जयपुर. राजस्थान में उपचुनाव की रणभेरी बच चुकी है. जिसके मद्देनजर बीजेपी ने अपनी कमर कस ली है और तारीखों के एलान के साथ ही पार्टी तैयारी में जुट गई है. वहीं राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी को अहम जिम्मेदारी मिली है. यह दोनों नेता 21 सितंबर को इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में पहुंच कर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक राजनीतिक चर्चा करेंगे. हालांकि बीजेपी नागौर विधानसभा सीट पर गठबंधन निभाने के संकेत दे रही है.
राजस्थान के दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तारीखों की घोषणा हो गई है. घोषणा के साथ ही खींवसर विधानसभा सीट को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी खींवसर की विधानसभा सीट पर गठबंधन निभाएगी, क्योंकि इस सीट से विधायक रहे हनुमान बेनीवाल गठबंधन के जरिए लोकसभा का चुनाव लड़े थे.
बेनीवाल के जीत के बाद यह सीट खाली हो गई थी. ऐसे में बीजेपी इस गठबंधन को कायम रख सकती है. इसके संकेत शनिवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने दिए. पुनिया ने कहा कि लोकसभा में जो एक सीट पर गठबंधन हुआ था वह केंद्रीय नेतृत्व के विचार-विमर्श के बाद लिया गया था. बीजेपी अपने गठबंधन पर कायम रहने वाली पार्टी है और बीजेपी अपना गठबंधन धर्म निभाएगी. हालांकि उन्होंने अंतिम फैसला बीजेपी आलाकमान पर छोड़ दिया.
पूनिया ने कहा कि जो भी निर्णय होगा वह आलाकमान तय करेंगे. बीजेपी मुख्यालय में आज दोनों विधानसभा सीटों के उपचुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही बैठक की गई. जिसमें यह भी तय किया गया कि मंडावा राजेंद्र राठौड़ जाएंगे वहीं खींवसर अरुण चतुर्वेदी जाएंगे. यह दोनों नेता विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के नेताओं से बैठक करेंगे और चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही यह फीडबैक भी लेंगे कि वहां की जनता किस उम्मीदवार को लेकर किस तरह का विचार रखती है. राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी कल यानी 21 सितंबर को ही दोनों विधानसभा क्षेत्रों पर बैठक करेंगे.