जयपुर. राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन शुरू होने के साथ ही उम्मीदवार कौन हो, इसे लेकर लगातार भाजपा-कांग्रेस में मंथन चल रहा है. क्योंकि राजस्थान में बहुमत के चलते कांग्रेस पार्टी के खाते में 4 में से 3 सीट जाने की पूरी संभावना के चलते न केवल कांग्रेस के नेता, बल्कि प्रदेश का हर समाज अपने लिए राज्यसभा की टिकट मांग रहा है.
राजस्थान में इधर आदिवासी और गैर आदिवासी को लेकर विवाद और बहस की स्थिति बन ही रही है कि दक्षिणी राजस्थान से किसी आदिवासी को भेजा जाए या फिर गैर आदिवासी को. वहीं, दूसरी ओर (Rajasthan Politics for Rajyasabha) राजस्थान के अलग-अलग समाज को लोग भी अपने लिए राज्यसभा की सीट चाहते हैं.
आदिवासी या गैर आदिवासी : आदिवासी क्षेत्र जिनमें उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले आते हैं. इन्हें राज्यसभा में प्रतिनिधित्व देने को लेकर कांग्रेस पार्टी में विवाद की स्थिति बन गई है. जहां कांग्रेस में आदिवासी क्षेत्र से आने वाले मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय समेत क्षेत्र के नेता यह मांग कर रहे हैं कि इस क्षेत्र में सांसद और ज्यादातर विधायकों की सीट आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं.
ऐसे में राज्यसभा में किसी गैर आदिवासी को कांग्रेस पार्टी मौका दे तो वहीं कांग्रेस पार्टी के ही विधायक गणेश घोघरा, रामलाल मीणा समेत कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा और पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा आदिवासी मुद्दों को उच्च सदन में रखने के लिए किसी आदिवासी को ही टिकट देने की बात कर रहे हैं. ऐसे में गैर आदिवासी के तौर पर पार्टी दिनेश खोदनिया को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाकर रिस्क लेती है या नहीं या आने वाला समय बताएगा.
गुर्जर : गुर्जर समाज की ओर से भी राज्यसभा के प्रतिनिधित्व की मांग रखी जा रही है, जहां देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर अवाना ने गुर्जर समाज के लिए (Condition of Gurjar People in Rajasthan) राज्यसभा में प्रतिनिधित्व की मांग रखी है. वहीं, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा ने भी कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा में गुर्जर को भेजने की मांग की है.
राजपूत : राजपूत समाज ने भवानी निकेतन में लाखों की संख्या में अनुशासन के साथ कार्यक्रम कर अपनी ताकत का एहसास तो सरकारों को कराया ही था. इसके साथ ही जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ क्षत्रिय युवक संघ लगातार संपर्क में है और राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष की ओर से भी यह कहा गया है कि राजपूत समाज को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. उससे लगता है कि राज्यसभा में राजपूत समाज पूरी तरीके से लॉबिंग कर रहा है और कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में राजस्थान के सबसे मजबूत नेताओं में से एक भंवर जितेंद्र को राज्यसभा भी भेजा जा सकता है.
जाट : जाट समाज की ओर से भले ही खुले मंच से राज्यसभा की टिकट की मांग (Caste Politics in Rajasthan) नहीं की जा रही हो, लेकिन अंदर खाने यह समाज पूरी तरीके से राज्यसभा में अपने प्रतिनिधित्व के लिए लॉबिंग करता हुआ दिखाई दे रहा है. जाट समाज से राज्यसभा के प्रतिनिधित्व के रूप में सबसे बड़ा नाम अगर कोई चल रहा है तो वह है राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर का.
ब्राह्मण : ब्राह्मण समाज की ओर से भी राज्यसभा में प्रतिनिधित्व की मांग की जा रही है. प्रदेश कांग्रेस के सदस्य (Nomination for Rajyasabha Election) संदीप शर्मा ने ब्राह्मणों को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व देने की मांग उठाते हुए यह कहा है कि ब्राह्मण समाज लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को इस बार राज्यसभा में एक सीट ब्राह्मण समाज को देनी चाहिए.