जयपुर. वर्तमान में जेसीटीएसएल के टोडी, विद्याधर नगर और बगराना डिपो से करीब 253 शेड्यूल संचालित हैं. इसके संचालन के लिए करीब 100 कर्मचारियों की पहले ही कमी है. वहीं जेसीटीएसएल प्रशासन ने बगराना डिपो में धूल फांक रही 53 मिनी बसों का संचालन करने का फैसला लिया है. ऐसे में बिना स्टाफ के कैसे इन बसों का संचालन होगा, ये सवाल उठ रहे हैं. हालांकि जेसीटीएसएल प्रबंधन ने नई भर्ती के बजाए चालकों से परिचालकों का काम कराने को लेकर आदेश जारी किए (No new recruitment in JCTSL for conductors) हैं.
आम जनता को सुविधा मुहैया कराने के लिए शहर में अब बगराना डिपो में खड़ी 53 नई बसों का संचालन किया (53 new buses to operate in Jaipur) जाएगा. ऐसे में शहर में करीब 325 बसें संचालित होंगी. लेकिन अभी जेसीटीएसएल में परिचालकों की कमी से बस संचालन में समस्या आ रही है. बस का पूर्ण संचालन न होने से जेसीटीएसएल को राजस्व नुकसान के साथ-साथ आमजन को भी परेशानी हो रही है. हालांकि जेसीटीएसएल ने नई भर्ती करने के बजाए बीच का रास्ता निकालते हुए कार्यरत चालक/परिचालकों का वेतनमान, योग्यता आदि समान होने के चलते चालकों से परिचालक का कार्य करवाने का फैसला लिया है.
पढ़ें: जेसीटीएसएल के कर्मचारियों को बड़ी राहत, पहले समय पर सैलरी और अब महंगाई भत्ते का मिलेगा लाभ
जेसीटीएसएल प्रशासन का तर्क है कि वर्ष 2012 में चालक/परिचालकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. राज्य सरकार की नीति के अनुसार जेसीटीएसएल की बसों का संचालन पीपीपी मॉडल पर होने के कारण चालक अधिशेष हो गये हैं. ऐसे में आगार में कार्यरत सभी चालकों को सात दिन का जेसीटीएसएल के खर्चे पर प्रशिक्षण देकर इनसे परिचालक का कार्य लिया जाएगा. वहीं आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई चालक निर्धारित ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें: नई भर्ती और सातवें वेतनमान की मांग को लेकर JCTSL कर्मचारी करेंगे आंदोलन
आपको बता दें कि जेसीटीएसएल की ओर से बीते 9 सालों में बिना प्रमाणित, अवैध सेवा नियमों के तहत 300 से ज्यादा कर्मचारियों की सेवा खत्म कर दी गई. वहीं बस सारथी योजना के अंतर्गत अस्थाई परिचालक लिए जाते हैं, जिनको न तो समय पर वेतन मिलता है न ही अन्य लाभ. जिससे बस सारथियों को भी ये नौकरी रास नहीं आ रही है. यही नहीं अब भर्ती निकालने के बजाय चालकों को ही परिचालकों का जिम्मा दिया जा रहा है.