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आसमान से बरसी आफत से व्यापारी वर्ग आहत, राहत पर यूडीएच मंत्री ने दिया टका सा जवाब

14 अगस्त शुक्रवार को हुए बारिश ने शहर के सैकड़ों व्यापारियों को लाखों का नुकसान पहुंचाया. आलम ये है कि 2 दिन बाद भी व्यवसायी प्रशासन से मदद के इंतजार के साथ अपने सामान को संभालने में जुटे रहे. वहीं, प्रदेश के यूडीएच मंत्री ने राहत के सवाल को ये कह कर टाल दिया कि व्यापारियों ने बीमा करा रखा होगा.

जयपुर समाचार  jaipur news
आसमान से बरसी आफत से व्यापारी वर्ग आहत
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Published : Aug 17, 2020, 4:09 AM IST

जयपुर. 14 अगस्त का दिन राजधानी के आफत बनकर सामने आया. दरअसल, शुक्रवार को हुई बारिश ने शहर के व्यापारियों को लाखों का नुकसान पहुंचाया. लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से उनकी सुध लेने पर कोई नहीं आया, जिसके चलते उन लोगों में काफी रोष व्याप्त है.

आसमान से बरसी आफत से व्यापारी वर्ग आहत

चांदपोल और नेहरू बाजार के कपड़ा व्यापारियों की मानें तो बारिश से उनके बेसमेंट और दुकानों में पानी भर गया, जिससे दुकान में रखे सारे कपड़े खराब हो जाने के कारण लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. यही नहीं, व्यापारी बीते 2 दिन से सड़क और गाड़ियों पर कपड़े सुखाने को मजबूर है.

वहीं, इलेक्ट्रिक और किराना व्यापारियों के भी लाखों की चपत लगी है. किसी व्यापारी को दो से पांच लाख तो किसी को 30 लाख तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है. इन व्यापारियों का कहना है कि यदि प्रशासन से उन्हें राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें मजबूरन आत्महत्या करनी पड़ेगी.

पढ़ें- पदभार संभालने और भारी बारिश के बाद पहली बार जयपुर दौरे पर निकले कलेक्टर, पीड़ितों ने सुनाई खरी-खरी

साथ ही ब्रह्मपुरी, चांदपोल और दूसरे कई व्यापार मंडल सहित जयपुर महासंघ के पदाधिकारी राज्य सरकार से आपदा प्रबंधन के तहत व्यापारियों को मुआवजे देने की मांग कर रहे हैं. उधर, प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने राहत के सवाल पर एक टका सा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस बारिश में हर किसी को नुकसान हुआ है और जहां तक व्यापारियों की बात है, तो उन्होंने बीमा करा रखा होगा.

बहरहाल, करीब 40 साल बाद जयपुर में बाढ़ जैसे हालात बने, जिसने परकोटे को तो पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया. इस बारिश के बाद व्यापारी अपना नुकसान का अभी आकलन ही कर रहे थे कि इस बीच राज्य सरकार के मंत्री की ओर से आए इस बयान से भी उन्हें भारी धक्का लगा है.

जयपुर. 14 अगस्त का दिन राजधानी के आफत बनकर सामने आया. दरअसल, शुक्रवार को हुई बारिश ने शहर के व्यापारियों को लाखों का नुकसान पहुंचाया. लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से उनकी सुध लेने पर कोई नहीं आया, जिसके चलते उन लोगों में काफी रोष व्याप्त है.

आसमान से बरसी आफत से व्यापारी वर्ग आहत

चांदपोल और नेहरू बाजार के कपड़ा व्यापारियों की मानें तो बारिश से उनके बेसमेंट और दुकानों में पानी भर गया, जिससे दुकान में रखे सारे कपड़े खराब हो जाने के कारण लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. यही नहीं, व्यापारी बीते 2 दिन से सड़क और गाड़ियों पर कपड़े सुखाने को मजबूर है.

वहीं, इलेक्ट्रिक और किराना व्यापारियों के भी लाखों की चपत लगी है. किसी व्यापारी को दो से पांच लाख तो किसी को 30 लाख तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है. इन व्यापारियों का कहना है कि यदि प्रशासन से उन्हें राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें मजबूरन आत्महत्या करनी पड़ेगी.

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साथ ही ब्रह्मपुरी, चांदपोल और दूसरे कई व्यापार मंडल सहित जयपुर महासंघ के पदाधिकारी राज्य सरकार से आपदा प्रबंधन के तहत व्यापारियों को मुआवजे देने की मांग कर रहे हैं. उधर, प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने राहत के सवाल पर एक टका सा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस बारिश में हर किसी को नुकसान हुआ है और जहां तक व्यापारियों की बात है, तो उन्होंने बीमा करा रखा होगा.

बहरहाल, करीब 40 साल बाद जयपुर में बाढ़ जैसे हालात बने, जिसने परकोटे को तो पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया. इस बारिश के बाद व्यापारी अपना नुकसान का अभी आकलन ही कर रहे थे कि इस बीच राज्य सरकार के मंत्री की ओर से आए इस बयान से भी उन्हें भारी धक्का लगा है.

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