जयपुर. राजस्थान में आज जहां एक और दलितों के लिए विधानसभा में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति विकास निधि विधेयक 2022 रखा गया, तो वहीं दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने दलित और आदिवासियों की सुरक्षा करने में राजस्थान सरकार के असफल रहने का आरोप लगाते हुए राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
मायावती ने अपने एक ट्वीट में (Mayawati tweets about dalit atrocities in Rajasthan) लिखा,'राजस्थान कांग्रेस सरकार में दलितों व आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. हाल ही में डीडवाना में दलित युवती के साथ बलात्कार, अलवर में दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या, जोधपुर के पाली में दलित युवक की हत्या ने दलित समाज को झकझोर दिया है. इससे स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों व आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेसी सरकार पूरी तरह से विफल रही है. अत यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. बीएसपी की यह मांग है.'
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बसपा ने 33 जिलों में किया प्रदर्शन: एक और बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान सरकार को बर्खास्त करने की मांग की तो दूसरी ओर उनकी पार्टी ने राजस्थान में दलितों के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया (BSP protest in all districts of Rajasthan) गया. राजस्थान के सभी 33 जिलों में बसपा की ओर से प्रदर्शन किया गया. सभी जिला कलेक्टरों को राजस्थान सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया. बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने बताया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार में दलित समाज पर अन्याय, अत्याचार व दलित बहन-बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. पिछले एक महीने में ही नागौर, अलवर, जोधपुर, पाली, धौलपुर की घटनाओं ने कमजोर वर्गों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है.
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उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के साथ ही पाली मे जितेंद्र मेघवाल की हत्या ने दलित समाज को हिलाकर रख दिया है. दलित समाज की सुरक्षा के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है. पाली के बाली में हुए जितेंद्र मेघवाल की हत्या के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए. मृतक परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता व किसी परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर सभी जिलों के जिला अध्यक्षों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया. बाबा पार्टी कार्यालय से जुलूस के रूप में जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा.