जयपुर. प्रदेश में लगातार बढ़ते महिला उत्पीड़न के मामलों में सियासी उबाल आ गया है. खास तौर पर पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक तेजी से बढ़े महिला उत्पीड़न के मामले में भाजपा प्रदेश सरकार के खिलाफ मुखर होने लगी है. भाजपा विधायक और प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने मौजूदा स्थिति को चिंताजनक करार देते हुए प्रदेश गहलोत सरकार के रवैए पर सवाल उठाया है.
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रामलाल शर्मा ने महिला उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार के उदासीन रवैए के कारण प्रदेश महिला उत्पीड़न में सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया है.
शर्मा ने कहा कि आए दिन घटनाएं हम सब के सामने आ रही हैं और हम सबको चिंतित भी करती है और डर भी महसूस करवाती है. जिस तरीके से अलवर के अंदर एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके उपरांत जिस तरीके से प्रदेश के हालात बने हुए हैं, आज एक भी जिला ऐसा नहीं बचा, जिस जिले के अंदर महिला उत्पीड़न की घटनाएं नहीं हो रही हो, लेकिन राजस्थान की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.
महिला उत्पीड़न के आंकड़े
भाजपा विधायक के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार मई तक महिलाओं से जुड़े अपराधों में बढ़ोतरी हुई है और राजस्थान पुलिस के आंकड़े यह बयां कर रहे हैं. शर्मा ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार इस बार मई तक दुष्कर्म के 2,461 और छेड़छाड़ के 3,508 मुकदमे दर्ज हुए जो पिछले साल से कहीं ज्यादा है.
गहलोत पर भी साधा निशाना
भाजपा विधायक ने कहा कि आज भी मुख्यमंत्री महोदय कोविड की वजह से क्वॉरेंटाइन है और यह उनका क्वॉरेंटाइन स्वास्थ्य या राजनीतिक दृष्टि से क्वॉरेंटाइन है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
रामलाल शर्मा ने कहा कि कम से कम मुख्यमंत्री को संवेदनशीलता दिखाते हुए राजस्थान के अंदर इस प्रकार से जो महिला अत्याचार बढ़ रहा है और विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ रहे हैं, उनके ऊपर अंकुश लगाने का काम करें और जो इस तरीके की घटनाओं में लिप्त रहने वाले असामाजिक तत्व या अपराधी है, उनको जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम करें, तभी राजस्थान के अंदर पुलिस का नारा आमजन में विश्वास अपराधियों में डर का नारा सही साबित होगा अन्यथा मुश्किल है.