जयपुर. प्रदेश में सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बीजेपी का हल्ला बोल अभियान खत्म हो गया है. इस अभियान के दौरान जो भी कार्यक्रम हुए हैं. उसमें जुटे कार्यकर्ता और नेताओं की भागीदारी को आधार बनाकर प्रदेश संगठन की ओर से एक रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. रिपोर्ट में उन नेताओं की जानकारी जुटाई जा रही है, जो संबंधित धरना प्रदर्शन और ज्ञापन के कार्यक्रमों में आमंत्रित थे.
वहीं हल्ला बोल अभियान के तहत कई कार्यक्रम हुए, जिसमें कई बार बड़े नेता या पदाधिकारियों की भागीदारी नजर नहीं आई. साथ ही कुछ पदाधिकारी और नेता ऐसे रहे जिन्होंने आगे बढ़कर सक्रिय रूप से अभियान को गति प्रदान की.
अभियान के अंतिम कार्यक्रमों में जिसमें उपखंड स्तर पर और जिला मुख्यालय पर ज्ञापन के कार्यक्रम में कई सांसद नदारद रहे. साथ ही जयपुर देहात में ज्ञापन के दौरान जयपुर ग्रामीण सांसद मौजूद नहीं थे. वहीं अन्य जिलों में भी कुछ सांसदों की गैर हाजिरी सामने आई है.
जिससे प्रदेश नेतृत्व और संगठन को भी अवगत करा दिया गया था. अभियान के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी नदारद रही. इस अभियान के तहत चलाए गए डिजिटल और टि्वटर के अभियानों में भी उनकी भागीदारी सामने नहीं आई है. जिसके बाद संगठन के स्तर पर तमाम रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
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सक्रिय नेताओं व कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा प्रमोशन..
प्रदेश भाजपा में अग्रिम मोर्चे के साथ ही प्रकल्प और विभागों का भी गठन होना है. वहीं प्रदेश कार्य समिति सदस्यों की भी घोषणा होना बाकी है. ऐसे में जिन नेता व कार्यकर्ताओं ने पार्टी के हल्ला बोल अभियान के कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाई है.
उन्हें संगठन में किसी ना किसी पद से नवाजा भी जाएगा, ताकि उनकी भी हौसला अफजाई हो. फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर तमाम जिला इकाइयों से यह फीडबैक जुटाया जा रहा है. जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी.