जयपुर. कोरोना महामारी ने पिछले साल दिवाली, ईद, दशहरा जैसे पर्वों पर कारोबार काफी प्रभावित रहा था. 2021 में उम्मीद थी कि चीजें कुछ बेहतर होंगी लेकिन हालात अभी भी काफी खराब बने हुए हैं. कोरोना के केसों में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. जिसके चलते इस बार होली पर बाजारों से रौनक गायब है. होली पर इस बार कारोबारी काफी निराश हैं. कारोबारियों को उम्मीद थी कि एक लंबे समय के बाद होली पर हालात बेहतर होंगे, लोग बाजारों में निकलेंगे लेकिन उनकी उम्मीदों पर कोरोना ने फिर से पानी फेर दिया है.
अधिकतर कारोबारियो ने होली पर सतरंगी रंगों के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए होलियाना मुखौटे, साफे, कार्टून सहित पिचकारियों का नया स्टॉक तो खरीद लिया. लेकिन कोई खरीददार बाजार में नहीं आ रहा है. रंग-बिरंगे परिधान और अजीबोगरीब मुखोटा पहनकर जब तक दोस्तो पर पिचकारी नहीं छोड़े तो होली का रंग नहीं चढ़ता. लेकिन अफसोस इस बार भी रंग में भंग का काम कोरोना ने किया है. लॉकडाउन के बाद व्यापारियों को उम्मीद थी कि होली पर व्यापार परवान चढ़ेगा लेकिन हुआ उलट और बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है.
जयपुर परकोटे के मार्केट में तो होली भी बेहाली लग रही है. होली पर्व को देखते हुए व्यापारी इस उम्मीद से होली का माल बेचने बैठे कि पटरी पर जिंदगी लौटेगी. लेकिन कोरोना रिटर्न ने फिर से व्यापार को बेपटरी कर दिया. होली पर स्पेशली कार्टून आइटम की दुकान लगाने वाले मोहम्मद फिरोज बताते है कि हर साल के मुकाबले आधा माल भरा था लेकिन उसमें भी बिक्री कम हो रही है. बाजारों में कोई रौनक नहीं है. होली पर ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा. प्लास्टिक की पिचकारियां और मुखौटे बेचने बैठे हैं लेकिन कोई ग्राहक भी नहीं आ रहा है.
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होली पर खासकर बच्चों में मोटू-पतलू, स्पाइडर मैन, छोटा भीम जैसी पिचकारियां और चुटकी की थ्रीडी टोपी, मुखौटा खरीदने का क्रेज रहता है. दुकानदार आफताब अहमद ने बताया कि इस बार होली के रंग बिल्कुल फीके हैं. उम्मीद तो थी कि कोरोना में घरों में कैद बच्चों के लिए होली पर कुछ मनोरंजन हो और उसी को देखते हुए अलग-अलग प्रकार की पिचकारियों का स्टॉक किया था. लेकिन कोरोना के बढ़ते केसों के चलते कोई ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे हैं. जिसकी वजह से स्टॉक किया माल भी धूल फांक रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द कोरोना खत्म हो और सबको कोरोना से मुक्ति मिले.
होलसेल व्यापारी अखलाक अहमद ने कहा कि पिछली बार की तुलना में मार्किट 70 फीसदी तक डाउन है. पुराने स्टॉक के अलावा नया माल भी लेकर आए लेकिन सेल नहीं हो रही है. ग्राहक डरा हुआ है और वो बाजार का रुख नहीं कर रहा. इसलिए पिछली साल की तुलना में 50% माल उन्होंने खरीदा है. जिससे ये उम्मीद थी कि, चलेगा लेकिन व्यापार अभी भी नहीं है. ऐसे में उम्मीद है कि, जल्द कोरोना का खात्मा हो और भविष्य में आगे ग्राहकी हो, जिससे उनके साथ-साथ आम लोगो को भी फायदा हो.
पहले जहां लॉकडाउन ने व्यापारियों की कमर तोड़ी तो वहीं अब होली का पर्व भी उनके लिए फीका जा रहा है. इधर लोग कोरोना के फिर से बढ़ते केसों से डरे-सहमे हुए हैं और बाजारों से दूरी बना रहे हैं. ऐसे में यदि होली को माल व्यापारियों का नहीं बिका तो उनको दोहरी क्षति उठानी पड़ेगी.