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मंडावा में सांसद पुत्र को टिकट ना देना पार्टी आलाकमान का दुस्साहसी फैसला था : सतीश पूनिया

मंडावा उपचुनाव में मिली हार को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस फैसले से गहलोत सरकार गलतफहमी न पाले. वहीं, पूनिया ने मंंडावा सीट पर हुए टिकट के बंटवारे को लेकर अपनी ही पार्टी के फैसले पर ऐताराज जताया.

BJP State President SATISH POONIYA, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया
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Published : Oct 24, 2019, 6:10 PM IST

जयपुर. सतीश पूनिया के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालने के बाद सामने आए दो सीटों के उपचुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में खास नहीं रहे. यही कारण है कि पूनिया, प्रदेश की गहलोत सरकार को गलतफहमी में न रहने की सलाह दे रहे हैं.

वहीं मंडावा में बीजेपी की हार के बाद जब पूनिया से सांसद पुत्र को यहां टिकट नहीं देने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने सहर्ष ही यह बात भी स्वीकारी. पूनिया ने कहा कि इस सीट पर सांसद पुत्र को टिकट न देना पार्टी आलाकमान का दुस्साहसी फैसला था.

सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस गलतफहमी में न रहे.

कांग्रेस सरकार गलतफहमी में न रहे- पूनिया

सतीश पूनिया के ने कहा कि उपचुनाव का परिणाम 1-1 के स्कोर पर है. लिहाजा सरकार को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए. पूनिया ने कहा कि साल 1952 से लगातार मंडावा सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. इस सीट पर साल 2018 में पहली बार भाजपा महज कुछ वोटों से जीती. पूनिया के अनुसार सरकार इसे अपने पक्ष में मैंडेट न मान लें. क्योंकि मंडावा में स्थानीय समीकरण और मुद्दे अलग थे. पूनिया ने कहा कि इस जीत के बाद सरकार से थोड़ा दबाव जरूर कम होगा, जिसका असर जनता के हाथ में होने वाले फैसलों में रुकावट के तौर पर सामने आएगा.

ये भी पढ़ें: खींवसर से जीत के बाद नारायण बेनीवाल ने जताया मतदाताओं का आभार, कांग्रेस सरकार पर लगाए बड़े आरोप

एक उपचुनाव जरूर हारे, लेकिन यह सीता की तरह मेरी अग्निपरीक्षा नहीं- पूनिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद हुए उपचुनाव सतीश पूनिया के लिए भी काफी महत्वपूर्ण थे. लेकिन मंडावा में भाजपा की हार के बाद सतीश पूनिया ने साफ तौर पर कहा कि एक चुनाव में हार किसी के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता. पूनिया ने कहा कि राजनीति में कई-कई दिग्गज चुनाव हार जाते हैं, इसलिए इस चुनाव को सीता मैया की तरह मेरी अग्निपरीक्षा न माने. पूनिया ने यह भी कहा कि इस चुनाव से किसी की भी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. हालांकि इस चुनाव में 1 सीट पर मिली जीत से कांग्रेस का अब कुछ समय के लिए संकट जरूर टल गया.

जयपुर. सतीश पूनिया के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालने के बाद सामने आए दो सीटों के उपचुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में खास नहीं रहे. यही कारण है कि पूनिया, प्रदेश की गहलोत सरकार को गलतफहमी में न रहने की सलाह दे रहे हैं.

वहीं मंडावा में बीजेपी की हार के बाद जब पूनिया से सांसद पुत्र को यहां टिकट नहीं देने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने सहर्ष ही यह बात भी स्वीकारी. पूनिया ने कहा कि इस सीट पर सांसद पुत्र को टिकट न देना पार्टी आलाकमान का दुस्साहसी फैसला था.

सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस गलतफहमी में न रहे.

कांग्रेस सरकार गलतफहमी में न रहे- पूनिया

सतीश पूनिया के ने कहा कि उपचुनाव का परिणाम 1-1 के स्कोर पर है. लिहाजा सरकार को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए. पूनिया ने कहा कि साल 1952 से लगातार मंडावा सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. इस सीट पर साल 2018 में पहली बार भाजपा महज कुछ वोटों से जीती. पूनिया के अनुसार सरकार इसे अपने पक्ष में मैंडेट न मान लें. क्योंकि मंडावा में स्थानीय समीकरण और मुद्दे अलग थे. पूनिया ने कहा कि इस जीत के बाद सरकार से थोड़ा दबाव जरूर कम होगा, जिसका असर जनता के हाथ में होने वाले फैसलों में रुकावट के तौर पर सामने आएगा.

