जयपुर. राजनीतिक दलों की संगठनात्मक गतिविधियां चल तो रही है लेकिन वर्चुअल प्लेटफार्म पर. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह तक लगातार डिजिटल तकनीक का उपयोग कर कर रहे हैं. इस तरह राज्यों में चल रहे कामकाज और संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी ली जा रही है.
राजस्थान भाजपा से जुड़े नेता इसी माध्यम से राजस्थान की सभी 44 संगठनात्मक जिलों में नेताओं से संवाद और बैठक कर रहे हैं. इन वर्चुअल बैठकों के जरिए ही पार्टी मौजूदा समय में अपने कार्यक्रम भी तय कर रही है और सामूहिक राजनीतिक निर्णय भी ले रही है.
वर्चुअल बैठक के साथ डिजिटल प्रवास भी
वर्चुअल तरीके से न केवल जिलेवार बैठकें बल्कि संगठनात्मक रूप से अलग-अलग जिलों में बनाया गए प्रभारी या प्रदेश से जुड़े नेता प्रवास भी कर रहे हैं. मतलब प्रवास के दौरान जिस प्रकार का संपर्क आमने-सामने या बैठकों के जरिए किया जाता है, वह अब वर्चुअल तरीके से ही किया जा रहा है. एक ही दिन में 1 जिले में पार्टी के अलग-अलग मंडल मोर्चा और पदाधिकारियों से इसी तकनीक से संवाद स्थापित हो रहा है. प्रवास वर्चुअल बैठक और प्रवास के कार्यक्रम राजस्थान में 19 अप्रैल के बाद ही शुरू हो गए थे क्योंकि तब से अनुशासन पखवाड़ा लगा दिया गया था.
पढ़ें- CM गहलोत की तारीफ के बाद इंद्राज गुर्जर ने सचिन पायलट के लिए कही बड़ी बात
बैठकें वर्चुअल, विधायक जनप्रतिनिधि क्षेत्र में जुटे
कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में भले ही भाजपा संगठनात्मक रूप से बैठक और संवाद स्थापित करने के लिए डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रही हो. लेकिन पार्टी के विधायक और अन्य नेता अपने-अपने क्षेत्रों में आमजन की सेवा और कार्यों के लिए धरातल पर जुटे हैं. समय-समय पर क्षेत्र का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनने और उसके समाधान की कोशिश भी कर रहे हैं.
कोरोनाकाल में उमड़ा पत्र प्रेम..माध्यम डाक नहीं ई-मेल
महामारी के इस दौर में भाजपा नेताओं का पत्र प्रेम भी सामने आ रहा है. विपक्षी दल भाजपा ज्ञापन देने में तो माहिर थी. लेकिन महामारी में उन्हें पत्र लिखने पर भी मजबूर कर दिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रतिपक्ष के नेता उप नेता और विधायक लगातार मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भी अपनी राजनीतिक मांगे रख रहे हैं. हालांकि यह पत्र डाक से नहीं मेल पर जाते हैं. लेकिन जो मांग उठा रहे हैं वह जनता तक जाएं. इसके लिए मीडिया में भी इन पत्रों को भेजा जाता है. मतलब सहारा यहां भी नई तकनीकी ही है.
संगठन महामंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने ली सर्वाधिक बैठकें
कहते हैं राजनेताओं को प्राणवायु जनता के बीच मिलती है. लेकिन मजबूरी इस बात की रही कि महामारी ने राजनेताओं को जनता के बीच निकलने का मौका कम ही दिया. लेकिन सोशल मीडिया के जरिए इन नेताओं ने संवाद स्थापित कर इस कमी को काफी हद तक पूरा भी किया. वहीं प्रदेश भाजपा में यदि सर्वाधिक वर्चुअल बैठक और संवाद करने की बात हो तो संगठन महामंत्री चंद्रशेखर इसमें अव्वल हैं. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी प्रतिदिन कोई न कोई वर्चुअल बैठक लेकर संगठनात्मक फीडबैक लेते हैं.