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कर्नाटक से जुड़े हिजाब विवाद पर बोले भाजपा नेता...देश में अस्थिरता उत्पन्न करने का षड्यंत्र चल रहा

हिजाब को लेकर जारी विवाद पर राजस्थान भाजपा विधायकों की प्रतिक्रिया (BJP MLAs statement on hijab controversy) सामने आई है. भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसे देश में अस्थिरता का षडयंत्र करार दिया है. जबकि विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि संस्थान के ड्रेस कोड की पालना करनी चाहिए. वहीं पूनिया और राठौड़ ने भी घटना की निंदा की.

BJP MLAs statement on hijab controversy
हिजाब मामले पर बोले भाजपा विधायक
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Published : Feb 11, 2022, 4:36 PM IST

Updated : Feb 11, 2022, 10:41 PM IST

जयपुर. कर्नाटक में चल रहे हिजाब से जुड़े विवाद पर राजस्थान भाजपा विधायकों की भी प्रतिक्रिया (BJP MLAs statement on hijab controversy) सामने आई है. भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसे देश में अस्थिरता का षड्यंत्र करार दिया है. वहीं विधायक रामलाल शर्मा कहते हैं कि कॉलेज में ग्रामीण परिवेश के बच्चे पढ़ते हैं और उनका मन हो कि धोती पहनकर कॉलेज जाएं, तो संस्थान के ड्रेस कोड की पालना तो करना ही चाहिए.

भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर कहते हैं कि किसी भी धर्म के लोगों का धार्मिक पोशाक पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में जाना ठीक नहीं है. क्योंकि हर स्कूल और कॉलेज के अपने ड्रेस कोड होते हैं और विद्यार्थी को वही पहनकर जाना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि बावजूद इसके कई लोग धार्मिक पोशाक पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में जा रहे हैं तो दिलावर ने कहा यह देश में अस्थिरता पैदा करने का एक षड्यंत्र है जो ठीक नहीं है.

हिजाब मामले पर बोले भाजपा विधायक

पढ़ें. Hijab Controversy in Rajasthan : चाकसू के निजी कॉलेज में छात्राओं को बुरका पहनने पर टोका, बढ़ा विवाद

ग्रामीण परिवेश का छात्र धोती पहन कर जाना चाहे तो भी ठीक नहींः भाजपा विधायक और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा के अनुसार वे खुद राजस्थान यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं और वहां का अपना ड्रेस कोड है. ऐसे में हर धर्म के स्टूडेंट्स को चाहिए कि वह संस्थान के ड्रेस कोड की पालना करें. क्योंकि संविधान में जो अधिकार दिए हैं उसी के तहत उसका उपयोग होना चाहिए और प्राकृतिक नियमों से भी छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए. शर्मा से जब चाकसू के कॉलेज में हिजाब पहनकर जाने के मामले में कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में तो अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश के ही अध्ययन करते हैं. उनका भी मन होता है कि वे धोती पहनकर यूनिवर्सिटी और कॉलेज जाएं लेकिन यह ठीक नहीं है, क्योंकि नियमों की पालना तो करना ही पड़ेगी.

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स्कूल में धार्मिक ड्रेस पहनने का माहौल बनाया जाना गलत
कर्नाटक में हुआ हिजाब विवाद अब जयपुर के चाकसू तक भी देखने को मिला जहां हिजाब पहनने पर शिक्षण संस्थान पहुंची छात्राओं को रोक दिया गया. इस मामले में राजस्थान विधानसभा के बाहर पत्रकारों से रूबरू होते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षण संस्थाएं संस्कार और शिक्षा देने के लिए होती हैं. जिस तरह से आजादी से पहले विभाजन की ओर देश बढ़ रहा था, इन घटनाओं से लगता है कि देश एक बार फिर उसी दिशा में जा रहा है.

पढ़ें. हिजाब विवाद ने पकड़ा तूल, देश भर में सामने आ रही विरोध की घटनाएं

देवनानी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में धार्मिक ड्रेस पहनने का माहौल बनाया जा रहा है. वह अलगाववादी और विभाजनकारी तत्व हैं. उसकी हम निंदा करते हैं. अभी हम कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा. देवनानी ने कहा कि मेरी राष्ट्रवादी तत्वों से अपील है कि वह शिक्षण संस्थानों को इस तरह का अलगाववादी माहौल से मुक्त रखें. उन्होंने कहा कि धार्मिक पहनावे की स्वतंत्रता है लेकिन वह घर और बाजार में है लेकिन जब आप समूह में पढ़ने के लिए जाते हों तो वहां इस तरह की मांग उठाना अनुचित है. यह देश को विभाजन की ओर ले जाने वाला कदम है.

धारीवाल ने दिया जवाब

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि हर सरकारी और निजी स्कूलों की अपनी एक ड्रेस होती है और उसी ड्रेस में बच्चा पढ़ने के लिए जाता है. स्कूलों में किसी भी तरह की कोई धार्मिक ड्रेस नहीं होती है. आज तक तो नहीं हुई और न ही कॉलेजों में इस तरह की ड्रेस होती है.

