जयपुर. उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर की वेधशाला में लगा शिलालेख विवाद तूल पकड़ चुका है. जयपुर पूर्व राजपरिवार (Sawai Raja Jai Singh stated as Servant of Mughal) के सदस्य और भाजपा सांसद दीया कुमारी ने इसको लेकर जल्द कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही शिलालेख से विवादित और गलत तथ्य हटाने की भी बात कही है.
रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दीया कुमारी ने कहा कि इससे केवल राजस्थानवासी ही नहीं, बल्कि पीएमओ से लेकर विदेश और सांस्कृतिक मंत्रालय तक आहत है. मैंने इस सिलसिले में विदेश मंत्री को पत्र भी लिखा है और तुरंत कार्रवाई का आग्रह भी किया है. दीया कुमारी ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि उज्बेकिस्तान सरकार से बात कर वहां लगे विवादित शिलालेख को बदला जाए.
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दीया कुमारी के अनुसार शिलालेख में लिखा गया तथ्य गलत और बेहद दुखद है. दीया कुमारी (Offensive remarks on Sawai Raja Jai Singh) ने कहा कि महाराजा सवाई जयसिंह जी ने जयपुर और राजस्थान के लिए बहुत कुछ किया है और खगोल शास्त्र में उनकी देन को भुलाया नहीं जा सकता. लेकिन जिस प्रकार के गलत तथ्य शिलालेख में लगाए गए, इसकी जानकारी हमें भी पहले नहीं थी. लेकिन अब केंद्र सरकार से आग्रह के बाद इस संबंध मेंउज्बेकिस्तान सरकार से बात कर शिलालेख से गलत तथ्य हटाए जाने पर वार्ता की जाएगी.
ये है मामला : समरकंद की वेधशाला में लगे शिलालेख में जयपुर के पूर्व महाराजा और देश में (Diya Kumari on Raja Sawai Jai Singh dispute) तीन वेधशालाएं बनाने वाले सवाई जयसिंह को मुगलों का नौकर बताया गया है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी और पूर्व सांसद ने हाल ही में केंद्रीय विदेश मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि ये भारत का अपमान है.
उन्होंने मांग कि थी कि उज्बेकिस्तान के सामने विदेश मंत्रालय ये मुद्दा उठाए और संशोधन की मांग करे. वहीं, राजस्थान से जुड़े लोगों और इतिहासकारों ने भी विरोध जताते हुए कहा है कि उज्बेकिस्तान भारत में मुगल शासन का गलत इतिहास बता रहा है. अब जयपुर राजपरिवार ने भी केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है.