जयपुर. राजस्थान के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खास सिपहसालार माना जाता है, वे आज कैबिनेट मंत्री पद की शपथ (Cabinet reorganization in Rajasthan) लेंगे. राजनीतिक उठापटक के समय जिस तरह से महेश जोशी (Mahesh Joshi) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे उसके प्रतिफल ही महेश जोशी को कैबिनेट मंत्री का पद मिला है. इसके बाद जयपुर से तीन कैबिनेट और एक राज्य मंत्री हो जाएंगे.
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महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें तो पहले ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा का मुख्य सचेतक बनाकर कैबिनेट का दर्जा दे रखा था. अब केवल उन्हें मंत्रालय देकर बदलाव किया गया है. महेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, अजय माकन और कांग्रेस आलाकमान ने उनपर भरोसा जताया, जिसका वह धन्यवाद करते हैं.
कांग्रेस पार्टी का कोई गुट नहीं है
जोशी ने कहा कि जिस तरीके से पहले हर मौके पर खरा उतरा उसी तरीके से आगे भी आलाकमान के फैसलों पर मैं खरा उतरूंगा. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का कोई गुट नहीं है केवल एक गुट आलाकमान है. जोशी (Mahesh Joshi) ने कहा कि आलाकमान के हर फैसले को जिस तरह से राजस्थान का कांग्रेस कार्यकर्ता मानता है उसी तरह आगे भी कांग्रेस कार्यकर्ता आलाकमान के हर आदेश को मानेगा.
अनचाहा मजबूरी में लिया निर्णय
महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Reorganization) में देरी को लेकर कहा कि इसे देरी नहीं बल्कि एक रिकॉर्ड के तौर पर देखा जाए कि किसी पार्टी में 3 साल तक इतने बेहतरीन काम हुए कि कैबिनेट पुनर्गठन की आवश्यकता ही नहीं पड़ी. वहीं, रमेश मीणा (Ramesh Meena) और विश्वेंद्र सिंह (Vishwendra Singh) जिन्हें राजनीतिक उठापटक के चलते बर्खास्त किया गया था उनकी बर्खास्तगी के निर्णय को भी महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने समय के चलते एक अनचाहा मजबूरी में लिया निर्णय बताया.