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जयपुरः बच्ची की तलाश में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर भारतीय सेना का पूर्व जवान

31 जनवरी से लापता बच्ची की तलाश में भारतीय सेना का पूर्व जवान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. लापता बच्ची के पिता अपनी बच्ची की तलाश में पुलिस के एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के सामने गुहार लगा रहा है, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है. पूर्व जवान का कहना है कि पुलिस कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

जयपुर में बच्ची लापता,  girl missing in Jaipur
जयपुर में बच्ची लापता
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Published : Feb 5, 2020, 9:20 PM IST

जयपुर. राजधानी के सांगानेर सदर थाना इलाके से 31 जनवरी से लापता 17 साल की किरण ज्योति की तलाश में उसके परिजन दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. किरण के पिता भारतीय सेना से नायक के पद पर रिटायर्ड हैं और अपनी बच्ची की तलाश में पुलिस के एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के सामने गुहार लगाते हुए नजर आ रहे हैं.

जयपुर में बच्ची लापता

सांगानेर सदर थाना पुलिस ने किरण की गुमशुदगी दर्ज करके ही मामले से इतिश्री कर ली और किरण की तलाश करने की जहमत तक नहीं उठाई. किरण के पिता रणजीत सिंह का कहना है कि 31 जनवरी से किरण लापता है, जिसकी गुमशुदगी उन्होंने सांगानेर सदर थाने में दर्ज करवाई है. गुमशुदगी दर्ज होने के बाद भी जब किरण के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली और सांगानेर सदर थाना पुलिस से प्रकरण में सहयोग नहीं मिला तो रणजीत अपनी पत्नी के साथ पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने आला अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी पीड़ा जाहिर की.

पढ़ें- शादी का न्योता देने गए चाचा-भतीजा लापता, पुलिस कर रही तलाश

पुलिस के आला अधिकारियों ने बच्ची को जल्द ढूंढने का आश्वासन देकर रणजीत को वापस लौटा दिया. रणजीत और उनकी पत्नी एक आस लेकर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे थे कि शायद पुलिस के आला अधिकारी उनकी पीड़ा सुनकर सांगानेर सदर थाना पुलिस को प्रकरण में कार्रवाई करने को कहे. लेकिन पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से भी रणजीत को महज आश्वासन ही हाथ लगा.

रणजीत का कहना है कि उन्हें कुछ लोगों पर शक है, जिनके मोबाइल नंबर भी उन्होंने पुलिस को दिए हैं इसके बावजूद भी पुलिस कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

जयपुर. राजधानी के सांगानेर सदर थाना इलाके से 31 जनवरी से लापता 17 साल की किरण ज्योति की तलाश में उसके परिजन दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. किरण के पिता भारतीय सेना से नायक के पद पर रिटायर्ड हैं और अपनी बच्ची की तलाश में पुलिस के एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के सामने गुहार लगाते हुए नजर आ रहे हैं.

जयपुर में बच्ची लापता

सांगानेर सदर थाना पुलिस ने किरण की गुमशुदगी दर्ज करके ही मामले से इतिश्री कर ली और किरण की तलाश करने की जहमत तक नहीं उठाई. किरण के पिता रणजीत सिंह का कहना है कि 31 जनवरी से किरण लापता है, जिसकी गुमशुदगी उन्होंने सांगानेर सदर थाने में दर्ज करवाई है. गुमशुदगी दर्ज होने के बाद भी जब किरण के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली और सांगानेर सदर थाना पुलिस से प्रकरण में सहयोग नहीं मिला तो रणजीत अपनी पत्नी के साथ पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने आला अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी पीड़ा जाहिर की.

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पुलिस के आला अधिकारियों ने बच्ची को जल्द ढूंढने का आश्वासन देकर रणजीत को वापस लौटा दिया. रणजीत और उनकी पत्नी एक आस लेकर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे थे कि शायद पुलिस के आला अधिकारी उनकी पीड़ा सुनकर सांगानेर सदर थाना पुलिस को प्रकरण में कार्रवाई करने को कहे. लेकिन पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से भी रणजीत को महज आश्वासन ही हाथ लगा.

रणजीत का कहना है कि उन्हें कुछ लोगों पर शक है, जिनके मोबाइल नंबर भी उन्होंने पुलिस को दिए हैं इसके बावजूद भी पुलिस कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी के सांगानेर सदर थाना इलाके से 31 जनवरी से लापता साढ़े 17 साल की किरण ज्योति की तलाश में उसके परिजन दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। किरण के पिता भारतीय सेना से नायक के पद पर रिटायर्ड है और अपनी बच्ची की तलाश में पुलिस के एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के सामने गुहार लगाते हुए नजर आ रहे हैं। सांगानेर सदर थाना पुलिस ने किरण की गुमशुदगी दर्ज करके ही मामले से इतिश्री कर ली और किरण की तलाश करने की जहमत तक नहीं उठाई।


Body:वीओ- किरण के पिता रणजीत सिंह का कहना है कि 31 जनवरी से किरण लापता है जिसकी गुमशुदगी उन्होंने सांगानेर सदर थाने में दर्ज करवाई है। गुमशुदगी दर्ज होने के बाद भी जब किरण के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली और सांगानेर सदर थाना पुलिस से प्रकरण में सहयोग नहीं मिला तो रणजीत अपनी पत्नी के साथ पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे। जहां पर उन्होंने आला अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी पीड़ा जाहिर की। पुलिस के आला अधिकारियों ने बच्ची को जल्द ढूंढने का आश्वासन देकर रणजीत को वापस लौटा दिया। रणजीत और उनकी पत्नी एक आस लेकर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे थे कि शायद पुलिस के आला अधिकारी उनकी पीड़ा सुनकर पिघल जाए और सांगानेर सदर थाना पुलिस को प्रकरण में कार्रवाई करने को कहें लेकिन पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से भी रणजीत को महज आश्वासन ही हाथ लगा। रणजीत का कहना है कि उन्हें कुछ लोगों पर शक है। जिनके मोबाइल नंबर भी उन्होंने पुलिस को दिए हैं इसके बावजूद भी पुलिस कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

बाइट- रणजीत सिंह, किरण के पिता


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