ये भी पढ़ें: खींवसर से जीत के बाद नारायण बेनीवाल ने जताया मतदाताओं का आभार, कांग्रेस सरकार पर लगाए बड़े आरोप

एक उपचुनाव जरूर हारे, लेकिन यह सीता की तरह मेरी अग्निपरीक्षा नहीं- पूनिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद हुए उपचुनाव सतीश पूनिया के लिए भी काफी महत्वपूर्ण थे. लेकिन मंडावा में भाजपा की हार के बाद सतीश पूनिया ने साफ तौर पर कहा कि एक चुनाव में हार किसी के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता. पूनिया ने कहा कि राजनीति में कई-कई दिग्गज चुनाव हार जाते हैं, इसलिए इस चुनाव को सीता मैया की तरह मेरी अग्निपरीक्षा न माने. पूनिया ने यह भी कहा कि इस चुनाव से किसी की भी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. हालांकि इस चुनाव में 1 सीट पर मिली जीत से कांग्रेस का अब कुछ समय के लिए संकट जरूर टल गया.

Intro:उपचुनाव के परिणाम पर बोले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया 1-1 का स्कोर है सरकार उस फहमी में ना रहे

केवल एक चुनाव किसी के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता- पूनिया

मंडावा में सांसद पुत्र को टिकट ना देना पार्टी आलाकमान का दुस्साहसी फैसला था- सतीश पूनिया

जयपुर (इंट्रो)
सतीश पूनिया के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के बाद सामने आए दो सीटों के उपचुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में खास नहीं रहे। यही कारण है पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया प्रदेश सरकार कि गहलोत सरकार को गलतफहमी में ना रहने की सलाह दे रहे हैं। वहीं मंडावा में बीजेपी की हार के बाद जब पूर्णिया से सांसद पुत्र को यहां टिकट नहीं देने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो पूनिया ने सहर्ष ही यह बात भी स्वीकार ली कि इस सीट पर सांसद पुत्र को टिकट ना देना पार्टी आलाकमान का दुस्साहसी फैसला था।

1-1 के स्कोर पर रहा उपचुनाव परिणाम इसलिए सरकार खुश फहमी में ना रहे-

सतीश पूनिया के अनुसार उपचुनाव परिणाम 1-1 के स्कोर पर है लिहाजा सरकार को गलतफहमी नहीं पालना चाहिए। पूनियां के अनुस्सर सन 1952 से लगातार मंडावा सीट कांग्रेस के कब्जे में रही। इस सीट पर साल 2018 में पहली बार भाजपा महज कुछ वोटों से जीती। पूनियां के अनुसार सरकार इसे अपने पक्ष में मैंडेट ना मान लें क्योंकि मंडावा में स्थानीय समीकरण और मुद्दे अलग थे। सतीश पूनिया की माने तो इस जीत के बाद सरकार पर से थोड़ा दबाव जरूर कम होगा जिसका सर जनता के हाथ में होने वाले फैसलों में रुकावट के तौर पर सामने आएगा।

एक उपचुनाव जरूर हारे लेकिन यह सीता की तरह मेरी अग्निपरीक्षा नहीं थी -सतीश पूनिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद हुए उपचुनाव सतीश पूनिया के लिए भी काफी महत्वपूर्ण थे लेकिन मंडावा में भाजपा की हार के बाद सतीश पूनिया ने साफ तौर पर कहा कि एक चुनाव में हार किसी के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता उनके अनुसार राजनीति में कई कई दिग्गज चुनाव हार जाते हैं इसलिए इस चुनाव को सीता मैया की तरह मेरी अग्निपरीक्षा ना माने पुनिया ने यह भी कहा कि इस चुनाव से किसी की भी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला हालांकि इस चुनाव में 1 सीट पर मिली जीत से कांग्रेस का अब समय के लिए संकट जरूर टल गया।

बाईट- सतीश पूनिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

(Edited vo pkg)


Body:बाईट- सतीश पूनिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

(Edited vo pkg)


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