जयपुर. प्रदेश में बढ़ते अपराध के मामले में सियासी उबाल जारी है. अब प्रदेश भाजपा ने अपने अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा को प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतार दिया है. सोमवार को बीजेपी एससी और एसटी मोर्चा ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय से लेकर सिविल लाइंस फाटक तक प्रदेश सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकाला और प्रदर्शन कर कलेक्टर को राज्यपाल कलराज मिश्र के नाम ज्ञापन सौंपा.
भाजपा मुख्यालय से शुरू हुए इस पैदल मार्च में बड़ी संख्या में मोर्चे से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे. जयपुर शहर भाजपा और देहात के जिला अध्यक्ष भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में विरोध स्वरूप काले झंडे भी ले रखे थे.
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में अनुसूचित जाति और जनजाति समाज पर अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ना तो महिलाएं सुरक्षित हैं और ना आम लोग.
मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा ने कहा कि पिछले दिनों अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों पर अत्याचार के कई मामले सामने आए. अधिकतर मामलों में पुलिस की कार्यशैली पूरी तरह से लचर साबित हुई और पीड़ितों को न्याय तक नहीं मिल पाया.
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जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि भाजपा जो आरोप लगा रही है आंकड़ों पर आधारित है, क्योंकि नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड में जो आंकड़े आए हैं राजस्थान में बदहाल कानून व्यवस्था की कहानी बयां कर रहे हैं.
हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा के आरोपों को निराधार बताते हैं, साथ ही महिला उत्पीड़न के मामलों में उत्तर प्रदेश की हालत बेहद खराब भी बताते हैं. तब अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश महामंत्री मुकेश गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी अपने प्रदेश के प्रति होनी चाहिए. अगर अपराध बढ़ रहे हैं तो दूसरे प्रदेशों से तुलना करने के बजाय उसकी रोकथाम पर पूरा फोकस करें, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हो रहा.