जयपुर. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने एक बार फिर विपक्षी दल भाजपा के बड़े विरोध प्रदर्शनों (Corona Impact on BJP Rally) पर ब्रेक लगा दिया है. खास तौर पर गहलोत सरकार के 3 साल के मौके पर होने वाला राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन (Rajasthan BJP Jan Aakrosh rally canceled) अब खटाई में पड़ गया है. पार्टी अब वर्चुअल प्लेटफार्म के जरिये अपना अधिकतर कामकाज निपटाएगी. वहीं प्रशिक्षण कैंप और बचे हुए जिलों में होने वाली जन आक्रोश रैली को रद्द कर दिया गया है. लिहाजा नेताओं को अब इसकी ट्रेनिंग भी मिलेगी.
कोरोना गाइडलाइन की पालना में बड़े कार्यक्रमों में होंगे बदलाव
हाल ही में भाजपा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जिलों में जनआक्रोश रैलियों का आयोजन किया. जिसके बाद जयपुर में सरकार के खिलाफ राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का भी कार्यक्रम तय किया गया था, लेकिन इसकी तारीख का ऐलान होने से पहले ही प्रदेश में कोरोना का संक्रमण अपना पांव पसारने लगा है. प्रदेश सरकार ने इससे जुड़ी नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है. जिसमें सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में अधिकतम 100 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति दी गई है.
इसके कारण ही भाजपा अब बड़े विरोध प्रदर्शन से जुड़े कार्यक्रम नहीं कर सकेगी और न ही संगठनात्मक स्तर पर बड़ी बैठक या सभाओं का आयोजन हो पाएगा. अजमेर में इस माह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का प्रस्तावित कार्यक्रम भी इसी के चलते आगे खिसकने या बदलाव होने की संभावना है. वहीं कोटा, बांरा, करौली और गंगानगर के साथ जयपुर, भीलवाड़ा और टोंक जिले में होने वाली जन आक्रोश रैली भी रद्द कर दी गई है.
पिछले कोरोना कालखंड का है अनुभव,उसी अनरूप होंगे कार्यक्रम
देश और प्रदेश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में प्रदेश भाजपा के लगभग सभी बड़े जनप्रतिनिधि और प्रमुख नेता कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके थे. इस दौरान पार्टी ने सोशल मीडिया और वर्चुअल प्लेटफार्म का बखूबी उपयोग किया. पार्टी की बड़ी बैठकें भी इसी प्लेटफार्म पर ही हुई. साथी विरोध प्रदर्शन से जुड़े कार्यक्रम में भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का ही उपयोग किया गया. प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही भाजपा फिर उसी डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग को ज्यादा बढ़ावा देगी ताकि कोरोना की गाइड लाइन का उल्लंघन भी न हो और संगठनात्मक कामकाज भी चलता रहे.
नई तकनीक व सोशल मीडिया की मिलेगी ट्रेनिंग
प्रदेश भाजपा में यूं तो अधिकतर नेता सोशल मीडिया की नई तकनीक से परिचित हैं, लेकिन कुछ जनप्रतिनिधि ऐसे भी हैं जो नई तकनीक से अब तक बहुत दूर हैं. यही कारण है कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने पार्टी की सोशल मीडिया विंग को ऐसे नेताओं को ट्रेनिंग देने के लिए कहा है. हालांकि जिन नेताओं को इसकी जरूरत होगी वो भाजपा सोशल मीडिया विभाग से जुड़े कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की मदद ले पाएंगे. वहीं प्रमुख नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट हैंडलिंग की ट्रेनिंग पूर्व में भी उन्हें दी गई थी और अब वापस यह काम चलेगा.