जयपुर. राजस्थान की 15वीं विधानसभा का चौथा सत्र शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. लेकिन भाजपा विधायक राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ही अपना विरोध जाहिर करने लगे और सदन से वॉकआउट कर गए.
दरअसल, सदन में जब राज्यपाल कलराज मिश्र पहुंचे और उन्होंने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया तो सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खड़े हो गए और उन्होंने सरकार पर नियमों की अवहेलना कर जल्दबाजी में विधानसभा सत्र बुलाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया. इस दौरान कटारिया ने कहा कि नियमों की अवहेलना करने के लिए सरकार ने राज्यपाल को भी मजबूर किया.
पढ़ें- विधायक के सिर पर विधानसभा पहुंचा टिड्डी दल, आहत किसानों के लिए मांगा मुआवजा
इस दौरान राज्यपाल का अभिभाषण जारी रहा, ऐसे में कटारिया ने सदन में वॉकआउट का ऐलान किया और भाजपा विधायक चले गए. बीजेपी के बर्हिगमन में आरएलपी विधायकों का भी सहयोग मिला. प्रतिपक्ष के उपनेता ने कहा कि मौजूदा सरकार इस सत्र को जल्दबाजी में बुलाकर सारी परंपराएं तोड़ दी है.
राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण के बाद आधे घंटे के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई. उसके बाद जब वापस सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो उसमें पिछले सत्र में पारित विधेयकों का विवरण रखा गया, जिसे राष्ट्रपति की अनुमति मिल गई. राजस्थान कृषि उपज मंडी संशोधन अध्यादेश 2019, राजस्थान जनाधार प्राधिकरण अध्यादेश 2019, राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन अध्यादेश 2019 को सदन के पटल पर रखा गया.
पढ़ें- विधानसभा में CAA के खिलाफ लाए जा रहे संकल्प पत्र का विरोध करेगी पार्टी- सांसद हनुमान बेनीवाल
वहीं, सदन में दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई और सदन की कार्रवाई शनिवार सुबह 11:00 बजे तक स्थगित कर दी गई. साथ ही राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की उपस्थिति चर्चा में रही. वसुंधरा राजे गुरुवार को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुई थी, लेकिन विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए वे सुबह 9:30 बजे ही विधानसभा परिसर पहुंच गई.