जोधपुर. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान मंगलवार को याचिकाकर्ता परीक्षित खरोर के अधिवक्ता दीपक चौधरी ने राज्य सरकार की ओर से पेश किये गये अतिरिक्त शपथ पत्र पर काउंटर जवाब पेश कर दिया.
उच्च न्यायालय ने काउंटर जवाब को रिकार्ड में लेने के निर्देश दिये हैं. मामले में 27 मई को अगली सुनवाई मुकरर्र की है. न्यायालय ने राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित को निर्देश दिये हैं कि सिरोही अस्पताल में कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान कितने मरीज थे और कितनो को वेंटीलेटर सुविधा दी गई है, उसका पूरा रिकार्ड पेश किया जाये.
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गौरतलब है कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने याचिका में बताया कि सिरोही के अस्पताल में 43 वेंटिलेटर खरीदे गए लेकिन उन से जुड़ा सामान नहीं होने से उनका उपयोग नहीं हो रहा है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित ने जवाब पेश किया था.
जवाब में कहा कि 43 वेंटिलेटर मे से 5 को रिपेयर कर उपयोग कर दिया गया है. अन्य शेष रहे वेंटिलेटर उनको भी जल्द रिपेयरिंग करके उपयोग लिया जाएगा. इस पर उच्च न्यायालय ने गंभीरता दिखाते हुए कहा कि 2 दिन में सभी वेंटिलेटर को रिपेयर करके काम में लिया जाए.
पाली के लकी गांव के तालाब का मामला
पाली जिले की रायपुर तहसील के लकी गांव के तालाब की गैर मुमकिन जमीन को किसी अप्रार्थीगणों के नाम रिकार्ड में दर्ज करने एवं अतिक्रमण के मामले में उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद पीएलपीसी के समक्ष जाने के आवश्यक निर्देश के साथ जनहित याचिका को निस्तारित किया गया. राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता गोपाल सिंह और अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आवडदान उज्जवल ने बताया कि रायपुर की लकी गांव के राजस्व रिकार्ड में खसरा संख्या 913 की खातेदारी जमीन गैर मुमकिन तालाब के लिए है लेकिन प्रशासन द्वारा ये जमीन अप्रार्थीगण के नाम रिकार्ड में दर्ज की जा रही है. याचिका में अनुरोध किया है कि अप्रार्थीगण का अतिक्रमण हटाकर तालाब की भूमि के रूप में बहाल किया जाये. उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ पाली के समक्ष अभ्यावेदन पेश करे. पीएलपीसी को निर्देश दिये हैं कि विधि सम्मत अभ्यावेदन का निस्तारण किया जाये.