जयपुर. नगर निगम चुनाव में इस बार सरकार ने हाइब्रिड फार्मूला भी रखा है. मतलब यदि किसी राजनीतिक दल का बोर्ड बनता है तो महापौर किसी ऐसे व्यक्ति को भी बनाया जा सकता है, जो पार्षद का चुनाव ना लड़ा हो, बशर्ते महापौर बनाए जाने के कुछ माह बाद उसे किसी सीट को खाली करवाकर चुनाव लड़कर जीतना होगा. हालांकि, BJP ने साफ कर दिया है कि वह हाइब्रिड नहीं बल्कि मौलिक पार्टी है. मतलब इस फार्मूले का उपयोग भाजपा तो नहीं करेगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश प्रवक्ता ग्रेटर नगर निगम जयपुर के तहत चुनाव प्रभारी रामलाल शर्मा का कहना है कि BJP हाइब्रिड फॉर्मूले का उपयोग नहीं करेगी. सतीश पूनिया से जब इटीवी भारत ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हाइब्रिड तो कांग्रेस है, बीजेपी तो मौलिक पार्टी है. इसलिए बीजेपी का महापौर वही बनेगा, जो जीतकर आएगा.
रामलाल शर्मा का भी यही कहना है. उनकी मानें तो कांग्रेस का चरित्र इस प्रकार का हो सकता है लेकिन बीजेपी लोकतांत्रिक पार्टी है और उसमें जो जीतकर पार्षद बनेगा, उन्हीं में से महापौर भी बनाया जाएगा. जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज के लिए महापौर का पद ओबीसी महिला के लिए रिजर्व है. चुनाव परिणाम आने के बाद यह साफ होगा राजनीतिक दल मौजूदा हाइब्रिड फार्मूले का उपयोग करते हैं या नहीं.
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खास तौर पर बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं क्योंकि पहले भी इन चुनाव को लेकर पूनिया ने अपने बयानों में कुछ गाइडंलाइन तय की थी लेकिन टिकट वितरण में अपनी ही बनाई गाइड लाइनों को ताक पर रख दिया गया. ऐसे में राजनेताओं की जुबान और दावों का आईना समय आने पर ही पता चलता है. फिलहाल चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को उसी समय का ही इंतजार है.