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आरोपी अधिकारियों को 'अभय दान' क्यों ?...भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही गहलोत सरकार : भाजपा

जेडीए के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने जिन तीन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप माना था, अब प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ केस वापसी के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है. जिस पर सियासत गर्म है. भाजपा ने इस मामले में प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तो साफ हो गया कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है.

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जेडीए के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
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Published : Jan 21, 2021, 5:53 PM IST

जयपुर. एकल पट्टा मामले में अफसरों के खिलाफ केस वापसी की कवायद को लेकर भाजपा ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. प्रदेश भाजपा में मंत्री महेंद्र जाटव ने इस मामले में कहा कि जिस तरह प्रदेश सरकार एकल पट्टा मामले में तत्कालिक अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे जीएस संधू सहित अधिकारी निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी को क्लीन चिट दे रही है, वो अपने आप में सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करता है.

अफसरों के खिलाफ केस वापसी का मामला...

जाटव ने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों पर पहले एसीबी ने अपनी जांच में ही आरोप को सही माना अब ऐसा क्या हो गया जो उन्हें सरकार अभय दान दे रही है. जाटव के अनुसार इन तीनों में एक अधिकारी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का नजदीकी है, लिहाजा सरकार इन तीनों ही अधिकारियों को बचाने का काम कर रही है, जो किसी भी दृष्टि से सही नहीं माना जा सकता है. जाटव ने यह भी कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो भी अब सरकार के इशारों पर ही काम कर रही है.

पढ़ें : मुख्यमंत्री की निःशुल्क भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी, अलवर में जल्द स्थापित होगा राजस्थान का तीसरा सैनिक स्कूल

गौरतलब है कि जेडीए के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में जिन तीन अधिकारियों के खिलाफ आरोप थे अब सरकार इन तीनों के ही खिलाफ केस वापस लेने की तैयारी में है. पिछले मंगलवार को इस संबंध में कोर्ट में अर्जी भी पेश कर दी गई थी, जिस पर आगामी 12 फरवरी को सुनवाई होगी. बताया जा रहा है कि सरकार का मानना है कि आपराधिक षड्यंत्र में अफसर लिप्त नहीं थे. यह फाइल विभागीय प्रक्रिया के तहत निस्तारित की गई थी. राज्य सरकार ने यह निर्णय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया है.

जयपुर. एकल पट्टा मामले में अफसरों के खिलाफ केस वापसी की कवायद को लेकर भाजपा ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. प्रदेश भाजपा में मंत्री महेंद्र जाटव ने इस मामले में कहा कि जिस तरह प्रदेश सरकार एकल पट्टा मामले में तत्कालिक अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे जीएस संधू सहित अधिकारी निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी को क्लीन चिट दे रही है, वो अपने आप में सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करता है.

अफसरों के खिलाफ केस वापसी का मामला...

जाटव ने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों पर पहले एसीबी ने अपनी जांच में ही आरोप को सही माना अब ऐसा क्या हो गया जो उन्हें सरकार अभय दान दे रही है. जाटव के अनुसार इन तीनों में एक अधिकारी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का नजदीकी है, लिहाजा सरकार इन तीनों ही अधिकारियों को बचाने का काम कर रही है, जो किसी भी दृष्टि से सही नहीं माना जा सकता है. जाटव ने यह भी कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो भी अब सरकार के इशारों पर ही काम कर रही है.

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गौरतलब है कि जेडीए के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में जिन तीन अधिकारियों के खिलाफ आरोप थे अब सरकार इन तीनों के ही खिलाफ केस वापस लेने की तैयारी में है. पिछले मंगलवार को इस संबंध में कोर्ट में अर्जी भी पेश कर दी गई थी, जिस पर आगामी 12 फरवरी को सुनवाई होगी. बताया जा रहा है कि सरकार का मानना है कि आपराधिक षड्यंत्र में अफसर लिप्त नहीं थे. यह फाइल विभागीय प्रक्रिया के तहत निस्तारित की गई थी. राज्य सरकार ने यह निर्णय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया है.

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