जयपुर. दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी के मामले को लेकर राजस्थान में सियासी तापमान भी लगातार उछाल पर है. भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर चौतरफा हमला बोल दिया है.
पढ़ेंः रामेश्वर जाटव हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी, हत्या के दो आरोपी गिरफ्तार
राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता सुमन शर्मा ने वीडियो बयान जारी कर सरकार पर हमला बोला है. वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और भाजपा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है.
भाजपा नेता और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि राजस्थान में हर दिन दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. पिछले एक महीने की घटनाओं को जब देखते हैं तो बहुत ज्यादा पीड़ा होती है. उन्होंने कहा कि अलवर में एक समुदाय विशेष के लोग सोलह साल की एक बालिका को उठाकर ले जाते हैं और गैंगरेप करते हैं. गोगुंदा में दुष्कर्म होता है. बारां में महिला पति के साथ जा रही है. उसके साथ गैंगरेप होता है. सीकर, झुंझुनू कोई ऐसा जिला नहीं है जहां से दुष्कर्म की खबरें सामने नहीं आ रही हो, लेकिन आश्चर्य तब होता है जब सरकार की तरफ से इन मामलों पर कोई प्रतिक्रिया तक जारी नहीं की जाती है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गृह विभाग भी है. कानून और व्यवस्था बिलकुल चरमरा गई है, लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से कभी दो शब्द तक नहीं कहे गए. यह सबसे बड़ा सवालिया निशान है. जो सरकार मां-बेटियों की रक्षा नहीं कर सके वो सरकार किस काम की. राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो इस सरकार की सबसे बड़ी विफलता है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राजस्थान को रेपिस्तान नहीं बनने दें.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने ट्वीट किया कि जो मुखिया अपने प्रदेश की जनता विशेष रूप से महिला और बच्चों की सुरक्षा नहीं दे पाए. उसे अपने पद पर रहने का कोई नैतिक हक नहीं है. सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने पर ध्यान है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि एक बार क्षेत्र में निकलिए और लोगों की पीड़ा को जानिए.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया कि गहलोत सरकार प्रदेश की महिलाओं-बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने में कितनी सतर्क और मुस्तैद है. इसका प्रमाण पुलिस विभाग के आंकड़े से स्पष्ट हो जाता है. लॉकडाउन में पुलिस के सख्त पहरे के बावजूद विगत 6 महीने में दुष्कर्म की घटनाओं में 30 फीसदी की बढ़ोतरी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है.