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श्रमिकों का पैदल चलना पीड़ादायक, व्यवस्थाओं के लिए SDM होंगे जिम्मेदार: CM गहलोत

देश में फैले कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन के चलते कई प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों और शहरों में फंसे हुए हैं. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टरों को तत्काल प्रभाव से सभी जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि रास्तों में श्रमिकों के लिए शिविर लगाएं जाएं.

राजस्थान की खबर, jaipur news
प्रवासी मजदूरों के लिए लगाए जाए शिविर
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Published : May 14, 2020, 11:37 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों का पैदल अपने गंतव्य के लिए रवाना होना अत्यंत पीड़ादायक है. राज्य सरकार वे सभी व्यवस्थाएं करेगी, जिनसे इन श्रमिकों को घर जाने के लिए पैदल चलने की पीड़ा नहीं झेलनी पडे़.

मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी जिला कलेक्टरों को तत्काल प्रभाव से तमाम जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने ऐसे श्रमिकों के लिए विशेष शिविर लगाने के लिए कहा है और इन शिविरों में भोजन, पेयजल और शौचालय सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. इन व्यवस्थाओं के लिए उपखण्ड अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

गहलोत ने रोडवेज के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे जिला कलेक्टरों की मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध करवाएं ताकि इनके माध्यम से श्रमिकों को आसानी से निर्धारित स्थान तक पहुंचाया जा सके. जिला कलेक्टर ये भी सुनिश्चित करें कि महत्वपूर्ण मार्गों वाले उपखण्ड अधिकारी के पास मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध हों.

कोई श्रमिक पैदल नहीं चले

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि उपखण्ड अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे की कोई भी श्रमिक सड़क पर पैदल यात्रा नहीं करें. साथ ही इसके लिए निगरानी हो, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक उनका सहयोग करेंगे. जिला कलेक्टर संवेदनशीलता के साथ इन श्रमिकों की मांग के अनुरूप रोडवेज बसों और विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करवाएं.

कलेक्टर करें पहुंचाने की व्यवस्था

उत्तरप्रदेश जाने वाले पैदल श्रमिकों की अधिक संख्या को देखते हुए जयपुर, दौसा और भरतपुर जिला कलेक्टर रोडवेज बसों के जरिए इन श्रमिकों को भरतपुर स्थित कैम्प में भिजवाएं. बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखण्ड जाने वाले श्रमिकों को रेल से भिजवाने के लिए तत्परता से व्यवस्था की जाए.

पढ़ें- सरकारी भूमि पर भूमाफियाओं की नजर, विधायक ने तहसीलदार को दिया ज्ञापन

पुलिसकर्मी धैर्य के साथ करें समझाइश

मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस अधीक्षकों को ये निर्देश दिए हैं कि पुलिसकर्मी चेक पोस्ट से गुजरने वाले पैदल श्रमिकों को धैर्य के साथ समझाएं और नजदीकी शिविर में भेजें. अनुमति देने वाले राज्यों के श्रमिकों को अंतरराज्यीय सीमा तक छोड़ने के लिए मांग के आधार पर बसें उपलब्ध करवाई जाएं, जिनमें यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और स्क्रीनिंग के नियम की प्रभावी रूप से पालना की जाए.

श्रमिकों की सूचियां तैयार करें कलेक्टर

जिला कलेक्टरों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर जाने वाले श्रमिकों को रेल से भेजने के लिए उनकी सूचियां तैयार कर परिवहन आयुक्त को उपलब्ध करवाएं ताकि वे ट्रेनों के लिए उचित समन्वय कर सकें. साथ ही, वो ये भी सुनिश्चित करें कि निर्धारित अन्तर्राज्यीय यात्रा पास और अनापत्ति प्रमाण पत्र से सम्बन्धित कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों का पैदल अपने गंतव्य के लिए रवाना होना अत्यंत पीड़ादायक है. राज्य सरकार वे सभी व्यवस्थाएं करेगी, जिनसे इन श्रमिकों को घर जाने के लिए पैदल चलने की पीड़ा नहीं झेलनी पडे़.

मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी जिला कलेक्टरों को तत्काल प्रभाव से तमाम जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने ऐसे श्रमिकों के लिए विशेष शिविर लगाने के लिए कहा है और इन शिविरों में भोजन, पेयजल और शौचालय सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. इन व्यवस्थाओं के लिए उपखण्ड अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

गहलोत ने रोडवेज के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे जिला कलेक्टरों की मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध करवाएं ताकि इनके माध्यम से श्रमिकों को आसानी से निर्धारित स्थान तक पहुंचाया जा सके. जिला कलेक्टर ये भी सुनिश्चित करें कि महत्वपूर्ण मार्गों वाले उपखण्ड अधिकारी के पास मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध हों.

कोई श्रमिक पैदल नहीं चले

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि उपखण्ड अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे की कोई भी श्रमिक सड़क पर पैदल यात्रा नहीं करें. साथ ही इसके लिए निगरानी हो, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक उनका सहयोग करेंगे. जिला कलेक्टर संवेदनशीलता के साथ इन श्रमिकों की मांग के अनुरूप रोडवेज बसों और विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करवाएं.

कलेक्टर करें पहुंचाने की व्यवस्था

उत्तरप्रदेश जाने वाले पैदल श्रमिकों की अधिक संख्या को देखते हुए जयपुर, दौसा और भरतपुर जिला कलेक्टर रोडवेज बसों के जरिए इन श्रमिकों को भरतपुर स्थित कैम्प में भिजवाएं. बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखण्ड जाने वाले श्रमिकों को रेल से भिजवाने के लिए तत्परता से व्यवस्था की जाए.

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पुलिसकर्मी धैर्य के साथ करें समझाइश

मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस अधीक्षकों को ये निर्देश दिए हैं कि पुलिसकर्मी चेक पोस्ट से गुजरने वाले पैदल श्रमिकों को धैर्य के साथ समझाएं और नजदीकी शिविर में भेजें. अनुमति देने वाले राज्यों के श्रमिकों को अंतरराज्यीय सीमा तक छोड़ने के लिए मांग के आधार पर बसें उपलब्ध करवाई जाएं, जिनमें यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और स्क्रीनिंग के नियम की प्रभावी रूप से पालना की जाए.

श्रमिकों की सूचियां तैयार करें कलेक्टर

जिला कलेक्टरों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर जाने वाले श्रमिकों को रेल से भेजने के लिए उनकी सूचियां तैयार कर परिवहन आयुक्त को उपलब्ध करवाएं ताकि वे ट्रेनों के लिए उचित समन्वय कर सकें. साथ ही, वो ये भी सुनिश्चित करें कि निर्धारित अन्तर्राज्यीय यात्रा पास और अनापत्ति प्रमाण पत्र से सम्बन्धित कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहे.

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