जयपुर. कोरोना काल से सीख लेकर अब लोग किराए के मकानों को छोड़कर अपना आशियाना तलाशने में जुटे हुए हैं. यही वजह है कि बीते साल की तुलना में करीब 40 प्रतिशत रियल एस्टेट का कारोबार बढ़ा है. वहीं अब फेस्टिव सीजन के दौरान बिल्डर्स और डेवलपर्स की ओर से ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह के ऑफर भी दिए जा रहे हैं. जिसकी वजह से हाउसिंग सेक्टर में डिमांड बढ़ी है. खासकर अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम और रेडी टू मूव अपार्टमेंट में लोगों की ज्यादा डिमांड देखने को मिल रही है.
कोरोना ने लोगों की प्राथमिकता को बदल दिया है. यही वजह है कि इस फेस्टिव सीजन में लोग ज्यादा से ज्यादा रियल एस्टेट पर इन्वेस्ट कर रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में बिल्डर धीरज सोनी ने बताया कि अभी पूरे देश का रियल एस्टेट बाजार बहुत अच्छी स्थिति में है. बीते दिनों रियल एस्टेट मंदी के दौर से गुजरा और इससे जुड़े बिल्डर्स और डेवलपर्स भी उतार-चढ़ाव का शिकार हुए. यही नहीं बायर्स को भी ट्रस्ट इश्यू रहे. लेकिन आज के माहौल में रियल एस्टेट में अच्छी ग्रोथ पकड़ी है. बैंक से मिलने वाले लोन में भी कस्टमर्स को सपोर्ट मिल रहा है.
होम लोन पर अलग-अलग बैंकों में तकरीबन 6.5% से 9.9% तक की ब्याज दरें चल रही है. यही नहीं बैंक सब्सिडी का लाभ भी कस्टमर को दे रहे हैं. वहीं सभी बिल्डर्स और डेवलपर्स अपने मार्जिन के अकॉर्डिंग कस्टमर्स को रिझाने के लिए ऑफर दे रहे हैं. पुराने रेट की तुलना में नई रेट में करीब 15% का ग्रोथ जरूर आया है. लेकिन बिल्डर्स की ओर से दिए जा रहे बेहतर ऑफर की वजह से प्रॉपर्टी सेक्टर बूम पर है.
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वहीं अफोर्डेबल हाउसिंग की बात करें तो लोगों को कम कीमत पर घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिसमें होम लोन के ब्याज पर टैक्स, सब्सिडी और बिल्डर को भी टैक्स की छूट दी जा रही है. अफॉर्डेबल हाउसिंग में काम कर रहे बिल्डर मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि जो लोग अब तक रेंट पर रह रहे थे. अफोर्डेबल हाउसिंग से उनके घर का सपना पूरा हुआ है.
छोटी-छोटी किस्तों के माध्यम से वो अपना कर्ज भी चुका रहे हैं. आलम ये है कि फेस्टिव सीजन के दौरान बिल्डर्स या डेवलपर्स के पास कोई रुकी हुई प्रॉपर्टी भी रनिंग कंडीशन में आ गई है. उन्होंने कहा कि बीती दो दिवाली की तुलना में ये दिवाली रियल एस्टेट के मद्देनजर बेहतर बताते हुए कहा कि उपभोक्ता को राज्य सरकार से भी सपोर्ट मिला है, और फेस्टिव सीजन में बिल्डर्स भी ऑफर्स या गिफ्ट के जरिए सपोर्ट कर रहे हैं. इसके पीछे एक ही सोच रहती है कि यदि इस दौर में ज्यादा प्रॉपर्टी सेल होगी तो नई प्रॉपर्टी तैयार भी होगी.
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भूखंड का लेनदेन भी इसी कारोबार का एक अंग है. इसे लेकर बिल्डर्स की माने तो व्यक्ति की जरूरत और जेब पर निर्भर करता है कि वो किस तरह की प्रॉपर्टी खरीद रहा है. कुछ लोग इन्वेस्टमेंट की दृष्टि से प्लॉट भी खरीद रहे हैं. तो कुछ लोग कोविड-19 के दौर में शुरू किए गए वर्क फ्रॉम होम के चलते दूरदराज सेपरेट विला या डुप्लेक्स लेने में भी इंटरेस्टेड है. जिसमें डेवलपर्स कुछ रुपए देकर बुकिंग और बाकी पैसा पजेशन पर देने जैसे ऑफर दे रहे हैं.
फेस्टिव सीजन में प्रॉपर्टी की डिमांड के साथ-साथ रेट भी बढ़ी है. जिसका एक कारण बजरी, सीमेंट, स्टील के दाम बढ़ने को बताया जा रहा है. हालांकि बिल्डर अपना प्रॉफिट रेशों उसी हिसाब से रख रहा है. लेकिन फेस्टिव सीजन के चलते ऑफर के जरिए छूट भी दी जा रही है. ताकि उपभोक्ता ज्यादा से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीदने में अपना रुझान दिखाए.