जयपुर. 14 अगस्त का दिन राजधानी के आफत बनकर सामने आया. दरअसल, शुक्रवार को हुई बारिश ने शहर के व्यापारियों को लाखों का नुकसान पहुंचाया. लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से उनकी सुध लेने पर कोई नहीं आया, जिसके चलते उन लोगों में काफी रोष व्याप्त है.
चांदपोल और नेहरू बाजार के कपड़ा व्यापारियों की मानें तो बारिश से उनके बेसमेंट और दुकानों में पानी भर गया, जिससे दुकान में रखे सारे कपड़े खराब हो जाने के कारण लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. यही नहीं, व्यापारी बीते 2 दिन से सड़क और गाड़ियों पर कपड़े सुखाने को मजबूर है.
वहीं, इलेक्ट्रिक और किराना व्यापारियों के भी लाखों की चपत लगी है. किसी व्यापारी को दो से पांच लाख तो किसी को 30 लाख तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है. इन व्यापारियों का कहना है कि यदि प्रशासन से उन्हें राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें मजबूरन आत्महत्या करनी पड़ेगी.
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साथ ही ब्रह्मपुरी, चांदपोल और दूसरे कई व्यापार मंडल सहित जयपुर महासंघ के पदाधिकारी राज्य सरकार से आपदा प्रबंधन के तहत व्यापारियों को मुआवजे देने की मांग कर रहे हैं. उधर, प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने राहत के सवाल पर एक टका सा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस बारिश में हर किसी को नुकसान हुआ है और जहां तक व्यापारियों की बात है, तो उन्होंने बीमा करा रखा होगा.
बहरहाल, करीब 40 साल बाद जयपुर में बाढ़ जैसे हालात बने, जिसने परकोटे को तो पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया. इस बारिश के बाद व्यापारी अपना नुकसान का अभी आकलन ही कर रहे थे कि इस बीच राज्य सरकार के मंत्री की ओर से आए इस बयान से भी उन्हें भारी धक्का लगा है.