जयपुर. विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में बयान किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कुछ मंत्रियों को एसओजी के नोटिस मामले में भी सियासत गर्म है. नोटिस मामला दर्ज होने के बाद रूटीन प्रोसेस है, लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस मामले में भी प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. सतीश पूनिया ने कहा कि तमाम घटनाक्रम, इस बात का सबूत हैं कि कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह चरम पर है.
सतीश पूनिया ने एक बयान जारी कर आश्चर्य जताया कि मुख्यमंत्री खुद गृहमंत्री हैं और विभाग के मुखिया को एक साधारण सा डिप्टी एसपी नोटिस देगा तो ताज्जुब होगा ही. उन्होंने कहा कि मैंने मंत्री रमेश मीणा का बयान भी सुना, जिसमें वे बोलते हैं कि ना उन्होंने कोई शिकायत की, ना परिवाद दर्ज कराया और ना ही किसी से कोई बात हुई, फिर भी उन्हें किस बात का नोटिस मिला पता नहीं.
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पूनिया के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम को लेकर साफ हो गया है कि पूरी सरकार का दिमाग असंतुलित हो चुका है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब विभाग के मुखिया को इस प्रकार के नोटिस मिले. पूनिया के अनुसार धारा 124 ए और धारा 120 बी के नोटिस को मुख्यमंत्री जी पढ़ लेते तो उन्हें पता लग जाता कि इससे उनका उपहास हो रहा है.
बयान में सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री जी एसओजी और एंटी करप्शन ब्यूरो के जरिए अपने ही उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों को डराकर उन्हें अपने पक्ष में करना चाह रहे हैं. उनके अनुसार इससे भी बढ़कर अब यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस के भीतर बड़ा अंतर्विरोध चल रहा है, जो अब खुलकर सामने आने लगा है.