जयपुर. राजस्थान में जमीनी पकड़ मजबूत (BJP Strategy to Strengthen Ground Hold) करने के लिए भाजपा ने अपनी 'खास' रणनीति को अंतिम रूप देने की तैयारी में है, जिसकी शुरुआत भरतपुर संभाग से होने जा रही है. भाजपा 29 व 30 दिसंबर को भरतपुर में अपने अग्रिम मोर्चे की संयुक्त बैठक रखने जा रही है. जिसमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के साथ ही राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह मौजूद रहेंगे.
इस बैठक के लिए भरतपुर संभाग ही चुना गया, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में भरतपुर संभाग में भाजपा के खाते में केवल एक ही सीट आई थी और अन्य सीटों पर बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया था. कमोबेश यही स्थिति पंचायतों, निकाय चुनाव में भी सामने आई. मतलब संगठनात्मक दृष्टि से बीजेपी इस संभाग में आने वाली विधानसभा सीटों पर कमजोर है.
2 दिन के मंथन में जुटेंगे मोर्चों से जुड़े सभी पदाधिकारी...
संगठनात्मक स्तर पर भाजपा के साथ अग्रिम मोर्चे हैं इनमें महिला, युवा, किसान, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख हैं. इन सभी मोर्चों से जुड़े पदाधिकारी और कार्यसमिति सदस्य इस बैठक में जुटेंगे. पहले दिन मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्रियों के साथ बैठक होगी और दूसरे दिन सातों मोर्चा की कार्यसमिति की संयुक्त बैठक होगी.
जनवरी में अजमेर संभाग की मजबूती के लिए आएंगे जेपी नड्डा...
भरतपुर संभाग के बाद पार्टी का फोकस अजमेर संभाग पर रहेगा. यही कारण है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम (JP Nadda Rajasthan Visit in January) जयपुर में न बनाकर अजमेर के लिए बनाया गया है. नड्डा अजमेर में पार्टी के मंडल अध्यक्षों की बैठक लेंगे और प्रमुख नेताओं के साथ विचार मंथन करेंगे. नड्डा यहां से ही पार्टी के नए कार्यालय-भवनों का लोकार्पण करेंगे. मकसद साफ है कि इस बड़े आयोजन के जरिए अजमेर संभाग में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति मजबूत करने पर फोकस रहेगा.
पूनिया के उदयपुर संभाग का दौरा का भी था यही कारण...
हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने 4 दिन के मेवाड़ प्रवास के दौरान (Satish Poonia Mewar Trip Objective) छह जिलों में संगठनात्मक दौरा किया. उसके पीछे मकसद भी यही था कि मेवाड़ में कमजोर होती बीजेपी को संगठनात्मक दृष्टि से मजबूत किया जाए. धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के इस गढ़ में कांग्रेस के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों का प्रभाव पड़ा और बीजेपी चौथे नंबर पर आ गई. इससे पार्टी आलाकमान भी नाराज है. यही कारण है कि पूनिया अब इन क्षेत्रों में दौरा कर बीजेपी की कमजोरी को दूर कर मजबूती देने में लगे हैं.