जयपुर. राजस्थान सरकार के मंत्रियों ने बीजेपी सांसदों पर काम नहीं करने के आरोप लगाया था. जिसपर राज्य सभा सांसद रामकुमार वर्मा ने पलटवार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मंत्री जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं. जबकि बीजेपी सांसद, विधायक और कार्यकर्ता इस विकट समय में भी जनता की सेवा का काम कर रहे हैं.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा ने वीडियो बयान जारी कर कहा कि राजस्थान के मंत्री आए दिन प्रदेश के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों पर कोरोना संकट के दौर में काम नहीं करने और प्रदेश की जरूरतों के लिए पैरवी नहीं करने का आरोप लगाते हैं. जबकि राजस्थान से लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने कोरोना की पहली लहर में भी सहयोग दिया था और अब दूसरी लहर में भी सहयोग दे रहे हैं. सांसदों ने दो वित्तीय वर्ष के सांसद कोटे के 10 करोड़ रुपए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए दिए हैं. जिन सांसदों के कोष में जितनी राशि थी, उसके हिसाब से विधानसभा के अनुसार बजट राज्य सरकार को जारी किया गया लेकिन राज्य सरकार ने उस बजट का हिसाब भी अब तक सांसदों को नहीं दिया है. अधिकांश सांसदों को विशेष व्यवस्था के तहत ढाई करोड़ रुपए का कोष केंद्र सरकार ने दिया है.
यह भी पढ़ें. भरतपुर डॉक्टर दंपती हत्याकांड : बहन की हत्या का बदला लेने के दिनदहाड़े गोलियों से भूना, जानें पूरी कहानी
इससे कोविड-19 से लड़ाई में सहयोग के लिए सांसदों ने अनुशंसाएं भी जारी कर दी है. राज्य सरकार और जिला परिषद स्तर पर उनकी अनुशंसाएं पहुंच भी गई हैं लेकिन राशि अभी तक जारी नहीं कि गई है. इसलिए सहायता पहुंचने में देरी हुई है. इसमें देरी होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि जिला परिषद के सीईओ ऑफिस से यूसी और ऑडिट रिपोर्ट भी जारी नहीं हुई है. इसके साथ ही कुछ तकनीकी कमियां हैं. जिनका भी समाधान किया जा रहा है. राज्यसभा के सांसद जिनकी किस्तें बाकी नहीं थी. उन्होंने भी अनुरोध किया है.
यह भी पढ़ें. डॉक्टर दंपती की हत्या पर भड़की बीजेपी, बोली- कोरोना से ज्यादा उग्र रूप में सड़कों पर फुटेगा जनता का आक्रोश
उन्होंने कहा कि राजस्थान से केंद्र सरकार में मंत्री अर्जुन मेघवाल, कैलाश चौधरी और गजेंद्र सिंह शेखावत और पीपी चौधरी के माध्यम से भी यह बात की गई है. राज्यसभा के सांसदों को भी ढाई करोड़ रुपए की अतिरिक्त किस्त जारी करने और उसे आगे समायोजित करने का सुझाव भी केंद्र सरकार को दिया गया है. उम्मीद है कि उस पर भी केंद्र सरकार विचार करेगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार जनता के बीच भ्रांतिया फैलाने का काम करती है. आमजन को उनकी बातों में नहीं आना चाहिए. भाजपा के सांसद, कार्यकर्ता और विधायक कोरोना संकट के इस विकट दौर में जनता की सेवा का अपना काम कर रहे हैं.
प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और लगातार बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. हाल ही में सांसद रंजीता कोली पर हुए जानलेवा हमला और भरतपुर में दिनदहाड़े डॉक्टर दंपति की गोली मारकर हत्या के मामले में भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला बोला है.
यह भी पढ़ें. राजस्थान में अब अविवाहित पुलिसकर्मियों को नहीं होगी घर जाने की इजाजत, पुलिस लाइन या फिर बैरक में गुजारनी होगी रात
राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा, भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल और एससी मोर्चा महामंत्री मुकेश गर्ग ने बयान जारी कर मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया है. राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा के मुताबिक महिला सांसद रंजीता कोली पर जानलेवा हमला किया गया. भरतपुर में सरेराह डॉक्टर दंपति का मर्डर कर दिया गया. जयपुर में गर्भवती महिला के साथ एंबुलेंस कर्मियों ने दुष्कर्म किया. गंगानगर में एक विवाहिता के साथ पुलिसकर्मी में ज्यादती की, जिसकी वजह से महिला को आत्महत्या करना पड़ा. इस तरह प्रदेश में आए दिन अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है. कानून व्यवस्था चरमरा गई है. कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाल देती है. क्या प्रदेश में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार संवेदनशीलता दिखाएं.
मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने सीएम से इस्तीफे की मांग की
भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल के अनुसार महिला सांसद पर जानलेवा हमला होना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार के कलेक्टर और एसपी ने 2 घंटे तक फोन रिसीव नहीं किया. प्रदेश में आए दिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. सांसद रंजीता कोली ने पिछले दिनों पीएम केयर्स वेंटीलेटर्स का मामला उठाया था. सांसद लगातार मानव सेवा के कार्य में लगी हुई थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री जिनके पास गृह मंत्रालय है, उनको अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
एससी मोर्चा महामंत्री मुकेश गर्ग के मुताबिक भरतपुर की सांसद रंजीता कोली पर असामाजिक तत्वों की ओर से हमला एक निंदनीय घटना है. भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा इसकी निंदा करता है. कोरोना के इस संकट में सांसद ने स्वास्थ्य विभाग की अनेक कमियों को उजागर कर उनको ठीक करवाया. जिसमें सैकड़ों कोरोना मरीजों को लाभ पहुंचा. असामाजिक तत्वों को यह बात रास नहीं आई. सांसद पर हमला होना लोकतंत्र पर हमला है. भाजपा के सेवा कार्यों से मुख्यमंत्री और उनके नेताओं का जनाधार खिसकने लगा, तो इस प्रकार के हथकंडे अपनाए जाने लगे हैं.
यह भी पढ़ें. भरतपुर में डॉक्टर दंपती की गोली मारकर हत्या, शेखावत ने CM गहलोत से पूछा- क्या आपकी नींद अभी भी नहीं टूटी
मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय होने के बाद भी प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है. सरकार और कांग्रेस पार्टी के संरक्षण में अपराधी खुले में घूम रहे हैं. महिलाओं, बेटियों, दलित समाज, आमजन और गरीब लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं और अपराध बढ़ता जा रहा है. भारत की सबसे बड़ी पंचायत के सदस्य पर हमला हो सकता है तो आम जनता कहीं भी सुरक्षित नहीं हो सकती.
मुकेश गर्ग ने सरकार को चेताया
बीजेपी एससी मोर्चा प्रदेश महामंत्री मुकेश गर्ग ने सरकार को चेताया है कि राज्य सरकार ने अगर अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे नहीं भेजा, तो सरकार के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी जाएगी. सांसद को उचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाते हुए पूरी घटना की न्यायिक जांच करवाई जाए.