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CAA केन्द्रीय सूची का विषय, राज्य सरकारों को इसे लागू करना ही पड़ेगा : केरल राज्यपाल

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद शनिवार को जयपुर में रहे. कलाबोध रामायण महाभारत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आए राज्यपाल ने नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर अपनी बात रखी. पढ़ें पूरी खबर..

arif mohammad khan in jaipur, केरल गवर्नर आरिफ मोहम्मद
CAA is subject of central List arif mohammad khan
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Published : Jan 18, 2020, 4:52 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 7:03 PM IST

जयपुर. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सीएए केन्द्रीय सूची का विषय है, इसे हर राज्य सरकार को लागू करना ही पड़ेगा.

प्रत्येक राज्य को करना पड़ेगा नागरिकता संशोधन कानून को लागू : राज्यपाल, केरल

उन्होने आर्टिकल 254 का हवाला देते हुए कहा कि यह विषय खालिस केन्द्रीय सूची का है. इसलिए प्रत्येक राज्य की सरकारों को इसे हर हाल में लागू करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हर किसी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने का हक है. भारत में लोकतंत्र आजादी के बाद ही नहीं आया बल्कि भारत में आध्यात्मिक लोकतंत्र आजादी से पहले से है. इसी के चलते आज देश में लोकतंत्र इतना सर्वाइव कर रहा है.

पढे़ंः राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले CM गहलोत, ऑपरेशन के बाद जानी कुशलक्षेम

उन्होंने कहा लोग अपनी राय रखते हैं, उसका स्वागत है. हमें राय रखने का अधिकार है और प्रोटेस्ट का अधिकार है लेकिन ये अधिकार नहीं है कि हम कानून की सीमाओं को तोड़ें. किसी का भी विरोध हो, उसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है. सीएए खालिस तौर पर केन्द्रीय सूची का विषय है. ये राज्य का विषय नहीं है.

पढे़ंः नागरिकता कानून का विरोध करने वाले शैतान और कीड़े हैं : दिलीप घोष

राज्यपाल ने कहा हर किसी को अपने अधिकार क्षेत्र को मानने की जरूरत है और इसे लागू करने के अलावा कानूनी तौर पर किसी के पास कोई चारा नहीं. देश भर में में हो रहे प्रोटेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि पहली बार देश मे विरोध नहीं हो रहा, इससे पहले 1986 में जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बदला गया था उस समय भी देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. ये इंसानी मिजाज है.

जयपुर. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सीएए केन्द्रीय सूची का विषय है, इसे हर राज्य सरकार को लागू करना ही पड़ेगा.

प्रत्येक राज्य को करना पड़ेगा नागरिकता संशोधन कानून को लागू : राज्यपाल, केरल

उन्होने आर्टिकल 254 का हवाला देते हुए कहा कि यह विषय खालिस केन्द्रीय सूची का है. इसलिए प्रत्येक राज्य की सरकारों को इसे हर हाल में लागू करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हर किसी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने का हक है. भारत में लोकतंत्र आजादी के बाद ही नहीं आया बल्कि भारत में आध्यात्मिक लोकतंत्र आजादी से पहले से है. इसी के चलते आज देश में लोकतंत्र इतना सर्वाइव कर रहा है.

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उन्होंने कहा लोग अपनी राय रखते हैं, उसका स्वागत है. हमें राय रखने का अधिकार है और प्रोटेस्ट का अधिकार है लेकिन ये अधिकार नहीं है कि हम कानून की सीमाओं को तोड़ें. किसी का भी विरोध हो, उसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है. सीएए खालिस तौर पर केन्द्रीय सूची का विषय है. ये राज्य का विषय नहीं है.

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राज्यपाल ने कहा हर किसी को अपने अधिकार क्षेत्र को मानने की जरूरत है और इसे लागू करने के अलावा कानूनी तौर पर किसी के पास कोई चारा नहीं. देश भर में में हो रहे प्रोटेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि पहली बार देश मे विरोध नहीं हो रहा, इससे पहले 1986 में जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बदला गया था उस समय भी देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. ये इंसानी मिजाज है.

Intro:सीएए खालिस और खालिस केन्द्रीय सूची का विषय राज्य का नही हर राज्य को इसे लागू करना ही पडेगाBody:केरल के राज्यपाल आरिफ महोम्मद ने आज बढी बात कहते हुए कहा कि सीएए शुद तौर पर केन्द्रीय सूची का विषय है आर्टिकल 254 के तहत इसे राज्यों को मानना ही पडेगा।उन्होने कहा कि हर किसी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने का हक है ओर भारत में लोकतंत्र आजादी के बाद ही नही आया बल्कि भारत में आध्यात्मिक लोकतंत्र आजादी से पहले से है इसी के चलते आज देश में लोकतंत्र इतना सर्वाइव कर रहा है।लोग अपनी राय रखते हैं उसका स्वागत है हमे राय रखने का अधिकार है ओर प्रोटेस्ट का अधिकार है लेकिन ये अधिकार नही है कि हम कानुन की सीमाओं को तोडें।मामला कोई भी हो विरोध में इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है।सीएए खालिस तौर पर केन्द्रीय सूची का विषय है ये राज्य का विषय नही है ये राज्य सूची का विषय नही है हर किसी को अपने अधिकार क्षेत्र को मानने की जरूरत है और इसे लागू करने के अलावा कानूनी तोर पर किसी के पास कोई चारा नही है।वही देश में हो रहे प्रोटेस्ट को लेकर उन्हानेे कहा कि पहली बार देश मे विरोध नही हो रहा है इससे पहले 1986 में जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बदला गया था उस समय भी देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे ये इंसानी मिजाज है गौरतलब है कि केरल के राज्यपाल आरिफ महोम्मद आज जयपुर में कलाबोध रामायण महाभारत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आये थे
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आरीफ महोम्मद राज्यपाल केरल Conclusion:
Last Updated : Jan 18, 2020, 7:03 PM IST
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