जयपुर. राजधानी जयपुर के जवाहर नगर थाना इलाके में एसीबी अधिकारी बनकर लूट करने की वारदात का पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है. मामले में जवाहर नगर थाना पुलिस ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. वहीं, मामले में नगदी ले जाने वाले अन्य आरोपी फरार हैं. फाइनेंसर के बेटे विदित से फरार आरोपियों के संबंध में पूछताछ की जा रही है.
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पुलिस के मुताबिक जब लूट की वारदात का खुलासा करने के लिए परिवादी के बेटे से पूछताछ की तो पहले उसने तीन लोगों के घर में घुसने की बात कही, लेकिन बार-बार वह अपने बयान बदलता रहा. शुरुआत में तीन बदमाशों की ओर से एसीबी अधिकारी बनकर लूट करने की बात बताई. इसके बाद जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक किए तो उसमें केवल दो ही बदमाश घर के अंदर आते और जाते नजर आए. इसके बाद पुलिस ने गहनता से पूछताछ की, तो परिवादी के बेटे विदित ने वारदात की साजिश रचना स्वीकार कर लिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अन्य साथियों की तलाश शुरू कर दी है.
पुलिस के अनुसार आरोपी विदित ने एसीबी का लोगो डाउनलोड किया था. इसके बाद एक फर्जी सीजर नोट भी बनाया था, जो कि साइन करके रुपए ले जाने वाले अन्य आरोपियों को दे दिया था. हालांकि, पूछताछ में यह भी सामने आया है कि रुपए लूटकर ले जाने वाले आरोपियों के पास एसीबी का कोई कार्ड नहीं था, यह पूरी झूठी कहानी आरोपी विदित ने ही बनाई थी.
पुलिस के मुताबिक आरोपी को बिटकॉइन में लाखों रुपए का नुकसान हुआ था. नुकसान की भरपाई करने के लिए अपने साथियों के साथ मिलकर लूट करने की साजिश रची, जिसके बाद दोस्तों के साथ मिलकर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया. शुक्रवार को हुई इस वारदात के बाद पुलिस की टीमों ने दिन भर कड़ी मशक्कत की और मामले का पर्दाफाश कर शनिवार को मास्टरमाइंड विदित को गिरफ्तार किया है.
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पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी विदित परिवादी दीपक शर्मा का बेटा ही निकला है. फाइनेंस कारोबारी दीपक शर्मा की ओर से इस संबंध में मामला दर्ज करवाया गया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि तीन युवक उनके घर में घुसे और खुद को एसीबी अधिकारी बताते हुए घर में रखी करीब 23 लाख रुपए की नकदी लेकर फरार हो गए. वारदात के वक्त उनका बेटा विदित घर पर अकेला था. घटना के बाद जवाहर नगर थाना पुलिस के साथ ही डीएसटी की टीम ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरो के फुटेज खंगाले, तो दो युवक बैग लेकर जाते दिखाई दिए.
पुलिस ने जब परिवादी के बेटे विदित से पूछताछ की तो बार-बार वह अपने बयान बदलता रहा. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हो गया. डीसीपी ने बताया कि आरोपी विदित को ऑनलाइन गेमिंग और बिटकॉइन में लाखों रुपए का घाटा हो गया था. उधार चुकाने के लिए विदित ने अपने साथियों के साथ साजिश रची और इस वारदात को अंजाम दिया. आरोपी विदित शहर के नामी कॉलेज में द्वितीय वर्ष का छात्र है. उसके अपराधिक छवि वाले लोगों के साथ संपर्क हैं. फिलहाल, पुलिस फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.