जयपुर. मालपुरा में कथित रूप से हिंदू परिवारों के पलायन से जुड़ा मामला अब तूल पकड़ने लगा है. गुरुवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने कहा कि मालपुरा वो कस्बा है जहां बहुसंख्यक लोग बहुत शांति से सब लोगों का सम्मान करते हुए रहते हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अनेकों बार वहां दंगे भी हुए और सांप्रदायिक तौर पर वहां अशांति भी हुई.
उन्होंने कहा कि वहां पर 300 परिवारों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा और अंतत: परिवारों को अपने घर के बाहर पोस्टर भी चस्पा करना पड़ा. पूनिया ने इसे गंभीर मसला बताते हुए सरकार द्वारा इस पर संज्ञान लेने की मांग की.
उन्होंने कहा कि यह एक घटनाक्रम नहीं है, बल्कि मेवात में तो यह काम बड़े पैमाने पर होता है. वहां न तो मंदिर बख्शे जाते हैं, न खेत की जमीन और बस्तियां बख्शी जाती हैं. उन्होंने कहा कि मालपुरा के लोगों को न्याय मिले, यह प्रदेश सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए. भाजपा प्रदेश मंत्री और विधायक मदन दिलावर ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला है और टोंक पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं.
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गौरतलब है कि मालपुरा प्रदेश में संवेदनशील इलाकों में शुमार है. इस कस्बे के 2 वार्डों के बहुसंख्यक समाज के लोगों ने असुरक्षा का अंदेशा जताते हुए अपने घरों के बाहर पलायन का पोस्टर चस्पा कर दिया था. जिसके बाद अब इस पर सियासी उबाल आ गया है.
24 फसलों को एमएसपी में शामिल करने पर पूनिया ने जताया पीएम मोदी का आभार...
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की उन्नति और विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को इसके जरिए दर्शाया है. पूनिया ने हाल ही में रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में किए गए बढ़ोतरी को भी किसान के हित में बताया और उसके लिए मोदी सरकार का आभार जताया.