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बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर भाजपा के विरोध के पीछे की यह है पूरी कहानी....

लगभग 4 महीने पहले बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस में शरण ले ली थी, अब उनकी सदस्यता पर तलवार लटक रही है. इसके खिलाफ भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपनी गुहार लगाई है.

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Published : Mar 8, 2020, 9:03 PM IST

jaipur news, जयपुर की खबर
बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर भाजपा का विरोध

जयपुर. लगभग 4 महीने पहले बसपा के जिन छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया गया, अब उनकी सदस्यता पर भी तलवार लटक गई है. इसके खिलाफ भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपनी गुहार लगाई हैं. हालांकि भाजपा ने 4 महीने बाद अपनी आपत्ति दर्ज की है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह 29 फरवरी को राजस्थान विधानसभा में हुआ सेमिनार है, जिसमें राज्यसभा के उपसभापति भी शामिल हुए थे.

बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर भाजपा का विरोध

इस दौरान उन्होंने दल-बदल कानून को लेकर चर्चा भी की थी. उसके बाद ही भाजपा ने प्रदेश में 4 माह पूर्व हुए इस घटनाक्रम की परते उधेड़ना शुरू कर दी थी. दरअसल, भाजपा ने इस संबंध में कानूनी राय लेने के बाद ही कदम उठाया है. भाजपा विधायकों का मानना है कि बसपा के 6 विधायक अपने स्तर पर पार्टी का विलय नहीं कर सकते.

पढ़ें- जयपुर में वाहन चोरों पर पुलिस कस रही नकेल, 5 दिनों में 50 वाहन बरामद, 12 गिरफ्तार

भाजपा का तर्क है कि 52वें संविधान संशोधन के तहत दल-बदल कानून में जब तक कम से कम दो तिहाई सदस्य या पूरी पार्टी का किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं होता, तब तक किसी भी जनप्रतिनिधि का दल-बदल संवैधानिक नहीं होता हैं. भाजपा के अनुसार बहुजन समाज पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है और केवल राजस्थान बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस की सदस्यता ली है. इसके लिए उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.

बताया जा रहा है कि इस प्रकरण को लेकर कुछ दिनों पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने केंद्रीय गृहमंत्री और पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात करके चर्चा की थी. हालांकि इसके बाद से लेकर अब तक प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन पिछले रविवार को हुई विधानसभा के सेमिनार में जब ये चूक पकड़ में आई तो उसके बाद पार्टी ने इसके खिलाफ तुरंत प्रभाव से एक्शन लेने का विचार किया और सत्र के दौरान ही विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका तक लगा डाली.

राज्यसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा ने पाली गलतफहमी - जोशी

वहीं, भाजपा विधायकों के इन आरोपों को सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने सिरे से खारिज किया है. जोशी के अनुसार आरोप लगाना और अड़ंगी लगाना भाजपा की पुरानी आदत है. जोशी ने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं को आगामी राज्यसभा चुनाव को लेकर यदि कोई गलतफहमी है तो वह भी दूर कर लें.

जयपुर. लगभग 4 महीने पहले बसपा के जिन छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया गया, अब उनकी सदस्यता पर भी तलवार लटक गई है. इसके खिलाफ भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपनी गुहार लगाई हैं. हालांकि भाजपा ने 4 महीने बाद अपनी आपत्ति दर्ज की है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह 29 फरवरी को राजस्थान विधानसभा में हुआ सेमिनार है, जिसमें राज्यसभा के उपसभापति भी शामिल हुए थे.

बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर भाजपा का विरोध

इस दौरान उन्होंने दल-बदल कानून को लेकर चर्चा भी की थी. उसके बाद ही भाजपा ने प्रदेश में 4 माह पूर्व हुए इस घटनाक्रम की परते उधेड़ना शुरू कर दी थी. दरअसल, भाजपा ने इस संबंध में कानूनी राय लेने के बाद ही कदम उठाया है. भाजपा विधायकों का मानना है कि बसपा के 6 विधायक अपने स्तर पर पार्टी का विलय नहीं कर सकते.

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भाजपा का तर्क है कि 52वें संविधान संशोधन के तहत दल-बदल कानून में जब तक कम से कम दो तिहाई सदस्य या पूरी पार्टी का किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं होता, तब तक किसी भी जनप्रतिनिधि का दल-बदल संवैधानिक नहीं होता हैं. भाजपा के अनुसार बहुजन समाज पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है और केवल राजस्थान बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस की सदस्यता ली है. इसके लिए उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.

बताया जा रहा है कि इस प्रकरण को लेकर कुछ दिनों पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने केंद्रीय गृहमंत्री और पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात करके चर्चा की थी. हालांकि इसके बाद से लेकर अब तक प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन पिछले रविवार को हुई विधानसभा के सेमिनार में जब ये चूक पकड़ में आई तो उसके बाद पार्टी ने इसके खिलाफ तुरंत प्रभाव से एक्शन लेने का विचार किया और सत्र के दौरान ही विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका तक लगा डाली.

राज्यसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा ने पाली गलतफहमी - जोशी

वहीं, भाजपा विधायकों के इन आरोपों को सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने सिरे से खारिज किया है. जोशी के अनुसार आरोप लगाना और अड़ंगी लगाना भाजपा की पुरानी आदत है. जोशी ने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं को आगामी राज्यसभा चुनाव को लेकर यदि कोई गलतफहमी है तो वह भी दूर कर लें.

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