जयपुर. राजस्थान (Rajasthan Comgress) में कांग्रेस जहां बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलनरत है, तो वहीं इसके जवाब में भाजपा (Rajasthan BJP) प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों को मुद्दा बनाकर गहलोत सरकार को घेरने में जुटी है. बुधवार को भाजपा ने सिविल लाइंस फाटक पर विरोध प्रदर्शन कर राज्यपाल (Governor Kalraj Mishra) के नाम ज्ञापन सौंपा, लेकिन इस प्रदर्शन में ही पार्टी के मौजूदा विधायक नदारद रहे. वहीं, कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) की भी यहां धज्जियां उड़ती नजर आई.
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जयपुर शहर भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी के सभी मोर्चा प्रकोष्ठ के पदादिकारी और जयपुर से जुड़े जनप्रतिनिधि शामिल हुए. प्रदेश भाजपा मुख्यालय (Rajasthan BJP) के बाहर शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सिविल लाइन फाटक तक गहलोत सरकार (Rajasthan Government) के खिलाफ पैदल मार्च निकाला गया और फिर यहां जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारी भाजपा नेताओं का आरोप था कि जब से राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Government) सत्ता में आई है, तब से लगातार कानून व्यवस्था की हालत खराब हुई है. महिलाओं के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग पर अत्याचार बढ़े हैं.
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विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने हाथ में काले झंडे लेकर सिविल लाइंस फाटक की ओर कूच किया. हालांकि, इस दौरान वहां तैनात पुलिस अधिकारियों और जवानों ने उन्हें रोक दिया. विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस (Rajasthan Police) से तीखी नोकझोंक भी हुई.
विरोध प्रदर्शन में काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की भीड़ जुटी, लेकिन कार्यक्रम के दौरान जयपुर शहर से आने वाले मौजूदा भाजपा विधायकों की गैरमौजूदगी भी चर्चा का विषय बनी रही. विरोध प्रदर्शन में विधायक कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf) और नरपत सिंह राजवी शामिल नहीं हुए.
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वहीं, विरोध प्रदर्शन समाप्ति के अंतिम समय में सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी (Ashok Lahoti) इसमें शामिल हुए. पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता और कैलाश वर्मा इस कार्यक्रम से दूर ही रहे. हालांकि, अक्सर विरोध-प्रदर्शनों से दूर रहने वाले पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए.
पूर्व विधायक व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक परनामी और अरुण चतुर्वेदी (Arun Chaturvedi) भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. हवामहल से पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक भी प्रदर्शन में दिखे, लेकिन आमेर से विधायक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
राजस्थान में जिस तरह से लगातार विरोध-प्रदर्शन का दौर चल रहा है उसके बाद यह महसूस नहीं होता की किसी को कोरोना को लेकर कोई डर है. सरकार ने दोनों से जुड़ी गाइडलाइन में सभी प्रकार के धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है. लेकिन, प्रदेश में चाहे सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्षी दल भाजपा (BJP) दोनों के ही कार्यकर्ता लगातार विरोध प्रदर्शन कर सड़कों पर नजर आ रहे हैं. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) की भी जमकर धज्जियां उड़ी.
बता दें, इससे पहले भी 9 जुलाई को भाजपा युवा मोर्चा ने जयपुर कलेक्ट्रेट सर्किल पर गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में मोर्चा कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी थी और कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई थी.
वहीं, विरोध-प्रदर्शन के दौरान मोर्चा कार्यकर्ताओं की पुलिस (Jaipur Police) से तीखी नोकझोंक भी हुई, जिसमें मोर्चा से जुड़े कुछ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को हल्की चोटें भी आई थी. प्रदर्शन के बाद मोर्चा कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में भीड़ के साथ घुसना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर बाहर ही रोक दिया था. प्रदर्शन में शामिल मोर्चे से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने अपने मुंह पर मास्क तक नहीं लगा रखा था और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की तो किसी ने भी पालना नहीं की.