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विधायकों के आवास खाली करवाने पर भड़के कैलाश मेघवाल, CM को लिखा पत्र

प्रदेश में विधायकों के आवास खाली करवाने पर भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल भड़क गए हैं. मामले को लेकर मेघवाल ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर दुराग्रह का आरोप लगाया है.

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Published : Oct 6, 2020, 7:36 PM IST

Case to vacate the house of MLAs , Kailash Meghwal wrote a letter to CM Gehlot
विधायकों के आवास खाली करवाने पर भड़के कैलाश मेघवाल

जयपुर. राजधानी में विधायकों के आवंटित सरकारी आवास को हटाकर उसकी जमीन पर बहुमंजिला आवास बनाने के मामले में विरोध जारी है. अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. मेघवाल ने आरोप लगाया कि विधायकों की बिना सहमति से आवंटित आवासों को खाली करवाने का आदेश विधि के विरुद्ध है. मेघवाल ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी पर भी दुराग्रह का आरोप लगाया.

विधायकों के आवास खाली करवाने पर भड़के कैलाश मेघवाल

मेघवाल ने अपने पत्र में पिछले दिनों समाचार पत्रों में छपी उस खबरों को भी भ्रामक बताया, जिसमें विधायक नगर पश्चिम के 21 फ्लैट विधायकों की ओर से रिक्त कर दिया गया और उनमें तोड़फोड़ चालू होने की बात लिखी गई. मेघवाल ने कहा कि इनमें से अधिकतर प्लैट बिना आवंटन के रिक्त ही थे. ऐसी स्थिति में उन्हें खाली करवाने का सवाल ही नहीं उठता और समाचार पत्र में असत्य कथन किया गया ताकि विधायकों पर मानसिक दबाव बनाया जा सके.

पढ़ें- राजस्थान विधानसभा का अजीब संयोग: सदन में पूरे 5 साल नहीं रह पाता 200 विधायकों का आंकड़ा

वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल ने कहा कि राजस्थान विधानसभा (सदस्यों के निवासी सुविधा) नियम 1973 के नियम 3 की पालना में निवासी सुविधाओं का आवंटन उप नियम 12 के अनुसार आवेदक की ओर से अथवा उसकी ओर से उसका कब्जा लिए जाने की तारीख से प्रभावशाली होगा और राजस्थान विधानसभा की उसकी सदस्यता समाप्त होने के एक महीने बाद तक कार्यकाल निर्धारित किया है.

कैलाश मेघवाल के अनुसार पिछले कई वर्षों से विधायकों के आवास के लिए फ्लैट बनाने का एक अव्यवहारिक और अनावश्यक योजना पर विचार चल रहा है. इस योजना का किसी भी विधायक और किसी भी मंच से कोई मांग नहीं की गई, लेकिन उसके लिए ताबड़तोड़ काम प्रारंभ करने की कोशिश चल रही है. जबकि इसकी कतई आवश्यकता नहीं है. विधायकों के लिए वर्तमान में चल रही आवास व्यवस्था से सभी विधायक पूर्णता संतुष्ट हैं.

पढ़ें- कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी का निधन...सीएम गहलोत ने जताई संवेदना, डोटासरा ने भी दी श्रद्धांजलि

मेघवाल ने यह भी लिखा कि वर्ष 2018-19 में आवंटन के बाद इन आवासों पर मरम्मत आदि पर सरकार की ओर से करीब 5-6 करोड़ रुपए खर्च किए गए. वहीं कई विधायकों ने अपने स्तर पर इन आवासों में मनमाफिक सुविधाओं को ध्यान में लेकर कई करोड़ रुपए भी खर्च किए. इन आवासों में स्वतंत्र रूप से विधायक क्वॉर्टर है और अन्य स्थानों पर भूतल के फ्लैट में आवास है. उनके अनुसार विधायक प्रथम तल पर अपवाद स्वरूप ही मजबूरी में रहना स्वीकार करते हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि द्वितीय तल से आठवीं तक के फ्लैट का कोई आकर्षण विधायकों में नहीं है.

विधानसभा अध्यक्ष पर लगाया दुराग्रह का आरोप

विधायक कैलाश मेघवाल ने विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी पर भी दुराग्रह का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नए आवास प्लैट्स की योजना के निर्माण के लिए भी जोशी के दौरा करने का एक बड़ा कारण है. मेघवाल ने कहा कि विधायकों का आवास 8 मंजिला होने पर उनके सामने आने वाली व्यवहारिक समस्याओं और कठिनाइयों का भी वास्तविक धरातल पर रहकर अंदाजा लगाना चाहिए.

मेघवाल ने कहा कि इस संबंध में किसी भी मंच पर बहस करने को तैयार हूं. इस विषय पर खुली बहस होनी चाहिए, जिनमें विधायकों की राय भी आ जाए जिनके लिए इन फ्लैटों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है.

विधानसभा भवन से ऊंची इमारत होना गलत

मेघवाल के अनुसार 8 मंजिला भवन और उसके भूतल के नीचे विधायकों के वाहन खड़े करने की व्यवस्था और 8वीं मंजिल के बाद छत पर जाने की व्यवस्था से जो ऊंचाई बनती है, वो विधानसभा भवन से ज्यादा ऊंची होगी. इससे देश में विशिष्ट स्थान रखने वाले विधानसभा भवन की गरिमा और महत्व में भी कमी आएगी.

