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CAA के खिलाफ धरने पर BJP ने घेरा, कांग्रेस का पलटवार 'कोरोना के नाम पर ना करें सियासत' - Jaipur News

जयपुर के शहीद स्मारक और कर्बला में CAA के खिलाफ चल रहे धरने पर भाजपा ने सवाल उठाया है. भाजपा का सवाल है कि क्या यहां कोरोना का संक्रमण नहीं हो सकता है. कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि कोरोना के नाम पर तो भाजपा सियासत नहीं करे.

सीएए के खिलाफ धरना, Jaipur News
धरने पर भाजपा ने उठाया सवाल
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Published : Mar 15, 2020, 4:38 PM IST

जयपुर. देश और प्रदेश में 'कोरोना' के कहर के कारण आगामी कुछ दिनों के लिए स्कूल, कॉलेज और बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. लेकिन इस बीच जयपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे धरना-प्रदर्शन जारी हैं, जिस पर अब भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं.

धरने पर भाजपा ने उठाया सवाल

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने शहीद स्मारक और कर्बला में चल रहे इस धरने को भी एहतियातन खत्म करने और सरकारी स्तर पर इसकी अनुमति निरस्त करने की मांग की है. सराफ के अनुसार जब प्रदेश सरकार ने 29 मार्च तक सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थाएं और सार्वजनिक कार्यक्रम निरस्त कर दिए तो फिर इस तरह के धरने-प्रदर्शन की इजाजत क्यों दी गई है.

पढ़ें- 'कोरोना' के कहर से बेफिक्र है ये राजनेता.. कुछ की मजबूरी तो कुछ सियासत के जुनून में है बेफिक्र

सराफ के अनुसार क्या इस धरने में शामिल लोगों को कोरोना नहीं हो सकता है? उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री गहलोत को इस धरने में शामिल लोगों के जान की परवाह करते हुए धरने की अनुमति निरस्त करने के आदेश देने चाहिए.

खाचरियावास का पलटवार

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ की इस मांग पर परिवहन मंत्री और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार किया है. खाचरियावास ने कहा, कि भाजपा कोरोना जैसी बीमारी पर भी सियासत करने से बाज नहीं आ रही है.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है, कि सीएए के खिलाफ इन लोगों का धरना कोरोना वायरस की जानकारी से पहले से चल रहा है और जो लोग धरने पर बैठे हैं, उन्हें भी इस बीमारी और संक्रमण का पूरा ध्यान है कि किस तरह इसमें बचाव किया जा सकता है.

पढ़ें- कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह तैयार: ओम बिरला

बता दें कि कोरोना के कहर से बचाव के लिए केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री ने कुछ एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित न होने की भी अपील है. बस इसी एडवाइजरी और अपील को भाजपा नेता केंद्र सरकार के CAA लागू करने निर्णय के खिलाफ शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहे इन धरनों की अनुमति निरस्त कराने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

हालांकि परिवहन मंत्री के बयान से साफ है कि इन धरनों को दी गई प्रशासनिक अनुमति वापस लेने का फिलहाल सरकार या प्रशासन का कोई इरादा नहीं हैं. गौरतलब है कि 31 जनवरी से शहीद स्मारक पर और 7 फरवरी से कर्बला में यह धरना चल रहा है. इस धरने में काफी संख्या में विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के लोग एकत्रित होते हैं.

जयपुर. देश और प्रदेश में 'कोरोना' के कहर के कारण आगामी कुछ दिनों के लिए स्कूल, कॉलेज और बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. लेकिन इस बीच जयपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे धरना-प्रदर्शन जारी हैं, जिस पर अब भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं.

धरने पर भाजपा ने उठाया सवाल

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने शहीद स्मारक और कर्बला में चल रहे इस धरने को भी एहतियातन खत्म करने और सरकारी स्तर पर इसकी अनुमति निरस्त करने की मांग की है. सराफ के अनुसार जब प्रदेश सरकार ने 29 मार्च तक सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थाएं और सार्वजनिक कार्यक्रम निरस्त कर दिए तो फिर इस तरह के धरने-प्रदर्शन की इजाजत क्यों दी गई है.

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सराफ के अनुसार क्या इस धरने में शामिल लोगों को कोरोना नहीं हो सकता है? उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री गहलोत को इस धरने में शामिल लोगों के जान की परवाह करते हुए धरने की अनुमति निरस्त करने के आदेश देने चाहिए.

खाचरियावास का पलटवार

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ की इस मांग पर परिवहन मंत्री और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार किया है. खाचरियावास ने कहा, कि भाजपा कोरोना जैसी बीमारी पर भी सियासत करने से बाज नहीं आ रही है.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है, कि सीएए के खिलाफ इन लोगों का धरना कोरोना वायरस की जानकारी से पहले से चल रहा है और जो लोग धरने पर बैठे हैं, उन्हें भी इस बीमारी और संक्रमण का पूरा ध्यान है कि किस तरह इसमें बचाव किया जा सकता है.

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बता दें कि कोरोना के कहर से बचाव के लिए केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री ने कुछ एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित न होने की भी अपील है. बस इसी एडवाइजरी और अपील को भाजपा नेता केंद्र सरकार के CAA लागू करने निर्णय के खिलाफ शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहे इन धरनों की अनुमति निरस्त कराने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

हालांकि परिवहन मंत्री के बयान से साफ है कि इन धरनों को दी गई प्रशासनिक अनुमति वापस लेने का फिलहाल सरकार या प्रशासन का कोई इरादा नहीं हैं. गौरतलब है कि 31 जनवरी से शहीद स्मारक पर और 7 फरवरी से कर्बला में यह धरना चल रहा है. इस धरने में काफी संख्या में विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के लोग एकत्रित होते हैं.

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