जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने डॉक्टर्स की नियुक्ति में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने आरयूएचएस द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में चयनित 2 हजार डॉक्टर्स को शीघ्र नियुक्ति देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है.
सराफ ने कहा कि सीएम ने प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए अपने बजट भाषण में जल्द से जल्द दो हजार डॉक्टर्स की नियुक्ति किए जाने की घोषणा की थी, लेकिन इतने विलंब के बाद भी सरकार द्वारा डॉक्टर्स की भर्ती नहीं की गई है. पूर्व में तकनीकी खामी बताकर राज्य सरकार दो बार भर्ती परीक्षा को रद्द कर चुकी है. बहुत विलंब के बाद 28 अक्टूबर 2020 को आरयूएचएस ने भर्ती परीक्षा आयोजित की, जिसका रिजल्ट आने के बाद चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन कार्य भी पूरा हो चुका है, लेकिन परीक्षा में चयनित हुए 2 हजार डॉक्टर्स को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई है. अपनी नियुक्ति में हो रहे विलंब से चयनित डॉक्टर्स में निराशा और आक्रोश उत्पन्न हो रहा है.
सराफ ने पत्र में मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इससे लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉक्टर्स की नियुक्ति में हो रही देरी चिंता का विषय है. आपसे आग्रह है कि चयनित हुए 2 हजार डॉक्टर्स की शीघ्र नियुक्ति हेतु आदेश प्रदान करें.
कोटा जेकेलोन दुखान्तिका पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का बयान निंदनीय- सराफ
पूर्व मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के उस बयान की निंदा की है. जिसमें उन्होंने बीजेपी पर किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए कोटा जेकेलोन मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है. सराफ ने कहा कि यूडीएच मंत्री का बयान दुख में डूबी माताओं और उन परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है. जिन्होंने अपने नवजातों को खोया है.
पढ़ेंः राजस्थान के मुख्यमंत्री पर फिल्म बननी चाहिए, 'गहलोत जी तुमसे नहीं हो पाएगा' : सतीश पूनिया
सराफ ने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण यूडीएच मंत्री आत्मग्लानि से ग्रस्त हैं, और असंवेदनशीलता की हदें पार कर बोखलाहट में अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. उन्हें अपने इस आपत्तिजनक बयान के लिए शोकाकुल परिवारों और राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए.