जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने इशारों-इशारों में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जादू करते-करते राजस्थान सरकार ने अपने ही उपमुख्यमंत्री को गायब कर दिया. यह है राजस्थान के जादूगर की जादूगरी. पूनिया विधानसभा में बजट बहस के दौरान बोल रहे थे. इस दौरान पूनिया ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था से लेकर मौजूदा बजट की खामियों को (Satish Poonia targets Gehlot govt in Budget debate) गिनाया. साथ ही रीट परीक्षा अनियमितता की सीबीआई जांच की मांग दोहराई.
पूनिया ने कहा कि महिला उत्पीड़न, बढ़ते क्राइम के बाद अब आत्मदाह के मामले में भी राजस्थान नंबर वन हो गया है. पूनिया के अनुसार मौजूदा बजट भाषण राजस्थान के इतिहास का अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण था. लेकिन इसमें केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना जिसके तहत साल 2024 तक राजस्थान के 86 लाख लोगों तक पानी पहुंचाना था, उसकी गति का जिक्र नहीं किया. आज राजस्थान सरकार के चलते इस योजना की गति बेहद धीमी है. साल 2024 तक महज 60 लाख लोगों तक यह पानी पहुंच पाएगा.
पूनिया ने कहा कि राजस्थान सरकार कर्जा लेकर बजट पेश कर रही है. यह निर्भरता कम करने वाला नहीं बढ़ाने वाला बजट है. उन्होंने इस दौरान कहा कि अभी 3 साल में राजस्थान सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए का कर्जा लिया, जो इस वर्ष दो लाख करोड़ को पार कर गया. पूनिया के अनुसार कांग्रेस सरकार की कर्जा लेकर घी पीने की आदत पड़ चुकी है. राजस्थान में 60 लाख किसान हैं, जिनपर 1 लाख 20 हजार करोड़ का कर्जा है, जिसे गहलोत सरकार माफ करे.
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पूनिया ने कहा कि राजस्थान में देश का हर तीसरा पर्यटक घूमने आता है और उनकी विधानसभा क्षेत्र आमेर में भी जो पर्यटक आता है, वो पूछता है 'नाथी का बाड़ा' कहां है. सरकार ने बजट में आमेर विधानसभा को कुछ नहीं दिया. एकमात्र उपहार जो आईफोन दिया था, वह भी मैंने लौटा दिया. सरकार को यदि डर नहीं है, तो रीट परीक्षा की अनियमितता की सीबीआई जांच करवाने से बच क्यों रही है.
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बजट बहस में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने केंद्र की मोदी सरकार के आम बजट पर निशाना साधा. चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने पूंजीपतियों का बजट पेश किया है. जबकि राजस्थान सरकार ने आम जनता का बजट पेश किया है. चौधरी ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कहती हैं कि राजस्थान का यह बजट नीति का नहीं, राजनीति से प्रेरित बजट है. राजे नीति की बात ना करें, क्योंकि उन्हें तो अडानी, अंबानी को फायदा देने वाला बजट ही पसंद है, आम जनता का बजट नहीं.