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जयपुर में धनतेरस के मौके पर बही खातों की बिक्री बढ़ी, दिवाली पर की जाएगी इसकी पूजा

दीपावली से पहले धनतेरस के दिन लोग सोने-चांदी और अन्य सामान की खरीदारी करते हैं. इसी तरह से व्यापारियों के दीये इस दिन बहिखाते की खरीदारी करना शुभ माना जाता है. व्यापारी बहीखाता खरीदकर उसकी पूजा करते हैं.

jaipur, बहीखातों की बिक्री बरकरार
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Published : Oct 26, 2019, 12:03 AM IST

जयपुर. हिंदुओं का सबसे बड़े पर्व दीपावली पर हर तरफ खुशियां लेकर आता है. धनतेरस से पांच दिवसीय दीपो उत्सव का पर्व शुरू हो चुका है. धनतेरस को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है. इस दिन शुभ-मुहूर्त के अनुसार कारोबारियों ने बहीखाते की खरीदारी शुरू कर दी है और दिवाली पर गणेश लक्ष्मी की पूजा के समय बहीखातों की भी पूजा की जाएगी.

धनतेरह पर होती है बहीखाते की पूजा

डिजिटल के इस दौर में भी बहीखातों का चलन कम नहीं हुआ है. जयपुर में व्यापारी और अन्य लोग डिजिटल के साथ-साथ बहीखातों में भी व्यापार का लेखा-जोखा करते है. खासकर व्यापारियों के लिए बही खातों में नए साल की एंट्री शुरू होती है. व्यापारीगण बही खातों को शुभ-मुहूर्त में खरीदकर दिवाली के दिन पूजा करके खाते की शुरुआत करते हैं. बहीखाता बिजनेस के लिए शुभ माना जाता है. आधुनिक युग में भले ही कंप्यूटर, इंटरनेट, ऑनलाइन खरीदारी का प्रचलन बढ़ा है. लेकिन, इसके बावजूद लेन-देन का हिसाब रखने वाले परंपरागत बही खाते का वर्चस्व आज भी कायम है.

यह भी पढ़ेंः दिवाली विशेष: जोधपुर में अनोखी परंपरा, धनतेरस पर मिट्टी के रूप में धन घर ले जाते हैं लोग

खरीदारों का कहना है कि बही खातों का महत्तव व्यापारियों के लिए आज भी है. कंप्यूटर में की गई एंट्री को उड़ाया जा सकता है. लेकिन इन बहीखातों में लिखा हुआ कभी नहीं मिट सकता. हालांकि डिजिटल का चलन बढ़ने से बही खातों के व्यापार में थोड़ा फर्क जरूर पड़ा है. बावजूद इसके आज भी कई व्यापारी डिजीटल के साथ-साथ बहीखातों में भी लेखा-जोखा रखते हैं. क्योंकि डिजिटल डाटा के लीक होने की संभावना अधिक रहती है. बाजारों में बही खाते आसानी से उपलब्ध होते हैं और इसकी कीमत 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है.

जयपुर. हिंदुओं का सबसे बड़े पर्व दीपावली पर हर तरफ खुशियां लेकर आता है. धनतेरस से पांच दिवसीय दीपो उत्सव का पर्व शुरू हो चुका है. धनतेरस को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है. इस दिन शुभ-मुहूर्त के अनुसार कारोबारियों ने बहीखाते की खरीदारी शुरू कर दी है और दिवाली पर गणेश लक्ष्मी की पूजा के समय बहीखातों की भी पूजा की जाएगी.

धनतेरह पर होती है बहीखाते की पूजा

डिजिटल के इस दौर में भी बहीखातों का चलन कम नहीं हुआ है. जयपुर में व्यापारी और अन्य लोग डिजिटल के साथ-साथ बहीखातों में भी व्यापार का लेखा-जोखा करते है. खासकर व्यापारियों के लिए बही खातों में नए साल की एंट्री शुरू होती है. व्यापारीगण बही खातों को शुभ-मुहूर्त में खरीदकर दिवाली के दिन पूजा करके खाते की शुरुआत करते हैं. बहीखाता बिजनेस के लिए शुभ माना जाता है. आधुनिक युग में भले ही कंप्यूटर, इंटरनेट, ऑनलाइन खरीदारी का प्रचलन बढ़ा है. लेकिन, इसके बावजूद लेन-देन का हिसाब रखने वाले परंपरागत बही खाते का वर्चस्व आज भी कायम है.

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खरीदारों का कहना है कि बही खातों का महत्तव व्यापारियों के लिए आज भी है. कंप्यूटर में की गई एंट्री को उड़ाया जा सकता है. लेकिन इन बहीखातों में लिखा हुआ कभी नहीं मिट सकता. हालांकि डिजिटल का चलन बढ़ने से बही खातों के व्यापार में थोड़ा फर्क जरूर पड़ा है. बावजूद इसके आज भी कई व्यापारी डिजीटल के साथ-साथ बहीखातों में भी लेखा-जोखा रखते हैं. क्योंकि डिजिटल डाटा के लीक होने की संभावना अधिक रहती है. बाजारों में बही खाते आसानी से उपलब्ध होते हैं और इसकी कीमत 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है.

Intro:जयपुर- हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व दिवाली हर तरफ खुशियां लेकर आता है। धनतेरस से पांच दिवसीय दीपोउत्सव का पर्व शुरू हो चुका है। धनतेरस को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। धनतेरस पर शुभ मुहूर्त के अनुसार कारोबारियों ने बहीखाते की खरीदारी शुरू कर दी है और दिवाली पर गणेश लक्ष्मी की पूजा के समय बहीखातों की भी पूजा की जाएगी।

अभी है बहीखातों का है चलन
डिजिटल के इस दौर में आज भी बहीखातों का बड़ा चलन है। राजधानी जयपुर में व्यापारी और अन्य लोग डिजिटल के साथ साथ बहीखातों में भी व्यापार का लेखा जोखा करते है। खासकर व्यापारियों के लिए बहीखातों में नए वर्ष की एंट्री शुरू होती है। व्यापारी गण बहीखातों को शुभ मुहूर्त में खरीदकर दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करके खाते की शुरुवात करते है। बहीखाता बिज़नेस के लिए शुभ माना जाता है। आधुनिक युग में भले ही कंप्यूटर, इंटरनेट, ऑनलाइन खरीदारी का प्रचलन बढ़ा है लेकिन इन सबके बावजूद लेन-देन का हिसाब रखने वाले परंपरागत बहीखाते का वर्चस्व आज भी कायम है।

खरीदारों ने कहा कि बहीखातों का महत्व व्यापारी के लिए आज भी है। कंप्यूटर में की गयी एंट्री को उड़ा भी सकते है लेकिन इन बहीखातों में लिखा हुआ कभी नहीं मिट सकता, ब्रह्मा जी भी नहीं मिटा सकते। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर में भी बिज़नेस का लेखा जोखा रहता है और बहीखातों में भी रहता है।


Body:व्यपारियों ने बताया कि डिजिटल होने की वजह से बहीखातों के व्यापार में थोड़ा फर्क जरूर आया है लेकिन लोग बहीखातों के साथ साथ डिजिटल में भी एंट्री करते है क्योंकि डिजिटल का डाटा लीक होने को संभावना अधिक रहती है। इसलिए लोग बहीखातों में एंट्री जरूर करते है। बहीखातों की कीमत 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है।

बाईट- खरीदार की बाईट
बाईट- व्यपारी की बाईट


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