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राजस्थान विधानसभा: सदन में उठी पटवारियों और ईडब्ल्यूएस आरक्षण सर्टिफिकेट नियमों में शिथिलता की मांग

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Published : Feb 15, 2021, 8:44 PM IST

प्रदेश में विभिन्न मांगों को लेकर पटवारी आंदोलनरत हैं. विधानसभा में भी पटवारियों की मांग को भाजपा विधायक चंद्रभान आक्या ने पुरजोर तरीके से उठाया. शून्यकाल में चंद्रभान आक्या ने स्थगन के जरिए यह मामला उठाते हुए सरकार का ध्यान पटवारियों की विभिन्न मांगों की ओर आकर्षित किया.

rajasthan assembly,  patwari protest in rajasthan
राजस्थान विधानसभा

जयपुर. प्रदेश में विभिन्न मांगों को लेकर पटवारी आंदोलनरत हैं और राजधानी जयपुर में भी सोमवार को उनका आंदोलन का खासा प्रभाव देखा गया. विधानसभा के बीच सदन में भी पटवारियों की मांग को भाजपा विधायक चंद्रभान आक्या ने पुरजोर तरीके से उठाया. शून्यकाल में चंद्रभान आक्या ने स्थगन के जरिए यह मामला उठाते हुए सरकार का ध्यान पटवारियों की विभिन्न मांगों की ओर आकर्षित किया.

राजस्थान विधानसभा में पटवारियों का मुद्दा

पढ़ें: वसुंधरा राजे समर्थकों की बैठक पर पूनिया ने कहा- सभी को अपनी बात पार्टी प्लेटफार्म पर रखनी चाहिए

विधायक ने कहा की पटवारी 2400 से 3600 ग्रेड पे करने के लिए कई वर्षों से मांग कर रहे हैं और 28 अप्रैल 2018 में उनके आंदोलन को देखते हुए सरकार के साथ लिखित में समझौता भी हुआ था. लेकिन अब तक उसे लागू नहीं किया गया. चंद्रभान आक्या के अनुसार दिसंबर 2019 से यह पटवारी अहिंसात्मक रूप से आंदोलन कर रहे हैं. वही 15 जनवरी से प्रदेश में रेवेन्यू के कामकाज लगभग बंद से पढ़े हैं और अब तो वो अजमेर से पैदल मार्च करते हुए जयपुर तक आ गए हैं. ऐसे में पटवारियों की नई भर्ती करने के साथ ही पूर्व में जो लिखित समझौता हुआ था. उसे सरकार जल्द ही पूरा करें ताकि पटवारियों की हड़ताल खत्म हो.

शून्य काल में भाजपा विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए शादीशुदा महिलाओं के बनाए जाने वाले प्रमाण पत्र के नियमों में संशोधन की मांग की. अर्जुन लाल के अनुसार शादीशुदा महिला से भी ईडब्ल्यूएस के सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उसके पिता की आय का प्रमाण पत्र लिया जाता है जबकि यह गलत है. शादी के बाद महिला पति के परिवार से जुड़ जाती है. ऐसे में इस सर्टिफिकेट को बनाने के लिए पति की आय ही मान्य होना चाहिए ना की पिता की आय का.

विधायक अर्जुनलाल ने सरकार से नियमों में संशोधन की मांग की. शून्य काल में ही भाजपा विधायक हमीर सिंह भायल ने सिवाना में पेयजल के अटके हुए कार्यों पर नाराजगी जताई और यह तक कह दिया कि पूरी विधानसभा क्षेत्र में पेयजल विभाग के कई पद खाली पड़े हैं और एक पंप ड्राइवर के भरोसे ही पूरा विभाग वहां चल रहा है.

जयपुर. प्रदेश में विभिन्न मांगों को लेकर पटवारी आंदोलनरत हैं और राजधानी जयपुर में भी सोमवार को उनका आंदोलन का खासा प्रभाव देखा गया. विधानसभा के बीच सदन में भी पटवारियों की मांग को भाजपा विधायक चंद्रभान आक्या ने पुरजोर तरीके से उठाया. शून्यकाल में चंद्रभान आक्या ने स्थगन के जरिए यह मामला उठाते हुए सरकार का ध्यान पटवारियों की विभिन्न मांगों की ओर आकर्षित किया.

राजस्थान विधानसभा में पटवारियों का मुद्दा

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विधायक ने कहा की पटवारी 2400 से 3600 ग्रेड पे करने के लिए कई वर्षों से मांग कर रहे हैं और 28 अप्रैल 2018 में उनके आंदोलन को देखते हुए सरकार के साथ लिखित में समझौता भी हुआ था. लेकिन अब तक उसे लागू नहीं किया गया. चंद्रभान आक्या के अनुसार दिसंबर 2019 से यह पटवारी अहिंसात्मक रूप से आंदोलन कर रहे हैं. वही 15 जनवरी से प्रदेश में रेवेन्यू के कामकाज लगभग बंद से पढ़े हैं और अब तो वो अजमेर से पैदल मार्च करते हुए जयपुर तक आ गए हैं. ऐसे में पटवारियों की नई भर्ती करने के साथ ही पूर्व में जो लिखित समझौता हुआ था. उसे सरकार जल्द ही पूरा करें ताकि पटवारियों की हड़ताल खत्म हो.

शून्य काल में भाजपा विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए शादीशुदा महिलाओं के बनाए जाने वाले प्रमाण पत्र के नियमों में संशोधन की मांग की. अर्जुन लाल के अनुसार शादीशुदा महिला से भी ईडब्ल्यूएस के सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उसके पिता की आय का प्रमाण पत्र लिया जाता है जबकि यह गलत है. शादी के बाद महिला पति के परिवार से जुड़ जाती है. ऐसे में इस सर्टिफिकेट को बनाने के लिए पति की आय ही मान्य होना चाहिए ना की पिता की आय का.

विधायक अर्जुनलाल ने सरकार से नियमों में संशोधन की मांग की. शून्य काल में ही भाजपा विधायक हमीर सिंह भायल ने सिवाना में पेयजल के अटके हुए कार्यों पर नाराजगी जताई और यह तक कह दिया कि पूरी विधानसभा क्षेत्र में पेयजल विभाग के कई पद खाली पड़े हैं और एक पंप ड्राइवर के भरोसे ही पूरा विभाग वहां चल रहा है.

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