जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद चिकित्सा विभाग की ओर से सोमवार यानी 26 अक्टूबर से प्रदेश भर में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के दौरान मिलावटखोरों पर चिकित्सा विभाग कार्रवाई करेगा और इस दौरान दूध और इन से बने उत्पादों के सैंपल उठाए जाएंगे.
मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि त्योहारी सीजन में दूध और इनसे बनने वाले पदार्थों में मिलावट के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं. इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. चिकित्सा मंत्री ने यह भी बताया कि अभियान को प्रभावी बनाने के लिए पहली बार प्रबंधन और प्रबोधन के लिए एक कोर ग्रुप का गठन किया गया है.
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इस कोर ग्रुप में गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव खाद्य औरनागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव और पशुपालन और डेयरी विभाग के शासन सचिव को शामिल किया गया है. जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस कोर ग्रुप में समन्वय की भूमिका निभाएगा. इसके अलावा चिकित्सा विभाग की इस ग्रुप का प्रशासनिक विभाग भी होगा. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह कोर ग्रुप जिला स्तरीय प्रबंधन समितियों और जिला कलेक्टर से लगातार संपर्क बना कर अभियान की अवधि में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले थोक और खुदरा व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा.
वहीं, कोर ग्रुप द्वारा एक जिला स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा. जिसमें कलेक्टर जिला पुलिस अधीक्षक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रसद अधिकारी और प्रबंध निदेशक जिला डेयरी के सदस्य होंगे. इसके अलावा उप विधि परामर्शी, सहायक विधि परामर्शी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर इस कमेटी के संयोजक होंगे.
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सूचना देने पर 51 हजार की राशि...
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत मावा, पनीर और दूध से बने उत्पाद आटा, बेसन खाद्य, तेल, घी, सूखे, मेवे और मसालों की जांच की जाएगी और मिलावट की जानकारी देने पर और सूचना सही पाए जाने पर 51 हजार की राशि भी मुखबिर को दी जाएगी. इसके अलावा जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित संस्थाओं का निरीक्षण कर नमूने एकत्रित किए जाएंगे और मिलावट पाए जाने पर मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी.