जयपुर. देश भर में तेजी से फैल रहे डेंगू से बचाव के लिए अब स्कूली बच्चे हैल्थ सोल्जर की भूमिका निभाएंगे. दरअसल जयपुर शहर के सभी विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को 10 मिनट के लिए डेंगू के बारे में जानकारी देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. बच्चों को ऑडियों विजुअल के माध्यम से बताया जाएगा कि डेंगू से खुद कैसे बचे और अपने परिवार को कैसे बचाएं.
कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने सोमवार को चिकित्सा अधिकारियों के साथ शहर में डेंगू की स्थिति की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सहायता से इस कार्य को अभियान का स्वरूप देकर सभी स्कूलों तक पहुंचा जाए. बच्चों को बताया जाए कि डेंगू का मच्छर ज्यादातर दिन में ही पैरों में घुटनों तक ही काटता है. उन्हें उसका लार्वा दिखाकर जीवन चक्र समझाया जाएं ताकि वह अपने घर आस-पड़ोस में मच्छरों को फैलने से रोकने में मदद कर सकें.
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उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को भी इसके लिए आदेश देने के निर्देश दिए. उन्होंने डेंगू के बारे में दैनिक समीक्षा और निगम को फॉगिंग करने के लिए स्थानों की सूचना और सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग की तरफ से सुधारी गई जिले की सड़कों की ऑडिट तहसीलदार और नायब तहसीलदार रूरल से करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस परीक्षण में तकनीकी सहयोग विभाग के जेईएन, एक्सईएन या पंचायत विभाग के अभियंताओं से लिया जा सकता है. साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग की तरफ से 24 से 30 नवंबर तक किये जा रहे कार्य परीक्षण के दौरान भी यह ऑडिट कार्य किया जा सकता है.
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कलेक्टर ने लोक सेवाओं की गारंटी में शामिल विभिन्न विभागों से संबंधित सभी कार्यों के लिए नया फार्मेट बनाकर समयबद्ध रूप से इसकी रिपोर्ट लिए जाने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए. उन्होंने सार्वजनिक स्थलों पर बिना अनुमति जुलूस और बिना अनुमति आतिशबाजी, ध्वनि प्रदूषण नियमानुसार कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. नगर निगम की कचरा संग्रहण व्यवस्था पर नाखुशी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने कहा कि सफाई के लिए किसी योजना के सफल होने का इंतजार नहीं किया जा सकता. यह रोज की आवश्यकता है. इसमें बहु स्तरीय व्यवस्था ठीक नहीं है.संसाधनों के अनुरूप ही संवेदक को किसी निश्चित क्षेत्र में सफाई की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए.