिक गणगौर की सवारी (gangaur sawari in jaipur) निकलेगी. त्रिपोलिया गेट से शुरू होकर ये सवारी त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचेगी. कोरोना काल में लगे 2 साल के ब्रेक के बाद इस बार गणगौर की सवारी निकाली जा रही है. इससे पहले सुबह विवाहिताओं ने अपने पति की लंबी उम्र और सुख शांति के लिए ईसर-गणगौर (शिव-गौरी) की विधि-विधान के साथ पूजा किया. वहीं कुंवारी युवतियों ने भी मनचाहा पति पाने के लिए कामना की.

चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आज गणगौर का पर्व (celebration of gangaur puja in jaipur) मनाया जा रहा है. महिलाएं शृंगार कर ताजा पानी कलश में भरकर हरी दूब और फूल से सजाकर इन्हें सिर पर रख गणगौर के गीत गाती हुई निकली. होली के दूसरे दिन जिन घरों में माता गणगौर को विराजमान कराया गया था, वहां पहुंच विवाहित महिलाओं और कुंवारी युवतियों ने भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया. इससे पहले रविवार को महिलाओं ने सिंजारा पर्व मनाया. इसके अलावा नव विवाहिता के ससुरालवाले सुहाग का सामान, साड़ी और मिठाई भेजते हैं. महिलाएं घर पर पुणे और शक्कर के पारे बनाती हैं.

पढ़ें-Gangaur Puja 2022: राजस्थान के इस लोकपर्व की विशेष मान्यताएं, विवाहित महिलाओं और लड़कियों के लिए खास है गणगौर

सवारी में लोक-नृत्य का आयोजन: शाम को प्रसिद्ध गणगौर की सवारी देखने के लिए एक बार फिर जयपुर में देशी-विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगेगा. इस सवारी में गणगौर माता विशेष रूप से सजाई जाएगी. गणगौर का सवारी ऊंट, घोड़े, बैलगाड़ी और शाही हाथी के लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट से निकलेगी. सवारी में कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलिया और चकरी जैसे लोक नृत्य का आयोजन होगा. साथ ही कई बैंड ग्रुप भी शामिल होंगे. गणगौर की सवारी जयपुर के परिदृश्य से अपना अलग ही महत्व रखती है. हालांकि बीते 2 सालों से कोरोना की वजह से गणगौर की सवारी नहीं निकाली गई थी. लेकिन इस बार ये लोकपर्व फिर पर्यटकों, स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.

बता दें कि सोमवार और मंगलवार दोनों दिन गणगौर माता की (tourists in jaipur for gangaur puja) सवारी निकलेगी. माता का लवाजमा सिटी पैलेस से निकल कर चौड़ा रास्ता, नेहरू बाजार, किशनपोल बाजर होते हुए छोटी चोपड़, गणगौरी बाजार, चौगान स्टेडियम से पौन्ड्रिक पार्क के सामने तालकटोरा पहुंचेगा. गणगौर के सवारी को लेकर हेरिटेज निगम ने मार्ग में संपूर्ण सफाई व्यवस्था, त्रिपोलिया बाजार के सामने हिंद होटल की दुकानों के ऊपर पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था, गणगौर माता की सवारी के साथ चलने वाले कलाकारों और माता की सवारी उठाने वाले कर्मचारियों के पैरों को गर्मी से बचाने के लिए सवारी यात्रा में पानी का छिड़काव और जगह-जगह पीने के पानी की व्यवस्था की है. इसके साथ ही छोटी चौपड़ पर शहनाई वादन और गणगौर के सवारी मार्ग पर सड़क की रंगोली की व्यवस्था भी रहेगी.

जयपुर. राजधानी जयपुर में आज लोक पर्व गणगौर अपनी छटा बिखेर रही है. शाही लवाजमे और धूमधाम के साथ एक बार फिर राजधानी की सड़कों पर पारंपारिक गणगौर की सवारी (gangaur sawari in jaipur) निकलेगी. त्रिपोलिया गेट से शुरू होकर ये सवारी त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचेगी. कोरोना काल में लगे 2 साल के ब्रेक के बाद इस बार गणगौर की सवारी निकाली जा रही है. इससे पहले सुबह विवाहिताओं ने अपने पति की लंबी उम्र और सुख शांति के लिए ईसर-गणगौर (शिव-गौरी) की विधि-विधान के साथ पूजा किया. वहीं कुंवारी युवतियों ने भी मनचाहा पति पाने के लिए कामना की.

चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आज गणगौर का पर्व (celebration of gangaur puja in jaipur) मनाया जा रहा है. महिलाएं शृंगार कर ताजा पानी कलश में भरकर हरी दूब और फूल से सजाकर इन्हें सिर पर रख गणगौर के गीत गाती हुई निकली. होली के दूसरे दिन जिन घरों में माता गणगौर को विराजमान कराया गया था, वहां पहुंच विवाहित महिलाओं और कुंवारी युवतियों ने भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया. इससे पहले रविवार को महिलाओं ने सिंजारा पर्व मनाया. इसके अलावा नव विवाहिता के ससुरालवाले सुहाग का सामान, साड़ी और मिठाई भेजते हैं. महिलाएं घर पर पुणे और शक्कर के पारे बनाती हैं.

पढ़ें-Gangaur Puja 2022: राजस्थान के इस लोकपर्व की विशेष मान्यताएं, विवाहित महिलाओं और लड़कियों के लिए खास है गणगौर

सवारी में लोक-नृत्य का आयोजन: शाम को प्रसिद्ध गणगौर की सवारी देखने के लिए एक बार फिर जयपुर में देशी-विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगेगा. इस सवारी में गणगौर माता विशेष रूप से सजाई जाएगी. गणगौर का सवारी ऊंट, घोड़े, बैलगाड़ी और शाही हाथी के लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट से निकलेगी. सवारी में कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलिया और चकरी जैसे लोक नृत्य का आयोजन होगा. साथ ही कई बैंड ग्रुप भी शामिल होंगे. गणगौर की सवारी जयपुर के परिदृश्य से अपना अलग ही महत्व रखती है. हालांकि बीते 2 सालों से कोरोना की वजह से गणगौर की सवारी नहीं निकाली गई थी. लेकिन इस बार ये लोकपर्व फिर पर्यटकों, स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.

बता दें कि सोमवार और मंगलवार दोनों दिन गणगौर माता की (tourists in jaipur for gangaur puja) सवारी निकलेगी. माता का लवाजमा सिटी पैलेस से निकल कर चौड़ा रास्ता, नेहरू बाजार, किशनपोल बाजर होते हुए छोटी चोपड़, गणगौरी बाजार, चौगान स्टेडियम से पौन्ड्रिक पार्क के सामने तालकटोरा पहुंचेगा. गणगौर के सवारी को लेकर हेरिटेज निगम ने मार्ग में संपूर्ण सफाई व्यवस्था, त्रिपोलिया बाजार के सामने हिंद होटल की दुकानों के ऊपर पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था, गणगौर माता की सवारी के साथ चलने वाले कलाकारों और माता की सवारी उठाने वाले कर्मचारियों के पैरों को गर्मी से बचाने के लिए सवारी यात्रा में पानी का छिड़काव और जगह-जगह पीने के पानी की व्यवस्था की है. इसके साथ ही छोटी चौपड़ पर शहनाई वादन और गणगौर के सवारी मार्ग पर सड़क की रंगोली की व्यवस्था भी रहेगी.

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