जयपुर. थानागाजी गैंगरेप मामले में पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना पर मामले को दबाने का आरोप लगा है. पीड़ित और उसके परिजनों से मुलाकात के बाद सामाजिक संगठन द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि भड़ाना पीड़ित परिवार पर 25 लाख रुपए लेकर मामले में समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. सामाजिक संगठन ने सरकार से पीड़िता के पति को नौकरी देने और परिवार को लंबे समय तक सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.
सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू ने कहा कि सामाजिक संगठनों के एक दल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर पूरी जानकारी जुटाई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कई पहलू जांच के दायरे में आते हैं. इस पूरे मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही रही है. ऐसे में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. साथ ही आरोपियों को बचाने के लिए जो नेता पीड़ित परिवार पर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.
निशा सिद्धू ने कहा कि पीड़ित परिवार इस समय डरा हुआ है. एक समुदाय के लोगों द्वारा लगातार पीड़ित परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में लंबे समय तक पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है. वहीं दल में शामिल दलित सामाजिक कार्यकर्ता सुमन देवठिया ने कहा कि थानागाजी क्षेत्र में दलितों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं. पीड़ित परिवार से बात करने और घटना का वीडियो देखने पर लगता है कि सोची समझी साजिश के तहत परिवार को टारगेट किया गया है. ऐसे में पूरे मामले की जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जानी चाहिए.
सुमन देवठिया ने कहा कि पीड़ित परिवार को नौकरी, सुरक्षा सहित सामाजिक संगठनों द्वारा की गई 5 मांगों को सरकार जल्द पूरा करें, नहीं तो आने वाले समय में प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. सुमन देवठिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद 70 से अधिक दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो चुकी है. और इन मामलों में पुलिस का ढुलमुल रवैया रहा है.