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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने की राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग - राजस्थान सियासी घमासान

राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध आपसी उठापटक व सरकारी अस्थिरता के हालात को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.

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राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की
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Published : Jul 18, 2020, 1:17 PM IST

Updated : Jul 18, 2020, 4:24 PM IST

जयपुर/लखनऊ: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दल बदल कानून और लोकतंत्र विरोधी कार्य करने का आरोप भले ही अपनी ही पार्टी के नेता सचिन पायलट और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर मढ़ रहे हों, लेकिन अब उनके ऊपर ही आरोप लगने लगे हैं. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने लोकतंत्र का मखौल ही नहीं उड़ाया है, बल्कि उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ दूसरी बार दगाबाजी भी की है. इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.

  • 2. इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो। 2/2

    — Mayawati (@Mayawati) July 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राजस्थान के सियासी रण में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भी कूद पड़ी हैं. उन्होंने कांग्रेस पर बसपा के विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को ट्वीट करके कहा कि जैसा की विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन और बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया. अब जग जाहिर तौर पर फोन टेप कराकर इन्होंने एक और गैरकानूनी और असंवैधानिक काम किया है.

यह भी पढ़ें : राजस्थान में फोन टैपिंग पर सियासी घमासान, भाजपा ने की सीबीआई जांच की मांग

इस प्रकार राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध आपसी उठापटक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए. ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.

जयपुर/लखनऊ: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दल बदल कानून और लोकतंत्र विरोधी कार्य करने का आरोप भले ही अपनी ही पार्टी के नेता सचिन पायलट और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर मढ़ रहे हों, लेकिन अब उनके ऊपर ही आरोप लगने लगे हैं. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने लोकतंत्र का मखौल ही नहीं उड़ाया है, बल्कि उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ दूसरी बार दगाबाजी भी की है. इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.

  • 2. इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो। 2/2

    — Mayawati (@Mayawati) July 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राजस्थान के सियासी रण में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भी कूद पड़ी हैं. उन्होंने कांग्रेस पर बसपा के विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को ट्वीट करके कहा कि जैसा की विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन और बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया. अब जग जाहिर तौर पर फोन टेप कराकर इन्होंने एक और गैरकानूनी और असंवैधानिक काम किया है.

यह भी पढ़ें : राजस्थान में फोन टैपिंग पर सियासी घमासान, भाजपा ने की सीबीआई जांच की मांग

इस प्रकार राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध आपसी उठापटक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए. ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.

Last Updated : Jul 18, 2020, 4:24 PM IST
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