मेघवाल ने कहा कि ऊंचाई वाले इस भवन से सुरक्षा को खतरा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता देश में किसी भी विधानसभा भवन के पास उसकी ऊंचाई से अधिक ऊंचाई वाले भवन का निर्माण निषेध है. मेघवाल ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से इस योजना को पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए. मौजूदा समय में प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है और कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार इस योजना पर पुनर्विचार करें.

जयपुर. राजधानी में विधायकों के आवंटित सरकारी आवास को हटाकर उसकी जमीन पर बहुमंजिला आवास बनाने के मामले में विरोध जारी है. अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. मेघवाल ने आरोप लगाया कि विधायकों की बिना सहमति से आवंटित आवासों को खाली करवाने का आदेश विधि के विरुद्ध है. मेघवाल ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी पर भी दुराग्रह का आरोप लगाया.

विधायकों के आवास खाली करवाने पर भड़के कैलाश मेघवाल

मेघवाल ने अपने पत्र में पिछले दिनों समाचार पत्रों में छपी उस खबरों को भी भ्रामक बताया, जिसमें विधायक नगर पश्चिम के 21 फ्लैट विधायकों की ओर से रिक्त कर दिया गया और उनमें तोड़फोड़ चालू होने की बात लिखी गई. मेघवाल ने कहा कि इनमें से अधिकतर प्लैट बिना आवंटन के रिक्त ही थे. ऐसी स्थिति में उन्हें खाली करवाने का सवाल ही नहीं उठता और समाचार पत्र में असत्य कथन किया गया ताकि विधायकों पर मानसिक दबाव बनाया जा सके.

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वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल ने कहा कि राजस्थान विधानसभा (सदस्यों के निवासी सुविधा) नियम 1973 के नियम 3 की पालना में निवासी सुविधाओं का आवंटन उप नियम 12 के अनुसार आवेदक की ओर से अथवा उसकी ओर से उसका कब्जा लिए जाने की तारीख से प्रभावशाली होगा और राजस्थान विधानसभा की उसकी सदस्यता समाप्त होने के एक महीने बाद तक कार्यकाल निर्धारित किया है.

कैलाश मेघवाल के अनुसार पिछले कई वर्षों से विधायकों के आवास के लिए फ्लैट बनाने का एक अव्यवहारिक और अनावश्यक योजना पर विचार चल रहा है. इस योजना का किसी भी विधायक और किसी भी मंच से कोई मांग नहीं की गई, लेकिन उसके लिए ताबड़तोड़ काम प्रारंभ करने की कोशिश चल रही है. जबकि इसकी कतई आवश्यकता नहीं है. विधायकों के लिए वर्तमान में चल रही आवास व्यवस्था से सभी विधायक पूर्णता संतुष्ट हैं.

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मेघवाल ने यह भी लिखा कि वर्ष 2018-19 में आवंटन के बाद इन आवासों पर मरम्मत आदि पर सरकार की ओर से करीब 5-6 करोड़ रुपए खर्च किए गए. वहीं कई विधायकों ने अपने स्तर पर इन आवासों में मनमाफिक सुविधाओं को ध्यान में लेकर कई करोड़ रुपए भी खर्च किए. इन आवासों में स्वतंत्र रूप से विधायक क्वॉर्टर है और अन्य स्थानों पर भूतल के फ्लैट में आवास है. उनके अनुसार विधायक प्रथम तल पर अपवाद स्वरूप ही मजबूरी में रहना स्वीकार करते हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि द्वितीय तल से आठवीं तक के फ्लैट का कोई आकर्षण विधायकों में नहीं है.

विधानसभा अध्यक्ष पर लगाया दुराग्रह का आरोप

विधायक कैलाश मेघवाल ने विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी पर भी दुराग्रह का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नए आवास प्लैट्स की योजना के निर्माण के लिए भी जोशी के दौरा करने का एक बड़ा कारण है. मेघवाल ने कहा कि विधायकों का आवास 8 मंजिला होने पर उनके सामने आने वाली व्यवहारिक समस्याओं और कठिनाइयों का भी वास्तविक धरातल पर रहकर अंदाजा लगाना चाहिए.

मेघवाल ने कहा कि इस संबंध में किसी भी मंच पर बहस करने को तैयार हूं. इस विषय पर खुली बहस होनी चाहिए, जिनमें विधायकों की राय भी आ जाए जिनके लिए इन फ्लैटों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है.

विधानसभा भवन से ऊंची इमारत होना गलत

मेघवाल के अनुसार 8 मंजिला भवन और उसके भूतल के नीचे विधायकों के वाहन खड़े करने की व्यवस्था और 8वीं मंजिल के बाद छत पर जाने की व्यवस्था से जो ऊंचाई बनती है, वो विधानसभा भवन से ज्यादा ऊंची होगी. इससे देश में विशिष्ट स्थान रखने वाले विधानसभा भवन की गरिमा और महत्व में भी कमी आएगी.

मेघवाल ने कहा कि ऊंचाई वाले इस भवन से सुरक्षा को खतरा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता देश में किसी भी विधानसभा भवन के पास उसकी ऊंचाई से अधिक ऊंचाई वाले भवन का निर्माण निषेध है. मेघवाल ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से इस योजना को पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए. मौजूदा समय में प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है और कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार इस योजना पर पुनर्विचार करें.

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