जयपुर. मध्यप्रदेश सरकार की ओर से लव जिहाद के खिलाफ कानून लाए जाने की चर्चाओं के बीच अब राजस्थान में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है. लव जिहाद पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आई प्रतिक्रिया को गैर-जिम्मेदारना करार देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देनवानी ने कहा कि प्रदेश में लव जिहाद से पीड़ित लड़कियों को कानून बनाकर न्याय दिलाने के बजाए गहलोत अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आ रहे हैं.
देवनानी ने कहा कि वे इधर-उधर की बात करना छोड़ मध्य प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून लाएं, नहीं तो आगामी विधानसभा चुनाव में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि लव जिहाद पर गहलोत का रूख गैर जिम्मेदारना और इस प्रकार के विचारों को प्रश्रय देने वाला है.
भेदभाव की नीति का खुले में दामन थामना कोई मुख्यमंत्री से सीखे...
भाजपा विधायक ने कहा कि गहलोत कह रहे हैं कि लव जिहाद बीजेपी की ओर से गढ़ा गया वह शब्द है जो राष्ट्रीय एवं सामुदायिक समरसता को छिन्न-भिन्न करता है. उन्होंने यह भी कहा कि शादी एक व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, जो कानून उसे व्यक्ति को पूर्णता प्रदान करता है. वोटों के लिए इस कदर तुष्टिकरण और भेदभाव की नीति का खुले में दामन थामना कोई मुख्यमंत्री से सीखे.
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देवनानी ने कहा कि पिछले 70 सालों से देश में राष्ट्रीय और सामुदायिक समरसता बिगाड़ने वाली कांग्रेस के नेता आज सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र पर काम करने वाली भाजपा पर अंगुली उठा रहे हैं. प्रदेश की प्रमुख समस्या लव जिहाद पर ब्रेक लगाने के बजाए प्रदेश के मुखिया की ओर से दाएं-बाएं की बात करना निश्चित रूप से लव जिहाद को प्रश्रय देने वालों के हौसले बुलंद करना है.
जोधपुर में भी आए हैं लव जिहाद के कई मामले...
पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने कहा कि एक दशक पहले केरल और उसके बाद कर्नाटक में लव जिहाद के मामले सामने आए. अब राजस्थान में और सीएम गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर में भी काफी संख्या में लव जिहाद के मामले सामने आए हैं, जो गहलोत को शायद दिखाई नहीं पड़ रहे हैं. भोली-भाली गैर मुस्लिम लड़कियों को पहले झूठे प्रेम जाल में फंसाना, ब्लैकमेल कर उन पर शादी करने का दबाव बनाना और धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किए जाने के मामले भी मुख्यमंत्री को दिखाई नहीं पड़ रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही है तो गहलोत ने वो कौन सा राजनीतिक चश्मा पहन रखा है जो ये गंभीर मामले सामने होते हुए भी दिखाई नहीं पड़ रहे. मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार होने के बाद भी भोली भाली बेटियों को लव जिहाद के कुचक्र में फंसाने का षड्यंत्र जारी रहना और उन्हें देखकर भी अनदेखा करना निश्चित रूप से निंदनीय है.
राजस्थान में भी लाएं लव जिहाद के खिलाफ कानून...
देवनानी ने कहा कि सवा दशक से हिंदू और ईसाई धर्म से जुड़े सामाजिक संगठनों की ओर से लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग उठती रही है. इस पर विचार करते हुए मध्यप्रदेश सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून ला सकती है तो राजस्थान सरकार के सामने ऐसी कौन सी मजबूरी है जो वह कानून नहीं ला पा रही है. देवनानी ने गहलोत से अनर्गल बातें करना छोड़ आगामी विधानसभा सत्र में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून लाने की मांग की है.