जयपुर. प्रदेश में अपराधों पर चल रही सियासत के बीच बहुचर्चित थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले में अदालत का फैसला आ गया है. एससी-एसटी कोर्ट ने मामले के 4 दोषियों को आजीवन कारावास और एक आरोपी को IT एक्ट में 5 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट के इस फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा और प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने स्वागत किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है. राजे ने अपने ट्वीट में लिखा कि थानागाजी दुष्कर्म मामले में कोर्ट के निर्णय का स्वागत करती हूं. भाजपा सरकार ने आरोपियों के लिए कठोरतम सजा का प्रावधान किया था. इस प्रकरण में दोषियों को मिली सख्त सजा ने समाज को एक चुनौतीपूर्ण संदेश दिया है और जनता का न्यायपालिका में विश्वास मजबूत हुआ है.
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थानागाज़ी दुष्कर्म मामले में मैं कोर्ट के निर्णय का स्वागत करती हूं। हमारी भाजपा सरकार ने दुष्कर्मियों को कठोरतम सजा का प्रावधान किया था। इस प्रकरण में दोषियों को मिली सख्त सजा ने समाज कंटकों को एक चुनौतीपूर्ण संदेश दिया है तथा जनता का न्यायपालिका में विश्वास मजबूत हुआ है।
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">थानागाज़ी दुष्कर्म मामले में मैं कोर्ट के निर्णय का स्वागत करती हूं। हमारी भाजपा सरकार ने दुष्कर्मियों को कठोरतम सजा का प्रावधान किया था। इस प्रकरण में दोषियों को मिली सख्त सजा ने समाज कंटकों को एक चुनौतीपूर्ण संदेश दिया है तथा जनता का न्यायपालिका में विश्वास मजबूत हुआ है।
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यह बहुत ही स्वागत योग्य फैसला हैः सतीश पूनिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भले ही दुष्कर्म और महिला उत्पीड़न मामलों को रोकने में असक्षम रही हो, लेकिन कोर्ट ने अलवर के थानागाजी में दलित युवती से हुए गैंगरेप पर जो अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, उससे निश्चित रूप से ऐसे अपराधों में कमी होगी. यह बहुत ही स्वागत योग्य फैसला है.
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प्रदेश की कांग्रेस सरकार भले ही बलात्कार और महिला उत्पीड़न मामलों को रोकने में असक्षम रही हो, लेकिन आज कोर्ट ने अलवर के थानागाजी में दलित युवती से हुए गैंग रेप पर जो अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, उससे निश्चित रूप से ऐसे अपराधों में कमी होगी। यह बहुत ही स्वागत योग्य फैसला है।
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— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) October 6, 2020प्रदेश की कांग्रेस सरकार भले ही बलात्कार और महिला उत्पीड़न मामलों को रोकने में असक्षम रही हो, लेकिन आज कोर्ट ने अलवर के थानागाजी में दलित युवती से हुए गैंग रेप पर जो अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, उससे निश्चित रूप से ऐसे अपराधों में कमी होगी। यह बहुत ही स्वागत योग्य फैसला है।
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यह फैसला पीड़ित परिवारों को राहत देने वाला हैः रामलाल शर्मा
राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा के अनुसार कोर्ट का यह फैसला स्वागत योग्य है. इस निर्णय से उन लोगों को भी सबक मिलेगा, जो इस प्रकार के कृत्य को अंजाम देते हैं. विधायक व प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला उन पीड़ित परिवारों को राहत देने वाला है, जो इस घटनाक्रम के बाद मानसिक रूप से अवसाद में थे.
पिछले साल 26 अप्रैल को अलवर के थानागाजी में यह मामला सामने आया था, जिस पर एक दलित युवती के साथ उसके पति के सामने ही आरोपियों ने गैंगरेप किया था. मामला जब सामने आया तो भाजपा ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए सरकार पर दबाव बनाया और 2 मई 2019 को थानागाजी थाने में मामला भी दर्ज हुआ.
प्रदेश भाजपा की ओर से एक समिति भी बनाई गई, जिसमें सांसद रामकुमार वर्मा और पूर्व वित्त आयोग अध्यक्ष डॉ. ज्योति किरण शुक्ला सहित अन्य को शामिल किया गया था. पुलिस ने पीड़ित और उनके परिवार से भी मुलाकात की थी.
क्या है पूरा मामला...
ये मामला 26 अप्रैल, 2019 का है. एक दलित पति-पत्नी अलवर थानागाजी रोड पर मोटरसाइकिल से थानागाजी की ओर जा रहे थे. तभी एक एकांत स्थान में आरोपियों ने पीड़ित परिवार की मोटरसाइकिल रुकवा दी और पीड़िता को खींचकर एकांत स्थान में ले गए. पीड़िता ने आरोप लगाया कि यहां पर 5 दरिंदों ने उनके साथ गैंगरेप किया, इस दौरान बदमाशों ने वीडियो भी बनाए. घटना के दौरान बदमाशों ने पीड़िता के पति को उसके सामने ही बांध रखा था.
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एक अभियुक्त ने घटना को रिकॉर्ड करने के बाद इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. इस घटना को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की काफी निंदा हुई थी. साथ ही इस घटना की गूंज देश भर में सुनाई दी थी.