जयपुर. राजस्थान में लगातार महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है. अगर बात सिर्फ प्रदेश की राजधानी जयपुर की करें तो, राजधानी में महिलाओं के प्रति अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा है. आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं.
जयपुर में औसतन रोजाना 1 से अधिक महिला दुष्कर्म की शिकार हो रही है. जो जयपुर पुलिस के लिए भी चिंता का एक बड़ा विषय है. जहां एक ओर पुलिस मुख्यालय महिला अपराधों को लेकर गंभीर नजर आता है तो वहीं दूसरी तरफ राजधानी जयपुर में बढ़ रहे महिला अत्याचारों के मामले पुलिस की पोल खोलते नजर आ रहे हैं.
जयपुर में साल 2018 में घटित हुए दुष्कर्म के मामले और साल 2019 में अक्टूबर महीने तक घटित हुए दुष्कर्म के मामलों पर यदि बात की जाए तो एक बड़ा अंतर दिखाई देता है. साल 2019 में अक्टूबर महीने में घटित हुए दुष्कर्म के आंकड़े साल 2018 में घटित हुए दुष्कर्म के आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं. साल 2019 में दुष्कर्म के प्रकरणों में पश्चिम जिला पहले स्थान पर है.
यदि राजधानी जयपुर में ही महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो फिर प्रदेश के बाकी जिलों में महिला सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले दावे कितने खोखले होंगे. इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. वहीं एक नजर जयपुर में हो रहे महिलाओं के खिलाफ अत्याचर के आंकड़ों पर...
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साल 2018 में जयपुर कमिश्नरेट का दक्षिण जिला दुष्कर्म के प्रकरणों में पहले स्थान पर रहा. वहीं पश्चिम जिले में दुष्कर्म के 4 प्रकरण पेंडिंग रहे.
दुष्कर्म के पेंडिंग प्रकरणों में भी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट का पश्चिम जिला पहले स्थान पर है. जैसा की आपने पढ़ा कि राजधानी में बेटी और महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में कहीं ना कहीं महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार पर भी सवाल खड़े होते हैं कि आखिर रोजाना एक महिला कैसे इस ज्यादती का शिकार बनती है. वहीं पूरे प्रदेश से भी आए दिन बेटियों से साथ हैवानियत की खबरें सामने आती है. वहीं सुरक्षा देने वाली पुलिस भी इन सवालों के घेरे में है कि आखिर किस तरह से वो जनता की सुरक्षा में है कि अपराधी बेखौफ होकर अपराधों को अंजाम दे रहा है. कहीं ना कहीं जयपुर से सामने आने वाले ये आंकड़े सरकार और पुलिस को सोचने पर मजबूर करेंगे.