जयपुर. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सीएए केन्द्रीय सूची का विषय है, इसे हर राज्य सरकार को लागू करना ही पड़ेगा.
उन्होने आर्टिकल 254 का हवाला देते हुए कहा कि यह विषय खालिस केन्द्रीय सूची का है. इसलिए प्रत्येक राज्य की सरकारों को इसे हर हाल में लागू करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हर किसी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने का हक है. भारत में लोकतंत्र आजादी के बाद ही नहीं आया बल्कि भारत में आध्यात्मिक लोकतंत्र आजादी से पहले से है. इसी के चलते आज देश में लोकतंत्र इतना सर्वाइव कर रहा है.
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उन्होंने कहा लोग अपनी राय रखते हैं, उसका स्वागत है. हमें राय रखने का अधिकार है और प्रोटेस्ट का अधिकार है लेकिन ये अधिकार नहीं है कि हम कानून की सीमाओं को तोड़ें. किसी का भी विरोध हो, उसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है. सीएए खालिस तौर पर केन्द्रीय सूची का विषय है. ये राज्य का विषय नहीं है.
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राज्यपाल ने कहा हर किसी को अपने अधिकार क्षेत्र को मानने की जरूरत है और इसे लागू करने के अलावा कानूनी तौर पर किसी के पास कोई चारा नहीं. देश भर में में हो रहे प्रोटेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि पहली बार देश मे विरोध नहीं हो रहा, इससे पहले 1986 में जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बदला गया था उस समय भी देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. ये इंसानी मिजाज है.