चाकसू की घटना पर बोले राठौड़: उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हर किसी को अपनी धार्मिक आचरण करने की संवैधानिक छूट दी गई है. यदि इस तरह का आचरण शिक्षा के मंदिर में होने लगेगा तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा. इस तरह के संस्कार बच्चों में शुरू से ही पैदा हो जाएंगे. चाकसू की घटना की मैं निंदा करता हूं.

जयपुर. कर्नाटक में चल रहे हिजाब से जुड़े विवाद पर राजस्थान भाजपा विधायकों की भी प्रतिक्रिया (BJP MLAs statement on hijab controversy) सामने आई है. भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसे देश में अस्थिरता का षड्यंत्र करार दिया है. वहीं विधायक रामलाल शर्मा कहते हैं कि कॉलेज में ग्रामीण परिवेश के बच्चे पढ़ते हैं और उनका मन हो कि धोती पहनकर कॉलेज जाएं, तो संस्थान के ड्रेस कोड की पालना तो करना ही चाहिए.

भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर कहते हैं कि किसी भी धर्म के लोगों का धार्मिक पोशाक पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में जाना ठीक नहीं है. क्योंकि हर स्कूल और कॉलेज के अपने ड्रेस कोड होते हैं और विद्यार्थी को वही पहनकर जाना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि बावजूद इसके कई लोग धार्मिक पोशाक पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में जा रहे हैं तो दिलावर ने कहा यह देश में अस्थिरता पैदा करने का एक षड्यंत्र है जो ठीक नहीं है.

हिजाब मामले पर बोले भाजपा विधायक

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ग्रामीण परिवेश का छात्र धोती पहन कर जाना चाहे तो भी ठीक नहींः भाजपा विधायक और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा के अनुसार वे खुद राजस्थान यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं और वहां का अपना ड्रेस कोड है. ऐसे में हर धर्म के स्टूडेंट्स को चाहिए कि वह संस्थान के ड्रेस कोड की पालना करें. क्योंकि संविधान में जो अधिकार दिए हैं उसी के तहत उसका उपयोग होना चाहिए और प्राकृतिक नियमों से भी छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए. शर्मा से जब चाकसू के कॉलेज में हिजाब पहनकर जाने के मामले में कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में तो अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश के ही अध्ययन करते हैं. उनका भी मन होता है कि वे धोती पहनकर यूनिवर्सिटी और कॉलेज जाएं लेकिन यह ठीक नहीं है, क्योंकि नियमों की पालना तो करना ही पड़ेगी.

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स्कूल में धार्मिक ड्रेस पहनने का माहौल बनाया जाना गलत
कर्नाटक में हुआ हिजाब विवाद अब जयपुर के चाकसू तक भी देखने को मिला जहां हिजाब पहनने पर शिक्षण संस्थान पहुंची छात्राओं को रोक दिया गया. इस मामले में राजस्थान विधानसभा के बाहर पत्रकारों से रूबरू होते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षण संस्थाएं संस्कार और शिक्षा देने के लिए होती हैं. जिस तरह से आजादी से पहले विभाजन की ओर देश बढ़ रहा था, इन घटनाओं से लगता है कि देश एक बार फिर उसी दिशा में जा रहा है.

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देवनानी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में धार्मिक ड्रेस पहनने का माहौल बनाया जा रहा है. वह अलगाववादी और विभाजनकारी तत्व हैं. उसकी हम निंदा करते हैं. अभी हम कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा. देवनानी ने कहा कि मेरी राष्ट्रवादी तत्वों से अपील है कि वह शिक्षण संस्थानों को इस तरह का अलगाववादी माहौल से मुक्त रखें. उन्होंने कहा कि धार्मिक पहनावे की स्वतंत्रता है लेकिन वह घर और बाजार में है लेकिन जब आप समूह में पढ़ने के लिए जाते हों तो वहां इस तरह की मांग उठाना अनुचित है. यह देश को विभाजन की ओर ले जाने वाला कदम है.

धारीवाल ने दिया जवाब

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि हर सरकारी और निजी स्कूलों की अपनी एक ड्रेस होती है और उसी ड्रेस में बच्चा पढ़ने के लिए जाता है. स्कूलों में किसी भी तरह की कोई धार्मिक ड्रेस नहीं होती है. आज तक तो नहीं हुई और न ही कॉलेजों में इस तरह की ड्रेस होती है.

चाकसू की घटना पर बोले राठौड़: उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हर किसी को अपनी धार्मिक आचरण करने की संवैधानिक छूट दी गई है. यदि इस तरह का आचरण शिक्षा के मंदिर में होने लगेगा तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा. इस तरह के संस्कार बच्चों में शुरू से ही पैदा हो जाएंगे. चाकसू की घटना की मैं निंदा करता हूं.

Last Updated : Feb 11, 2022, 10:41 PM IST
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