जयपुर. प्रदेश में पिछले 8 दिन से कड़ाके की ठंड में धरना प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों को नैतिक समर्थन देने भाजपा की दो नेता भी धरना स्थल पर पहुंची. जहां भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर और दौसा सांसद जसकौर मीणा भी धरना स्थल पर पहुंची. जहां उन्होंने गहलोत सरकार को महिलाओं के प्रति असंवेदनशील बताया. भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर ने आशा सहयोगिनियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी.
जिसके बाद उन्हें अपना नैतिक समर्थन देते हुए कहा कि वर्तमान गहलोत सरकार महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है और महिला अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही कहा कि महिला अपराधों में प्रदेश नंबर वन पर है और बच्चों के अपराधों में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि कड़ाके की ठंड में आशा सहयोगिनियां 8 दिन से लगातार प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है. गांव और ढाणियों में आशा सहयोगिनियां काम करती हैं और यहां अपने परिवार को छोड़कर प्रदर्शन कर रही हैं.
अलका गुर्जर ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और उसके बाद सरकार आगे आई है. साथ ही उन्होंने कहा कि आशा सहयोगिनियों के संघर्ष में भाजपा पूरी तरह से शामिल है. सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि गांव-गांव जाकर आशा सहयोगिनियां काम करती हैं. उनकी कार्य अवधि भी अधिक है, जो मानदेय उनको दिया जाता है, वह शर्मनाक है.
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उन्होंने कहा कि आशा सहयोगिनियों की मांगे वाजिब है और उनको सम्मानजनक मानदेय मिलना ही चाहिए. जसकोर मीणा ने कहा कि चाहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो या आशा सहयोगिनियां, कांग्रेस सरकार की संवेदनशीलता इनके प्रति खत्म हो चुकी है. मीणा ने कहा कि जो काम आशा सहयोगिनियां अभी कर रही है. उनके सामने उनका छोटा सा मानदेय अपमान के समान है.
यदि आशा सहयोगिनियों की मांगे पूरी नहीं हुई तो समझा जाएगा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार महिलाओं को लेकर असंवेदनशील है. इनकी मंत्री को उनके बीच आकर इनकी मांग को मानना चाहिए. जसकौर मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाले इंसेंटिव को दिलाने के लिए कोशिश की जाएगी, लेकिन प्रमुख मुद्दा राज्य सरकार का है, जो भीख के समान पैसों के चंद टुकड़े इन आशा सहयोगिनियों को देते हैं.