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एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के भाई ने कही 'मन की बात'

एनडीए ने उप राष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान से आने वाले जगदीप धनखड़ (Vice President NDA Candidate Jagdeep Dhankhar) को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही उनका परिवार बेहद खुश है. जयपुर में रहने वाले उनके भाई और कांग्रेस नेता रणदीप धनखड़ ने अपने जज्बात जाहिर किए हैं.

Vice President Candidate 2022
जगदीप धनखड़ के भाई रणदीप ने कही मन की बात
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Published : Jul 17, 2022, 11:38 AM IST

Updated : Jul 17, 2022, 1:38 PM IST

जयपुर. एनडीए ने उप राष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान से आने वाले जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार (Vice President NDA Candidate Jagdeep Dhankhar) घोषित किया है. पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ की राजनीतिक कर्मभूमि राजस्थान ही रही है और वह झुंझुनू के रहने वाले हैं. उनके नाम के एलान संग ही पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है. भाई रणदीप ने कहा है कि वो जानते हैं कि उनके भाई ये नई जिम्मेदारी सफलतापूर्वक पूरी करेंगे.

भाई के जज्बात: भाई रणदीप धनखड़ (Randeep Dhankhar on Jagdeep Dhankhar) ने बातचीत के दौरान कहा - मेरे भाई कोई भी काम हाथ में लेते हैं तो उसे पूरा करते हैं. उसे पूरी मेहनत के साथ अंजाम तक ले जाते हैं. हमारा परिवार उनका उपराष्ट्रपति पद के लिए बतौर उम्मीदवार चुने जाने पर बेहद खुश है. उन्होंने इसे राजस्थान को गौरवान्वित करने वाला फैसला करार दिया है.

पढ़ें-Vice President Election: राजस्थान के जगदीप धनखड़ बने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार...राजनीति से वकालत तक रखते हैं खास पहचान

वकालत से राजनीति तक का सफर: जगदीप धनखड़ 10 नवम्बर 1979 से राजस्थान बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाया था. वर्ष 1987 में सबसे कम उम्र में राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष चुने गए. वर्ष 1988 में राजस्थान बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य. वर्ष 1989 में झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से 9वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. 1990 में एक संसदीय समिति के अध्यक्ष बने. इसी साल 1990 में केंद्रीय मंत्री भी बने.

वर्ष 1993-1998 में अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए. लोकसभा और राजस्थान विधानसभा दोनों में, वह महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा थे. धनखड़ केंद्रीय मंत्री रहते हुए यूरोपीय संसद में एक संसदीय समूह के उप नेता के रूप में प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे.

जनता दल और कांग्रेस में भी रहेः धनखड़ केंद्रीय मंत्री भी रहे. झुंझुनूं से 1989 से 91 तक वे जनता दल से सांसद रहे. हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. अजमेर से कांग्रेस टिकट पर वे लोकसभा चुनाव हार गए थे. फिर धनखड़ 2003 में बीजेपी में शामिल हो गए. अजमेर के किशनगढ़ से विधायक चुने गए. धनखड़ सिर्फ नेता ही नहीं हैं, बल्कि माने हुए वकील भी हैं. जगदीप धनखड़ सामाजिक आंदोलनों में भी सक्रिय भूमिका में रहे. चाहे सती प्रथा आंदोलन हो या फिर जाट ओबीसी आरक्षण का मामला. धनखड़ ने इन दोनों मामलों में मजबूती से समाज के पक्ष में पैरवी की. राजस्थान के चर्चित सती प्रथा आंदोलन में राजपूत समाज की ओर से और जाट को ओबीसी में दर्जा दिलाने को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी.

जयपुर. एनडीए ने उप राष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान से आने वाले जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार (Vice President NDA Candidate Jagdeep Dhankhar) घोषित किया है. पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ की राजनीतिक कर्मभूमि राजस्थान ही रही है और वह झुंझुनू के रहने वाले हैं. उनके नाम के एलान संग ही पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है. भाई रणदीप ने कहा है कि वो जानते हैं कि उनके भाई ये नई जिम्मेदारी सफलतापूर्वक पूरी करेंगे.

भाई के जज्बात: भाई रणदीप धनखड़ (Randeep Dhankhar on Jagdeep Dhankhar) ने बातचीत के दौरान कहा - मेरे भाई कोई भी काम हाथ में लेते हैं तो उसे पूरा करते हैं. उसे पूरी मेहनत के साथ अंजाम तक ले जाते हैं. हमारा परिवार उनका उपराष्ट्रपति पद के लिए बतौर उम्मीदवार चुने जाने पर बेहद खुश है. उन्होंने इसे राजस्थान को गौरवान्वित करने वाला फैसला करार दिया है.

पढ़ें-Vice President Election: राजस्थान के जगदीप धनखड़ बने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार...राजनीति से वकालत तक रखते हैं खास पहचान

वकालत से राजनीति तक का सफर: जगदीप धनखड़ 10 नवम्बर 1979 से राजस्थान बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाया था. वर्ष 1987 में सबसे कम उम्र में राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष चुने गए. वर्ष 1988 में राजस्थान बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य. वर्ष 1989 में झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से 9वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. 1990 में एक संसदीय समिति के अध्यक्ष बने. इसी साल 1990 में केंद्रीय मंत्री भी बने.

वर्ष 1993-1998 में अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए. लोकसभा और राजस्थान विधानसभा दोनों में, वह महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा थे. धनखड़ केंद्रीय मंत्री रहते हुए यूरोपीय संसद में एक संसदीय समूह के उप नेता के रूप में प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे.

जनता दल और कांग्रेस में भी रहेः धनखड़ केंद्रीय मंत्री भी रहे. झुंझुनूं से 1989 से 91 तक वे जनता दल से सांसद रहे. हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. अजमेर से कांग्रेस टिकट पर वे लोकसभा चुनाव हार गए थे. फिर धनखड़ 2003 में बीजेपी में शामिल हो गए. अजमेर के किशनगढ़ से विधायक चुने गए. धनखड़ सिर्फ नेता ही नहीं हैं, बल्कि माने हुए वकील भी हैं. जगदीप धनखड़ सामाजिक आंदोलनों में भी सक्रिय भूमिका में रहे. चाहे सती प्रथा आंदोलन हो या फिर जाट ओबीसी आरक्षण का मामला. धनखड़ ने इन दोनों मामलों में मजबूती से समाज के पक्ष में पैरवी की. राजस्थान के चर्चित सती प्रथा आंदोलन में राजपूत समाज की ओर से और जाट को ओबीसी में दर्जा दिलाने को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी.

Last Updated : Jul 17, 2022, 1:38 PM IST
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